पटना : उद्योग व व्यापार से जुड़ी देश की सबसे पुरानी संस्था फिक्की की नयी दिल्ली में आयोजित वार्षिक आमसभा को संबोधित करते हुए उपमुख्यमंत्री सह जीएसटी नेटवर्क मंत्री समूह के अध्यक्ष सुशील कुमार मोदी ने कहा कि राजनीतिक एकीकरण तो पहले हो गया था, मगर जीएसटी के कारण एक राष्ट्र, एक कर और एक बाजार की अवधारणा के साथ देश का आर्थिक सुदृढ़ीकरण व एकीकरण संभव हो पाया है. उन्होंने कहा, जीएसटी शताब्दी का सबसे बड़ा कर सुधार है, जिसकी रीढ़ जीएसटी नेटवर्क है. पिछले चार महीने में 3 करोड़ 20 लाख तथा एक दिन में 18 लाख तक रिटर्न दाखिल हुए हैं.
उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी ने कहा कि जीएसटी का ढांचा काफी सुदृढ़ है. कर राजस्व में स्थिरता आने के बाद इलेक्ट्रिकसिटी ड्यूटी, रियल एस्टेट और पेट्रोलियम पदार्थों को भी भविष्य में जीएसटी में शामिल करने पर कौंसिल विचार कर सकती है. वैसे जीएसटी के अंतर्गत छोटे उद्योगों व करदाताओं की प्रारंभिक परेशानियां काफी हद तक कम हो गयी हैं. उन्होंने कहा कि पिछले दिनों गुवाहाटी में हुई जीएसटी कौंसिल की बैठक में 178 वस्तुओं के कर की दर को 28 से घटा कर 18 प्रतिशत करने के बाद कर की दर से जुड़ी 90 प्रतिशत समस्याओं का लगभग समाधान हो चुका है. अब पूरी प्रक्रिया के सरलीकरण का काम हो रहा है.
सुशील मोदी ने कहा कि 40 प्रतिशत से अधिक करदाताओं की करदेयता शून्य हैं जो अब चंद सैकेंड में ही अपना रिटर्न दाखिल कर सकेंगे. जब वैट लागू हुआ था तब भी प्रारंभ में अनेक प्रकार की समस्याएं सामने आयी थी, मगर अंततः उससे राज्यों का राजस्व बढ़ा और उद्योग-धंधे को भी लाभ पहुंचा. बिहार जैसे उपभोक्ता राज्य को जीएसटी से काफी लाभ मिलेगा.