पटना : इस वर्ष 2017 में शुभ कार्य और लगन का दौर आज थम रहा है. गुरुवार को सभी लगन समाप्त हो रहे हैं, क्योंकि शुक्रवार से सूर्य के धनु राशि में प्रवेश के साथ ही खरमास शुरू हो जायेगा. इस दौरान कोई शुभ कार्य नहीं होंगे. ज्योतिषियों के अनुसार सूर्य के राशि परिवर्तन को सौर व्यवस्था व अमावस्या और पूर्णिमा पर आधारित मास व्यवस्था चंद्र मास व्यवस्था कहलाती है. मान्यता है कि जब सूर्य, गुरु की राशि में होते हैं, तो सूर्य सामान्य होने से शुभ कार्यों में सहायक नहीं होते. इसलिए इस मास में कोई शुभ कार्य नहीं किये जायेंगे. इसमें कामनापूरक, अनुष्ठान और पूजा-पाठ पूरी तरह वर्जित होते हैं. इसके बाद 14 जनवरी को सूर्य मकर राशि में प्रवेश करेंगे और मकर संक्रांति से शुभ कार्य शुरू हो जायेंगे. वहीं छह फरवरी से शादी-ब्याह का मुहूर्त शुरू हो रहा है.
देव आराधना होगी फलदायी
खरमास में सभी प्रकार के मांगलिक कार्य वर्जित होते हैं. ज्योतिषाचार्य पं श्रीपति त्रिपाठी ने बताया कि भजन, कीर्तन, आराधना, प्रार्थना का इस मास में विशेष महत्व होता है. इस दौरान सूर्य उपासना से सर्वाधिक फल प्राप्त होता है. इसके लिए ‘ऊं घृणि सूर्याय नम:’ का जप करें तो नेत्र पीड़ा और अनिद्रा से राहत मिलती है. इसके अलावा गृह क्लेश और पितृ दोष से भी मुक्ति मिलती है. मान्यता है कि आराधना से यदि सूर्य देव प्रसन्न होते हैं, तो वह जप और तप करने वाले की मनोकामनाएं पूरी करते हैं. इसलिए पौष माह में भगवान सूर्य की उपासना किये जाने का विधान माना गया है.
खरमास में ये हैं वर्जित कार्य
-गृह निर्माण, विवाह, मुंडन, उपनयन, यज्ञ, गर्भाधान, पद ग्रहण
-देवालय निर्माण, देव प्रतिष्ठा, व्रत का उद्यापन और गोदान
-कुआं, तालाब, बोरिंग, जलाशय का निर्माण
-व्यावसायिक विद्या को सीखना, व्यापार, दुकान, कंपनी खोलना
कब-से-कब तक है खरमास?
-14 दिसंबर, 2017 की रात से 13 जनवरी, 2018 तक रहेगा प्रभाव
-भगवान सूर्य की उपासना करना फलदायी रहेगा
2018 में शादी ब्याह की शुभ तिथि-
फरवरी : 6, 7, 8, 9, 10, 11, 12, 13, 18, 19, 20, 23, 24, 28
मार्च : 1, 5, 6, 8, 10, 12
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