देवघर: देवघर पुलिस अब साइबर अपराध पर अंकुश लगाने के लिये नयी योजना बनायी है. मामले में एसपी नरेंद्र कुमार सिंह ने थाना प्रभारियों संग बैठक कर 24 घंटे के अंदर सभी से गांव गोद लेने वाली सूची मांगी है. ये जानकारी एसपी ने प्रभात खबर के साथ खास बातचीत में साझा की है.
उन्होंने बताया कि वैसे गांव को गोद लिया जायेगा, जहां सबसे अधिक साइबर से जुड़ी क्राइम हुई है. उस गांव में पहले चरण में जनप्रतिनिधियों, वरिष्ठ, गणमान्य व समाजसेवियों के साथ बैठक की जायेगी. बैठक में गांव की छोटी समस्याओं की सूची तैयार करायी जायेगी. फिर संबंधित विभागों से समन्वय स्थापित कर पुलिस उस गांव के समस्याओं का निदान कर बदलाव लायेगी. इससे पुलिस और जनता के बीच संबंध प्रगाढ़ होगा. वहीं उस गांव को मॉडल के रूप में विकसित कराया जायेगा.
साइबर अपराध में लिप्त युवाओं के अभिभावकों के साथ काउंसेलिंग कर उन्हें मुख्य धारा में लाने का प्रयास किया जायेगा. अगर काउंसेंलिंग के बाद आरोपित मुख्य धारा में जुड़े तो अनुबंध पर उनसे तकनीकी शाखा में काम लिया जायेगा. उस गांव की महिलाओं को भी मत्स्य पालन, मधुमक्क्खी पालन आदि का प्रशिक्षण दिलाकर स्वरोजगार से जोड़ने की कोशिश की जायेगी. एसपी सिंह ने कहा कि अगर देवघर पुलिस का यह अभियान सफल हो गया तो पूरे राज्य के लिये यह आइडियल बनेगा.
तीन ठगों की संपत्ति का ब्याेरा इडी को भेजने की तैयारी
देवघर. एसपी ने बताया कि हाल के दिनों में देवघर पुलिस ने साइबर अपराध पर कार्रवाई तेज की है. इसी कड़ी में मधुपुर थाना के साइबर आरोपितों भोक्ताछोर गांव निवासी संतोष यादव, दरवे गांव निवासी राम प्रसाद मंडल व झिलुवा गांव निवासी मुकेश यादव की संपत्ति का आकलन करायी जा रही है. इन आरोपितों की पत्नी सहित माता-पिता, भाई-बहन व अन्य संबंधियों के बैंक एकाउंट, मूवेवुल प्रोपर्टी, जमीन-घर आदि की सूची एकत्रित करने के बाद जब्त कराने हेतु इडी को अनुशंसा की जायेगी.
तीन साइबर कांडों का स्पीडी ट्रायल शुरू
एसपी ने बताया कि साइबर अपराध को लेकर सारठ थाना में दर्ज कांड संख्या 332/15, 344/15 व 139/16 की स्पीडी ट्रायल भी शुरू करायी गयी है. कांडों में साक्ष्य एकत्रित कर पुलिस कोर्ट को उपलब्ध करायेगी. साथ ही शीघ्र आरोपितों को सजा दिलाने में कोर्ट को सहयोग करेगी. एसपी ने यह भी बताया कि पुलिस ने अलग-अलग थाना क्षेत्र के 103 साइबर आरोपितों की सूची तैयार करायी है. साइबर आरोपित जिस थाना क्षेत्र के हैं, संबंधित थाना प्रभारी को वह सूची भेज दी गयी है. एस ड्राइव अभियान चलाकर दो दिनों में सभी थाना प्रभारी को साइबर आरोपितों की गिरफ्तारी का निर्देश दिया दे दिया गया है.
जसीडीह पहुंची राजस्थान पुलिस लौटी खाली हाथ
देवघर . साइबर ठगी के आरोपित की तलाश में राजस्थान पुलिस ने बुधवार को जसीडीह थाना क्षेत्र के कुशवाहा गांव में छापेमारी की. हालांकि पुलिस को आरोपित का सही ठिकाना नहीं मिला और पुलिस वापस लौट गयी. जयपुर जिले के चंडवाजी थाना निवासी एक व्यक्ति को साइबर अपराधियों ने बैंक अधिकारी बनकर फोन किया था और जानकारी लेकर लगभग 99 हजार की निकासी कर ली थी. राजस्थान पुलिस ने छानबीन में पाया की पीड़ित को जिस नंबर से फोन किया गया था वह सीम जसीडीह थाना क्षेत्र के कुशमाहा गांव निवासी राकेश रमानी के नाम से निर्गत है. इसके बाद राजस्थान पुलिस के दारा सिंह व रमेश कुमार ने जसीडीह पुलिस के सहयोग से गांव पहुंच कर छापेमारी की. लेकिन उक्त नाम का व्यक्ति नहीं होने के कारण पुलिस को वापस लौटना पड़ा.
साइबर आरोपितों की तलाश में पहुंची मध्य प्रदेश पुलिस
देवघर. मध्य प्रदेश क्राइम ब्रांच की पुलिस एसआइ मनीष ओझा के नेतृत्व में साइबर आरोपितों की गिरफ्तारी के लिये देवघर व जामताड़ा जिले के दौरे पर आयी है. बुधवार दोपहर में नगर थाना गश्ती दल की मदद से मां ललिता अस्पताल के समीप बावनबीघा मुहल्ले में बॉबी सिंह व श्यामगंज रोड निवासी जाफिर की तलाश के लिये गयी. एमपी क्राइम ब्रांच की छापेमारी टीम को बॉबी सिंह से मुलाकात हुई. बॉबी को छापेमारी टीम ने नोटिस थमाकर एमपी बुलाया है. किंतु जाफिर के बारे में कुछ भी पता नहीं चल सका. पूछने पर एमपी क्राइम ब्रांच की पुलिस ने बताया कि दोनों आरोपितों के नाम से निर्गत सिमकार्ड द्वारा एमपी के व्यक्ति से साइबर ठगी हुई है. उन मामलों की पड़ताल में ही वे लोग यहां पहुंचे हैं. एमपी पुलिस देवघर के 33 व जामताड़ा के 76 साइबर आरोपितों की गिरफ्तारी के लिये आयी है. एमपी पुलिस की छापेमारी टीम को साइबर आरोपितों की तलाश में कुंडा, सारठ, सारवां, करौं, मोहनपुर, जामताड़ा के करमाटांड़ छापेमारी के लिये जाना है.