धनबाद : देश को सबसे अधिक आय देने वाले रेल मंडलों में शुमार धनबाद में रेलकर्मियों की चिकित्सकीय सेवा दूसरे अस्पतालों के भरोसे चल रही है. रेलवे के उच्च प्रबंधन ने रेलवे मंडल अस्पताल को मल्टी स्पेशियालिटी अस्पताल बनाने की घोषणा की थी, लेकिन अस्पताल रेफरल बन कर रह गया. अस्पताल से मरीजों को विशेष चिकित्सा के लिए बाहर रेफर कर दिया जाता है, जबकि पैथोलॉजी, रेडियोलॉजी व एंबुलेंस सभी आउटसोर्स के हवाले है.
रेल मंडल के लगभग 21 हजार कर्मियों के इलाज की जिम्मेवारी 26 चिकित्सकों पर है. लेकिन विशेषज्ञ चिकित्सकों की कमी से जूझ रहे अस्पताल में अधिकांश सामान्य चिकित्सक ही हैं. इस कारण रेल कर्मियों को मजबूरी में इलाज कराने बाहर जाना पड़ रहा है.
न हड्डी के डॉक्टर, न विशेषज्ञ सर्जन : रेल मंडल अस्पताल में लाख कोशिश के बावजूद उच्च प्रबंधन की ओर से विशेषज्ञ चिकित्सक बहाल नहीं किये जा सके हैं. सबसे महत्वपूर्ण माने जाने वाले हड्डी रोग व सर्जरी में कोई विशेषज्ञ चिकित्सक नहीं है. जबकि हड्डी व सर्जरी के लिए चिकित्सक होना बेहद जरूरी है. चिकित्सक नहीं मिलने से फिलहाल अस्पताल की ओर से कुछ विशेषज्ञ चिकित्सकों को बाहर से बुलाया जाता है.
दो चिकित्सक के पद खाली, गझंडी में तीन वर्ष से चिकित्सक नहीं : रेल मंडल अस्पताल में स्वीकृत पदों की कुल संख्या 28 है. लेकिन इस पर 26 चिकित्सक फिलहाल सेवा दे रहे हैं. दो चिकित्सकों के रिटायर होने पर उनकी जगह किसी को भरा नहीं गया है. वहीं सबसे संवेदनशील माने जाने वाले गझंडी, हजारीबाग व कोडरमा में कोई चिकित्सक नहीं है. इस कारण यहां होने वाले किसी भी प्रकार की छोटी-मोटी रेल दुर्घटना में शिकार लोगों को इलाज के लिए धनबाद मुख्यालय भेज दिया जाता है.
पैथोलाॅजी के लिए एसआरएल, रेडियोलाॅजी के लिए क्लिनी लैब
रेल मंडल अस्पताल में पैथोलॉजी जांच के लिए एसआरएल जांच घर से टाइअप किया गया है. वहीं रेडियोलॉजी जांच व पैथोलॉजी सेवा के लिए क्लिनी लैब से टाइअप किया गया है. इसके साथ कुछ निजी नर्सिंग होम से भी रेल मंडल अस्पताल को जोड़ा गया है.
घायल रेल कर्मियों का इलाज भी नहीं
रेल मंडल क्षेत्र में आये दिन ट्रेन से गिरकर या दूसरे कारणों के जख्मी होकर मरीज रेल मंडल धनबाद में आते हैं. लेकिन यहां जख्मी यात्रियों को मामूली मरहम पट्टी करके पीएमसीएच रेफर कर दिया जाता है. ऐसे घायल यात्रियों के लिए अस्पताल की ओर से कोई सुविधाएं नहीं दी जाती है.
दो अस्पताल और जुड़े
रेल मंडल धनबाद के कर्मचारियों को सुपर स्पेशियालिटी सेवा के तहत शनिवार को दो अस्पतालों के साथ टाइअप किया गया. रेलवे बोर्ड की स्वीकृति मिलने के बाद टाइअप हुआ. इसमें मेडिका रांची व देव कमल अस्पताल रांची शामिल है. इससे पहले रेलवे अस्पताल का असर्फी अस्पताल, मिशन अस्पताल सहित कई अस्पतालों से टाइअप है.
अस्पताल में जो सुविधाएं हैं, उसके अनुसार सेवा प्रदान की जा रही है. मरीजों की बेहतर सेवा के लिए ही बाहरी अस्पतालों से टाइअप किया गया है.
डॉ बीके सिंह, सीएमएस, धनबाद