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जिले के विकास काे रोड मैप बनकर हुआ तैयार

केंद्र सरकार को भेजा गया प्रस्ताव अररिया : बीते दिनों केंद्रीय ग्रामीण विकास विभाग के उप सचिव के जिला भ्रमण के दौरान दिये गये निर्देश का अनुपालन जिला प्रशासन ने कर दिया है. निर्देश के आलोक में विकास के लिए परियोजना प्रस्ताव तैयार कर केंद्र सरकार को भेजा जा चुका है. परियोजना प्रस्ताव में पूर्णिया […]

केंद्र सरकार को भेजा गया प्रस्ताव

अररिया : बीते दिनों केंद्रीय ग्रामीण विकास विभाग के उप सचिव के जिला भ्रमण के दौरान दिये गये निर्देश का अनुपालन जिला प्रशासन ने कर दिया है. निर्देश के आलोक में विकास के लिए परियोजना प्रस्ताव तैयार कर केंद्र सरकार को भेजा जा चुका है. परियोजना प्रस्ताव में पूर्णिया के सरसी से रानीगंज होते हुए फारबिसगंज जाने वाली सड़क को राष्ट्रीय राजमार्ग घोषित करने की जरूरत भी बतायी गयी है.
गौरतलब है कि केंद्र सरकार ने आर्थिक व सामाजिक रूप से देश के सबसे अधिक पिछड़े जिलों के विकास की योजना बनायी है. फिलहाल जिन 30 अतिपिछड़े जिलों का चयन किया गया है, उनमें अररिया सहित बिहार के पांच जिले शामिल हैं.
इसी क्रम में डीएम, डीडीसी व अन्य आलाधिकारियों के साथ बैठक कर परियोजना प्रस्ताव बनाने व स्वीकृति के लिए केंद्र सरकार को भेजने का निर्देश दिया था. बैठक के बाद परियोजना प्रस्ताव तैयार करने के लिए डीएम व डीडीसी ने अले अलग स्तर व विभागों के साथ कई चरणों में बैठकें की. आखिरकार परियोजना प्रस्ताव तैयार कर केंद्र सरकार को भेज दिया गया है.
प्रशासनिक सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार रोड मैप में जिन आयामों पर विशेष फोकस दिया गया है उन में सड़क व पुल पुलियों के निर्माण के अलावा बच्चों के कुपोषण दूर करने के उपाय भी शामिल हैं.जानकारी देते हुए जिला पंचायती राज पदाधिकारी धीरेंद्र मिश्रा ने बताया कि तैयार प्रस्ताव में पूर्णिया के सरसी से लेकर रानीगंज होते हुए फारबिसगंज जाने वाली सड़क को राष्ट्रीय राजमार्ग घोषित कर आवश्यक निर्माण को जरूरी बताया गया है. बताया गया कि जिले में आवागमन को सुचारु करने के लिए प्रत्येक 100 बसावट वाले गांव को मुख्य सड़क से जोड़ने की स्वीकृति देते हुए आवश्यक राशि देने की मांग की गयी है.
बताया गया कि केंद्र सरकार की योजना 500 बसावट के लिए है. जबकि राज्य सरकार ने इसे घटा कर 250 बसावट किया है. पर जिले के लिए इस नियम में भी छूट की जरूरत है. ताकि छोटी छोटी बस्तियां भी मुख्य पक्की सड़क से जुड़ सकें. अधिकारी ने बताया कि प्रस्ताव में पुल निर्माण में वर्ष को लेकर लगी बंदिश से भी लिजे को छूट देने का आग्रह किया गया है. चिकित्सा सेवा में सुधार के लिए डाॅक्टरों के सृजित पदों की संख्या भी बढ़ाने का आग्रह परियोजना प्रस्ताव में किया गया है. गौर तलब है कि जिले में डाॅक्टरों के कुल 182 सृजित पद हैं. जबकि कुल मिला कर केवल 59 डाॅक्टर ही पदस्थापित हैं.
यह मानते हुए कि बच्चों के कुपोषण को दूर करने के लिए आंगनबाड़ी केंद्रों को सुदृढ़ करना जरूरी है. केंद्रों पर पेय जल व शौचालय की व्यवस्था के साथ पक्का भवन आवश्यक है. इसी के मद्देनजर जिले में 1500 पक्का भवन बनाने के लिए आवश्यक राशि की मांग की गयी है. जिले में मुस्लिम समुदाय की बहुलता को देखते हुए केंद्रीय अल्पसंख्यक छात्रवृत्ति की राशि एक हजार से बढ़ाकर 1800 रुपये करने की जरूरत बतायी गयी है. दी गयी जानकारी के मुताबिक प्रस्ताव केंद्र सरकार को भेज दिया गया है. उम्मीद है कि केंद्र सरकार द्वारा निर्धारित तिथि पर डीएम सरकार के सामने प्रस्ताव पर जिले का पक्ष रखेंगे.
प्रस्ताव के मुख्य बिंदु
सरसी-फारबिसगंज रोड एनएन में बदलना
1500 आंगनबाड़ी केंद्रों पर पक्का भवन निर्माण
100 बसावट वाले गांव को मुख्य सड़क से जोड़ना
डाॅक्टरों के सृजित पदों की संख्या में वृद्धि
अल्पसंख्यक छात्रवृति की राशि में वृद्धि
पुल पुलियों के निर्माण की स्वीकृति व राशि

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