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21 दिसंबर को दर्शन देंगे स्वामी भास्कर आरण्य
मधुपुर: विश्व प्रसिद्ध सांख्य योग साधना पर केंद्रित कपिल मठ का दो दिवसीय वार्षिकोत्सव गुरुवार से प्रारंभ होगा. शहर के बावन बीघा स्थित मठ के इस उत्सव में देश के विभिन्न भागों से सैकड़ों की संख्या में स्वामी भक्त पहुंचने लगे हैं. उत्सव के पहले दिन सुबह स्वामी भास्कर अारण्य गुफा से बाहर निकल कर […]
मधुपुर: विश्व प्रसिद्ध सांख्य योग साधना पर केंद्रित कपिल मठ का दो दिवसीय वार्षिकोत्सव गुरुवार से प्रारंभ होगा. शहर के बावन बीघा स्थित मठ के इस उत्सव में देश के विभिन्न भागों से सैकड़ों की संख्या में स्वामी भक्त पहुंचने लगे हैं. उत्सव के पहले दिन सुबह स्वामी भास्कर अारण्य गुफा से बाहर निकल कर भक्तों को दर्शन देंगे. मुख्य आयोजन शुक्रवार को होगा. इस दिन पूजा हवन के बाद हजारों श्रद्धालुओं के बीच खिचड़ी, बुंदिया आदि प्रसाद के रूप में वितरित किया जायेगा.
बांग्ला पांच पौष को मनाया जाता है उत्सव
कापिल मठ में हर वर्ष उत्सव के रूप में आचार्य स्वामी हरिहरानंद आरण्य के स्मृति दिवस को बांग्ला संवत के पांच पौष को मनाया जाता है. बताया जाता है कि संवत की पांचवी तारीख को ही गुफा में रहे स्वामी जी ने समाधि ली है. इसलिए हर वर्ष संवत की पांच तारीख को कापिल मुनि जी का वार्षिकोत्सव मनाया जाता है.
स्वामी हरिहरानंद 21 व धर्ममेघ आरण्य 38 वर्ष से रह रहे गुफा में
मधुपुर में इस मठ की स्थापना वर्ष 1927 में हुई. सर्व प्रथम स्वामी हरिहरानंद आरण्य ने इस मठ की गुफा में तकरीबन 21 साल तक सांख्य योग साधना की व योग से जुडी अनेक पुस्तकें लिखी. उनकी लिखी पुस्तक आज भी देश-विदेश के 56 विश्वविद्यालयों में छात्र-छात्राओं को पढ़ाई जाती है. इसके बाद स्वामी धर्ममेघ आरण्य 38 वर्षों मठ परिसर में स्थित गुफा में रहे. उन्होंने ने भी सांख्य योग से संबंधित कई तथ्यों पर गहन विचार करते हुए पुस्तकें लिखीं. वर्तमान में स्वामी भास्कर आरण्य पिछले 31 वर्षों से गुफा में रहकर मौन साधनारत हैं.
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