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सुंदर शहर का है ख्वाब, पर भूल जाते सफाई में सहयोग की बातें

गया : नगर निगम की स्वच्छता रैंकिंग में पिछले वर्ष की तुलना में सुधार लाने के लिए जोर आजमाइश की जा रही है. इसके तहत शुक्रवार से निगम क्षेत्र को पांच जोनों में बांट कर एपी कॉलोनी से जागरूकता अभियान शुरू किया गया. इस अभियान में निगम के अधिकारी, कर्मचारी व दो वार्ड पार्षद ही […]

गया : नगर निगम की स्वच्छता रैंकिंग में पिछले वर्ष की तुलना में सुधार लाने के लिए जोर आजमाइश की जा रही है. इसके तहत शुक्रवार से निगम क्षेत्र को पांच जोनों में बांट कर एपी कॉलोनी से जागरूकता अभियान शुरू किया गया. इस अभियान में निगम के अधिकारी, कर्मचारी व दो वार्ड पार्षद ही दिखे.

आसपास के वार्डों के किसी भी पार्षद ने जागरूकता अभियान में शरीक होना मुनासिब नहीं समझा. लोगों के बीच चर्चा का विषय बना रहा कि मेयर, डिप्टी मेयर व सशक्त स्थायी समिति के सदस्य कोई भी जागरूकता अभियान में नजर नहीं आये. शुक्रवार को दो-ढाई घंटे तक चले जागरूकता अभियान में वार्ड 32 के पार्षद गजेंद्र सिंह व वार्ड 39 के पार्षद संजय कुमार सिन्हा ही पहुंच सके. अभियान का नेतृत्व कर रहे नगर आयुक्त विजय कुमार, सिटी मैनेजर राजमणि गुप्ता व सुरेंद्र राम, सफाई प्रभारी शैलेंद्र कुमार सिन्हा व स्टोर प्रभारी पप्पू कुमार सड़क किनारे दुकानों व प्रतिष्ठानों में स्वच्छता के प्रति लोगों को जागरूक करते देखे गये.

नगर आयुक्त ने कहा कि शहर को सुंदर व स्वच्छ रखने के लिए लोगों का सहयोग हर स्तर पर जरूरी है. इसके बिना निगम को स्वच्छता सर्वे में अच्छा रैंक मिलना संभव नहीं है. इस दौरान व्यावसायिक प्रतिष्ठान, हॉस्पिटल, लोगों के घरों में निगम के प्रतिनिधि ने पर्चा के माध्यम से जागरूक करने का प्रयास किया. अभियान के दौरान माइक के माध्यम से प्रचार-प्रसार भी किया जा रहा था. लोगों को संदेश दिया जा रहा था कि कूड़ा-कचरा निश्चित स्थान पर फेंके, ऐसा नहीं करने पर जुर्माना किया जायेगा. इस दौरान मजिस्ट्रेट क्वार्टर के साथ अन्य सरकारी आवासों में भी साफ-सफाई की गयी. इस संबंध में मेयर वीरेंद्र कुमार व डिप्टी मेयर मोहन श्रीवास्तव ने कहा कि शुक्रवार को शहर से बाहर रहने के कारण जागरूकता अभियान में शामिल नहीं हो सके. दूसरे दिन के अभियान में सभी लोग शामिल होंगे.

जनवरी में शुरू होना है स्वच्छता सर्वे : निकाय क्षेत्रों में भारत सरकार की टीम जनवरी में स्वच्छता सर्वे करेगी. इस दौरान शहरवासियों के फीडबैक, निकाय क्षेत्र के ओडीएफ, डोर-टू-डोर कचरा कलेक्शन, कचरा निष्पादन, सफाई कर्मचारियों की ट्रेनिंग व्यवस्था, स्वच्छता के लिए नये प्रयोग के बेहतर प्रदर्शन पर निगम को रैंकिंग दी जानी है. पिछले वर्ष स्वच्छता सर्वे में निगम को 362 अंक मिला था. रैंक में सुधार लाने के लिए निगम के अधिकारी हाथ-पांव मार रहे हैं.
चार दिन पहले बुलायी गयी थी बोर्ड की बैठक
चार दिन पहले 19 दिसंबर को बोर्ड की बैठक में जागरूकता अभियान चलाने पर जोर-शोर से चर्चा की गयी थी. इस दौरान निगम क्षेत्र की पांच जगहों पर (एपी कॉलोनी, शास्त्री नगर, मानपुर, डेल्हा व नयी गोदाम) लोगों को जागरूक करने के लिए अभियान चलाने का निर्णय लिया गया. बैठक में साफ हो गया था कि अभियान के दौरान आसपास के पार्षद, मेयर, डिप्टी मेयर व सशक्त स्थायी समिति के सदस्य मौजूद रहेंगे. सूत्रों का कहना है कि हर बार बैठक में ओडीफ में सहयोग देने की बात पर पार्षद हामी भरते हैं. बैठक समाप्त होते ही सारी बात सभागार में ही छोड़ कर चले जाते हैं. पार्षद व अधिकारी जिस दिन चाह लेंगे, उसी दिन शहर की स्थिति सुधर जायेगी.

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