पैकेट की जगह टीन से नाप कर पीटीजी लाभुकों को मिलता है राशन
ढुलाई खर्च के नाम पर केरोसिन में अधिक राशि ली जाती है राशि
रमकंडा : रमकंडा प्रखंड में अधिकारियों की मिलीभगत से पीटीजी डाकिया योजना पूरी तरह से फेल हो चुका है. इसकी बानगी पिछले दिनों प्रखंड के चेटे पंचायत में देखने को मिली, जहां आदिम जनजाति के लाभुकों को पैकेट की बजाय टीना से नापकर लाभुक के खुद के बोरे में चावल दिया जा रहा था.
वहीं केरोसिन निर्धारित दर से अधिक राशि पर दिया जा रहा था. जबकि सरकार द्वारा आदिम जनजाति के लाभुकों को उसके घर तक 35 किलो का पैकेट बनाया हुआ राशन उपलब्ध कराया जाना है. इसके लिए सरकार प्रति लाभुक 12 रुपये पैकेट के लिये खर्च भी कर रही है. वहीं ढुलाई खर्च भी सरकार उपलब्ध करा रही है. लेकिन इसमें पूरी तरह से गड़बड़ी की जा रही है. आरोप है कि इसमें अधिकारियों की पूरी तरह से मिलीभगत है.
समाचार के अनुसार जब से पीटीजी डाकिया योजना की यहां शुरुआत हुई है, तब से आज तक रमकंडा प्रखंड के लाभुकों को पैकेट में राशन नहीं मिला. उन्हें टीना से नापकर ही राशन दिया जाता है. प्रखंड के चेटे पंचायत के पीटीजी लाभुक दिलवा देवी, कमली देवी, सीता कुंवर, रुदनी कुंवर, रजिया देवी, जिरमानी कुंवर सहित प्रमुख पति रमन कुमार ने बताया कि टीना से नापकर दिया जाने वाला अनाज में भी कटौती की जाती है. उन्हें 35 की जगह 33 किलो ही चावल मिलता है. पूरा चावल मांगने पर उन्हें अधिकारियों द्वारा आगे से ही बोरी में कम दिये जाने की बात कही जाती है. लाभुकों ने बताया कि राशन ढुलाई खर्च के नाम पर 34 रुपये लीटर की जगह 38 रुपये लीटर केरोसिन दिया जाता है.
जांचकर कार्रवाई की जायेगी : बीडीओ : इस संबंध में पूछे जाने पर प्रखंड विकास पदाधिकारी रामजी वर्मा ने कहा कि आगे से बोरी में अनाज कम रहने की वजह से लाभुकों को कम दिया जाता है. वहीं पैकेट के नहीं बनने से परेशानी हो रही है. कहा कि किरासन तेल में अधिक राशि लिये जाने की जांच कर कार्रवाई की जायेगी.