सुपौल : महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण योजना के तहत सदर प्रखंड के गढ़बरूआरी पंचायत अंतर्गत तीन वर्षों में क्रियान्वित योजनाओं की जिला ग्रामीण योजना अभिकरण के द्वारा जांच करायी गयी. जिसमें 20 योजनाओं में अनियमितता पायी गयी. जांच के बाद डीएम ने तत्कालीन दो मनरेगा कार्यक्रम पदाधिकारी के अनुबंध को रद्द करने का आदेश दिया है. जिसमें बताया गया कि मनरेगा अधिनियम के अनुरूप योजनाओं का अनुश्रवण एवं सतत पर्यवेक्षक नहीं किया गया है
और न ही दोषी कर्मियों के विरुद्ध आवश्यक कार्रवाई करने के लिए जिला को स्पष्ट प्रस्ताव प्रेषित किया गया. इस वजह से संबंधित कर्मी तथा पंचायत रोजगार सेवक, पंचायत तकनीकी सहायक, तत्कालीन मुखिया व कनीय अभियंता से राशि की वसूली, नीलाम पत्र वाद, प्राथमिकी भी दर्ज करायी गयी. साथ ही तत्कालीन पंचायत रोजगार सेवक एवं पंचायत तकनीकी सहायक का सेवा समाप्त करने का आदेश भी दिया गया. उपरोक्त स्थिति से स्पष्ट होता है कि तत्कालीन कार्यक्रम पदाधिकारी रेजी विजय द्वारा योजना के कार्यक्रम में उदासीनता, कर्तव्यहीनता, कार्य में शिथिलता एवं लापरवाही बरती गयी.
जो मनरेगा अधिनियम के प्रावधानों के विरुद्ध है. वहीं इसी मामले में तत्कालीन कार्यक्रम पदाधिकारी विजय कुमार मंडल के विरुद्ध भी मनरेगा अधिनियम के प्रावधानों के विरुद्ध बिहार पटना के पत्रांक 8574 दिनांक 22 सितंबर 2009 में निहित प्रावधानों के अंतर्गत अनुबंध रद्द करने का अनुशंसा की गयी है.