‘मैं ऊपर देखती हूं तो आकाश को देखती हूं,
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कविता, राजनीति और 2जी घोटाला, जानें क्या है कनिमोझी की जिंदगी का सच
‘मैं ऊपर देखती हूं तो आकाश को देखती हूं, आकाश मुझे दिमाग को विस्तृत करना सिखाता है मैं नीचे देखती हूं तो जमीन को देखती हूं वह मुझे धैर्य रखना सिखाती है, एमके कनिमोझी की यह पंक्तियां आज उनके जीवन पर सटीक साबित हो गयीं हैं, जब 2जी स्पेक्ट्रम मामले में पटियाला हाउस कोर्ट ने […]
आकाश मुझे दिमाग को विस्तृत करना सिखाता है
मैं नीचे देखती हूं तो जमीन को देखती हूं
वह मुझे धैर्य रखना सिखाती है,
एमके कनिमोझी की यह पंक्तियां आज उनके जीवन पर सटीक साबित हो गयीं हैं, जब 2जी स्पेक्ट्रम मामले में पटियाला हाउस कोर्ट ने आज अहम फैसला सुनाते हुए सभी आरोपियों को बरी कर दिया. इस मामले में पूर्व संचार मंत्री ए राजा और डीएमके नेता कनिमोझी आरोपी थे. इस फैसले पर कनिमोझी ने प्रसन्नता जतायी और कहा- मैं हर उस व्यक्ति को धन्यवाद देती हूं, जो इस मुद्दे पर मेरे साथ खड़े रहे. डीएमके नेता कनिमोझी को इस मामले में आरोपी होने के कारण जेल जाना पड़ा था और फिलहाल वे बेल पर थीं, लेकिन अब कोर्ट ने उन्हें बरी कर दिया है.
राजनीति में आने से पहले पत्रकार और कवयित्री रहीं हैं कनिमोझी
राजनीति में आने से पहले कनिमोझी पत्रकारिता में सक्रिय थीं और वे प्रतिष्ठित अंग्रेजी अखबार ‘दि हिंदू’ में काम करती थीं. साथ ही उन्होंने तमिल साप्ताहिक अखबार ‘कुंग्गूमम’ में एडिटर इंचार्ज के रूप में भी काम किया. साथ ही उन्होंने सिंगापुर के एक तमिल अखबार में फीचर एडिटर के रूप में भी काम किया. कनिमोझी एक कवयित्री भी हैं और वे तमिल भाषा में कविताएं भी लिखती हैं.
करुणानिधि की तीसरी पत्नी की संतान हैं कनिमोझी
डीएमके नेता एम करुणानिधि और उनकी तीसरी पत्नी राजथी अम्मल की बेटी हैं कनिमोझी. कनिमोझी की पहली शादी अथिबान बोस से 1989 में हुई थी. 1997 में इन्होंने जी अरविंदन से दूसरी शादी की और इनका एक बेटा भी है. कनिमोझी ने तमिल मुद्दों के लिए बहुत काम किया है, साथ ही वह महिला सशक्तीकरण के लिए भी प्रयासरत रहती हैं. इन्होंने ‘ट्रांजजेडर्स’ के कल्याण के लिए भी काफी काम किया है. इन्होंने कार्ति चिदंबरम के साथ एक पोर्टल शुरू किया था जिसका उद्देश्य ‘फ्री स्पीच’ को बढ़ावा देने था. कनिमोझी ने मद्रास यूनिवर्सिटी से इकोनॉमिक्स में मास्टर्स की डिग्री ली है. करुणानिधि का साहित्य और फिल्मों से जुड़ाव रहा है और कनिमोझी के बारे में कहा जाता है कि करुणानिधि की इस धरोहर की वारिस वही हैं.
वर्ष 2007 में राज्यसभा के लिए चुनी गयीं
वर्ष 2007 में डीएमके ने कनिमोझी को राज्यसभा भेजा और उन्होंने राज्यसभा सदस्य के रूप में शपथ ली. लेकिन टूजी घोटाला में नाम आने से उनके कैरियर को धक्का लगा. कहा जाता है कि कनिमोझी और ए राजा के गहरे संबंध थे और कनिमोझी पर इस मामले में राजा के साथ मिलकर काम करने का आरोप लगा था. आरोप था कि इन्होंने अपने टीवी चैनल के लिए 200 करोड़ रुपयों की रिश्वत डीबी रियल्टी के मालिक शाहिद बलवा से ली और बदले में उनकी कंपनियों को राजा ने गलत ढंग से स्पेक्ट्रम दिलाया. इस मामले में कनिमोझी को जेल भी जाना पड़ा था. वह अभी भी राज्यसभा की तमिलनाडु से सदस्य हैं.
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