नयी दिल्ली : कांग्रेस पार्टी की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने गुजरात विधानसभा चुनाव की मतगणना में दखल देने से इनकार किया है. शुक्रवार को गुजरात कांग्रेस की ओर से सुप्रीम कोर्ट में वीवीपैट की पर्चियों को लेकर शीर्ष अदालत में याचिका दाखिल की गयी थी. याचिका में कांग्रेस ने मांग की थी कि शीर्ष अदालत चुनाव आयोग को इस बारे में निर्देश दे. सुप्रीम कोर्ट में कांग्रेस की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल और अभिषेक मनु सिंघवी ने पक्ष रखा था.
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गुजरात चुनाव के पहले और दूसरे चरण में कई जगहों पर ईवीएम में खराबी की खबरें आयी थीं. विपक्ष लगातार इस बात को उठाता रहा है कि ईवीएम के साथ छेड़छाड़ हो रही है. उसने कई बार ईवीएम को हैक करके नतीजों को प्रभावित करने का आरोप भी लगाया है. बसपा सुप्रीमो मायावती, समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव जैसे नेता भी ईवीएम के खिलाफ आवाज उठा चुके हैं. ईवीएम के वोटों और वीवीपैट की पर्चियों के मिलान को लेकर कांग्रेस पार्टी की मांग हाल के दौरान ईवीएम के खिलाफ बड़ी मांग है.
इतना ही नहीं, दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने राज्य निर्वाचन आयोग से आग्रह किया था कि नगर निगम का चुनाव ईवीएम के बदले बैलट पेपर से कराये जायें. कांग्रेस से पहले किसी राजनीतिक पार्टी ने अभी तक पर्चियों के मिलान की इस तरह की कोई मांग नहीं की थी.
गुजरात में पहले चरण की वोटिंग के दौरान भी कांग्रेस की ओर से उसके नेता अर्जुन मोढ़वाड़िया ने दावा किया था कि पोरबंदर के मुस्लिम बहुल इलाके मेमनवाड़ा के तीन मतदान केंद्रों में इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनें ब्लूटूथ के जरिये बाहरी उपकरणों से जुड़ी हुई हैं. हालांकि, मुख्य चुनाव अधिकारी (सीईओ) बीबी स्वाइन ने कांग्रेस की इस शिकायत को ये कहते हुए खारिज कर दिया था कि एक मतदान एजेंट के पास मोबाइल फोन था जिस पर ‘ईसीओ 105’ मॉडल नंबर के तौर पर अंकित था. इसमें शिकायतकर्ता ने ईसी को चुनाव आयोग समझ लिया.
कांग्रेस ही नहीं बिहार के पूर्व सीएम लालू प्रसाद यादव ने भी इस पर सवाल उठाते हुए चुनाव आयोग को कठघरे में खड़ा किया है. उन्होंने ट्वीट किया कि ईवीएम को लेकर बार-बार क्यों सवाल उठ रहे हैं. चुनाव आयोग इसके लिए क्या दूरगामी हल निकाल रहा है, भाजपा को ही इससे क्यों फायदा हो रहा है, कौन जवाब देगा.
कांग्रेस ने गुजरात चुनाव में खराब ईवीएम मशीनों को लेकर चुनाव आयोग पर निशाना साधा. कांग्रेस के जनरल सेक्रेटरी और गुजरात के प्रभारी अशोक गहलोत ने एक समाचार चैनल से बातचीत में कहा कि जगह-जगह ईवीएम मशीन के खराब होने की बात हम तक आ रही है. हमने चुनाव आयोग से शिकायत भी की थी. उन्होंने कहा कि लोकतंत्र की बुनियाद ही देश के चुनाव हैं. जनता ही माई-बाप है और वही तय करती है कि कौन जीतेगा.
अशोक गहलोत ने कहा कि उस माई-बाप को तो कम से कम विश्वास दिलवायें कि वह जिसको चाहता है, उसी के लिए मशीन के अंदर वोट पड़े. अगर चुनावों ही उसके साथ धोखाधड़ी होती है, तो लोकतंत्र की नींव कमजोर होती है. पूरे देश में पता नहीं क्यों एक आशंका पैदा हो गई है कि ईवीएम मशीनों में कुछ गड़बड़ की जा सकती है.