यह जानकारी उत्तर बंगाल फ्रंटियर मुख्यालय रानीडांगा में आइजी मुख्यालय श्रीकुमार बनर्जी ने मंगलवार को संवाददाताओं को दी. उन्होंने कहा कि कड़ी चौकसी के कारण पिछले सालों के मुकाबले इस साल जहां तस्करी के अधिक मामले पकड़े गये, वहीं जब्ती भी काफी अधिक हुई. पिछले साल बल ने 110 करोड़ रुपये के तस्करी के सामान जब्त किये थे, वहीं, इस साल कुल 553 करोड़ रुपये के तस्करी के सामान जब्त किये जा चुके हैं.
इनके अलावा बल के जवानों ने आपराधिक गतिविधियों की रोकथाम के लिए 39 आग्नेयास्त्र जब्त करने के अलावा 1011 आरोपियों को पकड़ने में कामयाबी पायी. इस काम में वन विभाग की विशेष मदद मिली है. फिलहाल बल के नेपाल सीमा पर 90 और भूटान सीमा पर 58 टीबीओपी हैं, जहां से होकर बल के जवान सीमा पर लगातार निगरानी रखते हैं. उन्होंने यह भी बताया कि इस बार बल का 54वां स्थापना दिवस बड़े ही धूमधाम से मनाया जायेगा. इस उपलक्ष में 20 दिसंबर को बल की तरफ से विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन किया जायेगा. प्रेस वार्ता के दौरान श्री मुखर्जी के अलावा डीआइजी असित कुमार दास और डीआइजी अमिय कुमार नाथ उपस्थित रहे.
आइजी श्रीकुमार बनर्जी ने बताया कि बल पूरे साल सेवामूलक विभिन्न तरह के कार्यक्रम आयोजित करता है. बाल तस्करी और सीमा से होकर तस्करी के क्रियाकलापों के खिलाफ भी अभियान चलाता है. सेवा, सुरक्षा और सामाजिक सौहार्द्र ही बल का मूलमंत्र है. सीमावर्ती ग्रामीण इलाकों के लोगों के सुख-दुख में बल के जवान हमेशा खड़े रहते हैं. केंद्रीय सरकार की योजना नेशनल रिसोर्स डेवलपमेंट कारपोरेशन के तहत 120 युवाओं को विशेष प्रशिक्षण दिया गया है. बल स्वच्छ भारत मिशन के लिए भी काम करता है. तस्करी और आपराधिक घटनाओं की रोकथाम में बल के जवान अग्रणी भूमिका निभाते हैं. उन्होंने यह भी कहा कि सिक्किम व नेपाल की सीमा पर 5 और भूटान की सीमा पर 5 टीबीओपी बनाने की योजना है. भारत और नेपाल के बीच आवागमन के लिए किसी तरह के पासपोर्ट की जरूरत नहीं पड़ती. इसलिए बल को सुराग और खुफिया जानकारी के आधार पर ही आपराधिक घटनाओं को लेकर कार्रवाई करनी होती है. मानव तस्करी की रोकथाम के लिए ‘ सीमा की कहानी ‘ नामक सात मिनट का वृत्तचित्र तैयार किया गया है. इसे सीमावर्ती स्कूलों में दर्शाया जायेगा. स्कूलों में चलाये जा रहे जागरूकता अभियान से मानव तस्करी पर काफी हद तक रोक लग सकती है.