वाशिंगटन : पेंटागन ने कहा है कि ट्रांसजेंडर रंगरूटों को एक जनवरी से सेना में शामिल किये जाने की अनुमति दी जायेगी. सेना में ट्रांसजेंडरों की भर्ती पर रोक लगाने के अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के आदेश को एक और कानूनी झटका लगने के बीच यह घोषणा की गयी है. सोमवार को जारी की गयी नयी नीति दर्शाती है कि ट्रंप के आदेश को लागू करने के लिए संघीय सरकार को किन बाधाओं को पार करना होगा. ट्रंप ने इस साल की शुरुआत में कहा था कि ट्रांसजेंडरों की सेना में भर्ती किये जाने पर रोक लगायी जाये.
तीन संघीय अदालतों ने ट्रंप के आदेश के खिलाफ व्यवस्था दी है. इसमें से एक वाशिंगटन प्रांत की संघीय अदालत ने सोमवार को इस प्रतिबंध के खिलाफ व्यवस्था दी थी. अक्तूबर में अमेरिकी जिला न्यायाधीश कोलिन कोल्लर-कोटली ने सैन्य सेवा से ट्रांसजेंडरों को बाहर रखने की योजना पर आगे बढ़ने से ट्रंप प्रशासन को रोक दिया था. फैसले के एक हिस्से का प्रभाव यह था कि सेना एक जनवरी से ट्रांसजेंडरों की भर्ती की अनुमति देगी.
सरकार ने कोल्लर-कोटली से कहा था कि वह एक जनवरी की तारीख पर रोक लगाये. सरकार ने उनके पूर्ण फैसले के खिलाफ अपील दायर की थी, लेकिन सोमवार को उन्होंने अपील को खारिज कर दिया और एक बार फिर से कहा कि एक जनवरी से ट्रांसजेंडरों की सेना में भर्ती की जायेगी. न्याय विभाग अब संघीय अपीलीय अदालतों से कह रहा है कि वह हस्तक्षेप करे और एक जनवरी की तारीख पर रोक लगाये.
संभावित ट्रांसजेंडर रंगरूटों को लंबी और सख्त शारीरिक, चिकित्सीय और मानसिक स्थितियों से पार पाना होगा. यह सशस्त्र बलों में उनके शामिल होने को और कठिन बना सकता है. पेंटागन के प्रवक्ता मेजर डेविड ईस्टबर्न ने कहा कि ट्रांसजेंडर रंगरूटों की भर्ती अगले महीने शुरू होगी और कानूनी लड़ाइयों के बीच यह प्रक्रिया चलेगी. रक्षा विभाग भी समीक्षा कर रहा है. यह समीक्षा 2018 में होने की उम्मीद है.