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संताल व उरांव आदिवासियों को असम में मिलेगा एसटी का दर्जा, रघुवर ने दी बधाई, तो किसी ने पूछा : छत्तीसगढ़ी को कब मिलेगा आरक्षण

रांची : असम की सरकार झारखंड के संताल और उरांव आदिवासियों को अनुसूचित जनजाति का दर्जा देगी. झारखंड के मुख्यमंत्री ने यह जानकारी देते हुए असम के सीएम को धन्यवाद दिया. मुख्यमंत्री के ट्विटर हैंडल से जारी इस सूचना पर लोगों ने हर्ष जताया,मुख्यमंत्री को साधूवाद दिया और कई सवाल भी पूछे. एक व्यक्ति ने […]

रांची : असम की सरकार झारखंड के संताल और उरांव आदिवासियों को अनुसूचित जनजाति का दर्जा देगी. झारखंड के मुख्यमंत्री ने यह जानकारी देते हुए असम के सीएम को धन्यवाद दिया. मुख्यमंत्री के ट्विटर हैंडल से जारी इस सूचना पर लोगों ने हर्ष जताया,मुख्यमंत्री को साधूवाद दिया और कई सवाल भी पूछे. एक व्यक्ति ने सीएम से पूछा, ‘असम सरकार ने एसटी का दर्जा दिया है, तो आप क्यों सीना चौड़ा कर रहे हैं.’ एक अन्य ने पूछा, ‘छत्तीसगढ़ियों को कब आरक्षण मिलेगा. आप छत्तीसगढ़ी लोगों के लिए कब कुछ करेंगे?

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एक सरकारी विज्ञप्ति में यहां बताया गया कि मुख्यमंत्री रघुवर दास से गुवाहाटी मेंबुधवारको असम सरकार के मुख्य सचिव, कार्मिक सचिव तथा टी ट्राइब के प्रधान सचिव ने मुलाकात की. श्री दास को बताया गया कि असम सरकार ने झारखंड के मूल आदिवासीसंताल और उरांव समुदाय के लोगों को अनुसूचित जनजाति का दर्जा दिये जाने के लिए केंद्र सरकार को विधिवत प्रस्ताव भेजा है.

विज्ञप्ति में बताया गया है कि पिछले सौ वर्ष से अधिक समय से असम में रह रहे तथा असम के चाय बागानों में कार्य के लिए गये और कई पीढ़ियों से वहीं काम कर रहे इन आदिवासी समुदाय को बहुत जल्द ही असम के अनुसूचित जनजाति का दर्जा प्राप्त होगा. मुख्यमंत्री ने इस पर प्रसन्नता प्रकट करते हुए अधिकारियों से कहा कि वे इसका क्रियान्वयन केंद्र सरकार से शीघ्र कराने का प्रयास जारी रखें.

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राज्य सरकार ने दावा किया है कि मुख्यमंत्री द्वारा लगातार पहल का ही नतीजा है कि यह प्रस्ताव केंद्र सरकार को भेजा गया है. मुख्यमंत्री के साथ हुई इस चर्चा में मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव तथा मुख्यमंत्री के सचिव भी उपस्थित थे. सीएम के ट्विटर हैंडल से जब असम के मुख्यमंत्री को धन्यवाद दिया गया, तो लोगों ने मुख्यमंत्री की प्रशंसा के पुल बांधने के साथ-साथ सवालों की झड़ी भी लगा दी.

जगन्नाथ महतो ने लिखा, ‘असम सरकार कर रही है. आप क्यों सीना चौड़ा कर रहे हो. आप तो झारखंडियों की जमीन छीनने में लगे रहो और नौकरियां बाहरियों में बांटते रहो.’ वहीं, चंदन जंघेल ने पूछा, ‘सर जी, छत्तीसगढ़ियों को झारखंड में कब आरक्षण मिलेगा? छत्तीसगढ़ियों के लिए आप कभी कुछ करेंगे?’

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किशोर ठाकुर ने इसके लिए सीएम की प्रशंसा की. लिखा, आज तक झारखंड के आदिवासियों के साथ असम में मारपीट की जाती थी. लेकिन, बीजेपी ने यहां के आदिवसियों को उचित सम्मान दिलाया.’ इसी तरह कई और लोगों ने सीएम और भाजपा को आदिवासियों का हितैषी बताया. दूसरी तरफ, राजवीर सिंह ने सीएम को सलाह दी कि सभी आदिवासियों को झारखंड बुला लिया जाये. उन्होंने एक और ट्वीट करके कहा कि बंगाल, छत्तीसगढ़ और बिहार से झारखंड आने वालोंपर लगाम लगायें.

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