परिजनों द्वारा ड्रेसिंग कराने के लिए दबाव बनाने के बाद ऑक्सीजन हटा कर ड्रेसिंग कराने के लिए ले जाया गया. वहां से वापस आने पर उसकी स्थिति ज्यादा खराब हो गयी. इस दौरान दवा देने के साथ ही इमरजेंसी से डॉक्टर को बुलाकर जांच करायी गयी. लेकिन मरीज को बचाया नहीं जा सका. बीडीओ पारूल सिंह को मृतक के परिजनों ने बताया कि अस्पताल में दवा नहीं मिलती है. जिसके कारण बाहर से दवा लानी पड़ती है. परिजनों ने एक कागज की पर्ची दिखायी, जिसमें दवा का नाम लिखा था. बीडीओ ने कहा कि बिना पैड पर दवा लिखा जाना और दुकानदार द्वारा दवा उपलब्ध कराना गैरकानूनी है. बीडीओ ने ड्रग इंस्पेक्टर राम कुमार झा को फोन कर ऐसे दवा दुकानदारों के खिलाफ कार्रवाई करने को कहा.
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सोमवार को हुई थी सरजामदा के युवक की मौत, परिजनों ने लगाया लापरवाही का आरोप, डॉक्टरों पर कार्रवाई और मुआवजे के लिए हंगामा
जमशेदपुर : एमजीएम अस्पताल में इलाज के दौरान सोमवार को सरजामदा निधि टोला निवासी सूरज नायक की मौत के बाद परिजनों ने दोषी डाॅक्टरों पर कार्रवाई करने, नौकरी व मुआवजा की मांग को लेकर मंगलवार को सुबह आठ बजे अस्पताल का मेन गेट बंद कर शव के साथ प्रदर्शन किया. हालांकि इस दौरान बगल का […]
जमशेदपुर : एमजीएम अस्पताल में इलाज के दौरान सोमवार को सरजामदा निधि टोला निवासी सूरज नायक की मौत के बाद परिजनों ने दोषी डाॅक्टरों पर कार्रवाई करने, नौकरी व मुआवजा की मांग को लेकर मंगलवार को सुबह आठ बजे अस्पताल का मेन गेट बंद कर शव के साथ प्रदर्शन किया. हालांकि इस दौरान बगल का गेट खोल दिया गया था ताकि मरीजों व अस्पताल के अंदर अाने-जाने वालों को ज्यादा परेशानी न हो.
सूचना पाकर पहुंचे साकची थाना प्रभारी के समझाने पर करीब चार घंटे बाद गेट खोला गया. बाद में जमशेदपुर बीडीओ पारूल सिंह, झामुमो जिलाध्यक्ष रामदास सोरेन, उत्तरी सरजामदा की मुखिया सुमी केराई भी एमजीएम पहुंचे. इन लोगों ने परिजनों और डॉक्टरों से बात की. इसके बाद पूरे मामले की जांच कराने, दोषी पर कार्रवाई करने का आश्वासन मिलने साथ ही मृतक के अंतिम संस्कार के लिए परिवार के लोगों को तत्काल सात हजार रुपये दिये जाने के बाद शव को लगभग पांच बजे पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया. डीसी के आदेश के आदेश पर वीडियोग्राफी कराकर तीन डॉक्टरों की टीम ने शव का पोस्टमार्टम किया.
बर्न यूनिट के एचओडी, इमरजेंसी के डॉक्टर व नर्स से ली जानकारी. हंगामा के बीच पहुंची बीडीओ पारूल सिंह व जेएमएम के जिलाध्यक्ष रामदास सोरेन ने अधीक्षक व बर्न यूनिट के एचओडी डॉ ललित मिंज से इलाज के बारे में जानकारी ली. शनिवार को इमरजेंसी वार्ड में इलाज करने वाले डॉक्टरों ने बताया कि सूरज के गले में काफी जख्म था और उसे बर्न यूनिट में भेज दिया गया था.
आधा घंटे तक एमजीएम अधीक्षक को घेरे रखा
मृतक के परिजन पुलिस व बीडीओ के आने के पहले अधीक्षक से इस संबंध में बात करने पहुंचे. इस दौरान आधे घंटे तक अधीक्षक को घेरे रखा. उसके बाद साकची पुलिस उन्हें समझाकर नीचे लायी. फिर परिजन मेन गेट पहुंचे और जाम कर दिया.
मेरे पति का सही से इलाज नहीं किया : गुड़िया
एमजीएम में इलाजरत गुड़िया (मृतक सूरज की पत्नी) को मंगलवार को सुबह होश आया. प्रभात खबर से बातचीत में गुड़िया ने कहा कि मेरे पति का सही ढंग से इलाज नहीं किया गया, जिसके कारण उनकी मौत हो गयी. डॉक्टरों व नर्सों के खिलाफ कड़ी से कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए.
दो दिन तक बर्न डिपार्टमेंट के डॉक्टर को सूचना ही नहीं
परिजनों ने आरोप लगाया कि शनिवार को बुरी तरह से जलने के बाद सूरज को एमजीएम के इमरजेंसी में भर्ती कराया गया था. लेकिन सोमवार तक उसकी मलहम-पट्टी तक नहीं की गयी. बीडीओ ने इस संबंध में इमरजेंसी के डॉक्टरों से लेकर बर्न यूनिट के प्रभारी डॉ. ललित मिंज से इस संबंध में जानकारी ली.
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