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चंपई के बेटे से मांगी 20 लाख की रंगदारी

नक्सली कमांडर के नाम से मांगे थे रुपये, ओड़िशा के दो युवक गिरफ्तार आरोपी लक्ष्मण मरांडी और चेतन सोरेन ओड़िशा के मयूरभंज निवासी जमशेदपुर : पूर्व मंत्री व सरायकेला के विधायक चंपई सोरेन के बेटे बाबूलाल सोरेन से उसके दोस्त लखन मार्डी के जरिये 20 लाख की रंगदारी मांगने वाले ओड़िशा के दो युवकों को […]

नक्सली कमांडर के नाम से मांगे थे रुपये, ओड़िशा के दो युवक गिरफ्तार

आरोपी लक्ष्मण मरांडी और चेतन सोरेन ओड़िशा के मयूरभंज निवासी
जमशेदपुर : पूर्व मंत्री व सरायकेला के विधायक चंपई सोरेन के बेटे बाबूलाल सोरेन से उसके दोस्त लखन मार्डी के जरिये 20 लाख की रंगदारी मांगने वाले ओड़िशा के दो युवकों को पुलिस ने बुधवार को लखन बनकर धर दबोचा. उनके पास से नक्सली परचा, मोबाइल व बाइक जब्त की गयी है. इस संबंध में मिली जानकारी के अनुसार डुमरिया के कसमार निवासी लखन मार्डी के जरिये नक्सली कमांडर दीपक मुंडा के नाम से पिछले कुछ दिनों से फोन कर बाबूलाल से रंगदारी मांगी जा रही थी. 13 दिसंबर को इसकी सूचना पुलिस को दी गयी. इसके बाद पुलिस ने जाल बिछाया और लखन बनकर युवकों को रुपये लेने के लिए बुलाया.
योजना के मुताबिक पुलिस कार से सादे लिबास में कोवाली के नागाब्रिज के पास शाम चार बजे पहुंची. इस बीच दोनों युवक बाइक से रंगदारी लेने आये और पुलिस के हत्थे चढ़ गये. गिरफ्तार युवकों की पहचान लक्ष्मण मरांडी और चेतन सोरेन के रूप में हुई है जो ओड़िशा के मयूरभंज के निवासी हैं. लक्ष्मण के पास से दो नक्सली परचे, मोबाइल तथा बाइक जब्त की गयी है.
मुसाबनी डीएसपी अजीत कुमार विमल ने गुरुवार को सीसीआर में आयोजित संवाददाता सम्मेलन में पूरे मामले की जानकारी दी. उन्होंने कहा कि डुमरिया थाना में लखन मार्डी के बयान पर दोनों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है और दोनों को जेल भेज दिया गया है. मौके पर सीसीआर डीएसपी सुधीर कुमार, प्रशिक्षु डीएसपी राजीव कुमार, मुसाबनी थाना प्रभारी सुरेश लिंडा मौजूद थे.
स्पीड पोस्ट से रंगदारी के लिए भेजा था पत्र
सोनाराम ने सौंपा था रंगदारी मांगने का काम
बेंगलुरु में करते थे काम, छोड़कर आ गये
डीएसपी अजीत कुमार विमल ने बताया कि नक्सली के नाम पर अपराधियों ने चंपई सोरेन के बेटे बाबूलाल सोरेन से रंगदारी मांगने के लिए स्पीड पोस्ट से लेटर घर भेजा था. उन्होंने बताया कि 30 मई को बाबूलाल सोरेन को पत्र भेजा था. दोनों ने पुलिस को यह भी बताया है कि बादलगोड़ा के सोनाराम मुर्मू और बादल गोड़कू के कहने पर नक्सली बनकर रंगदारी मांगी थी. चेतन सोरेन का मामा बादगोड़ा गांव में रहता है. मामा के घर आने-जाने के क्रम में सोनाराम से पहचान हुई और उसने यह काम करने का जिम्मा सौंपा.
पूछताछ में अपराधियों ने स्वीकार किया है कि मंत्री के बेटे से रंगदारी मांगने से पहले दोनों ने दुर्गापूजा के समय कोवाली के व्यापारी विद्या साहू से पांच लाख रुपये रंगदारी की मांग की थी. इससे पहले दोनों कभी जेल नहीं गये हैं. पुलिस ने बताया कि दोनों आरोपी बेंगलुरु में काम करते थे. वहां से काम छोड़कर दोनों वापस अपने घर आ गये. पुलिस ने जांच में पाया है कि दोनों जिस मोबाइल नंबर से रंगदारी मांग रहे थे वह मोबाइल नंबर दोनों ने ओड़िशा के मयूरभंज से खरीदा है. पुलिस सिमकार्ड देने वाली दुकान का पता लगाने की कोशिश कर रही है.
‘12 घंटे के अंदर पैसा दो वरना हत्या कर देंगे’
डीएसपी अजीत कुमार विमल ने बताया कि पिछले तीन महीने से नक्सली दीपक मुंडा के नाम से लक्ष्मण मरांडी चंपई के बेटे बाबूलाल सोरेन से फोन पर रंगदारी मांग रहा था. बाबूलाल ने फोन उठाना बंद कर दिया तो अपराधियों ने उसके दोस्त लखन मार्डी को फोन किया और बीस लाख रुपये मांगकर पहुंचाने को कहा. अपराधियों ने धमकी दी कि यदि 12 घंटे के अंदर रंगदारी नहीं मिली, तो दोनों की हत्या कर दी जायेगी. अपराधियों ने यह प्रलोभन भी दिया कि रुपये देने पर आगामी विधानसभा चुनाव में अपराधी मदद करेंगे. 13 दिसंबर को लखन ने जानकारी पुलिस को दी. पुलिस टीम ने जाल िबछा खुद लखन मार्डी बन अपराधियों तक जा पहुंची.

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