नयी दिल्ली : विशेष सीबीआई न्यायाधीश ओ पी सैनी ने आज अफसोस जताया कि टूजी घोटाले से जुडे मामलों में सात साल का समय पूरी शिद्दत से समर्पित करने के बावजूद सीबीआई ने उसके सामने कानूनी रुप से स्वीकार्य कोई सबूत पेश नहीं किया.
न्यायाधीश ने सीबीआई और प्रवर्तन निदेशालय द्वारा जांच वाले तीन मामलों में पूर्व दूरसंचार मंत्री ए राजा, द्रमुक सांसद कनिमोई और कईअन्य को बरी करने के अपने फैसले में यह टिप्पणी की.सैनी ने कहा, मैं यह भी जोडना चाहता हूं कि बीते करीब सात साल में, गर्मियों की छुट्टियों सहित सभी कामकाजी दिनों में मैं पूरी शिद्दत से सुबह दस बजे से शाम पांच बजे तक खुली अदालत में इस इंतजार में बैठा कि कोई कानूनी रुप से स्वीकार्य सबूत लेकर आएगा लेकिन सब बेकार चला गया.
टूजी घोटाला जांच से जुडे मामलों पर अलग से सुनवाई के लिए उच्चतम न्यायालय के आदेश के अनुरुप 14 मार्च 2011 को विशेष न्यायाधीश की अदालत गठित की गयी थी. अदालत ने कहा , एक भी व्यक्ति सामने नहीं आया। इससे संकेत मिलते हैं कि हर कोई अफवाह, बातचीत और अटकलों से पैदा आम नजरिये पर जा रहा है. हालांकि न्यायिक कार्यवाही में आम नजरिये की कोई जगह नहीं है.