कोलकाता: पुरुषों में नपुंसकता वह अवस्था है, जिसमें एक फर्टाइल पुरुष, महिला को गर्भधारण करवाने में असफल रहता है. शादी के एक साल तक पति के साथ रहने के बाद भी जब स्वस्थ महिला गर्भधारण नहीं कर पाती है, तो मेल फर्टिलिटी की समस्या के संकेत हो सकते हैं. एक रिपोर्ट के अनुसार, देश में प्रति 10 युवा दंपती में तीन पुरुष नपुंसकता के शिकार होते हैं. देश में करीब 30 से 40 फीसदी मामलों में पुरुषों को बांझपन के लिए जिम्मेदार माना जाता है. यह जानकारी डॉ सुजय दास गुप्ता ने दी.
उन्होंने बताया कि चुस्त अंडरवियर पहनेवाले लोग इंफर्टिलिटी के शिकार हो सकते हैं. इसके इस्तेमाल से स्पर्म काउंट यानी प्रति मिलीलीटर वीर्य में शुक्राणुओं की संख्या घट जाती है. साथ ही शुक्राणुओं की गुणवत्ता में भी कमी आ सकती है. अंडरवियर की साफ-सफाई पर भी ध्यान देना चाहिए. मुधमेह, अल्कोहल व शराब की लत के कारण भी पुरुष में नपुंसकता की समस्या देखी जाती है.
यौन क्षमता बढ़ाने के लिए कुछ लोग खुद जहां-तहां से दवा खरीद कर खाना शुरू कर देते हैं. इस तरह की दवा से शरीर पर घातक प्रभाव पड़ सकता है. हृदय, नर्भ समेत अन्य अंगों पर बुरा असर पड़ता है.
यौन क्षमता से संबंधित किसी प्रकार की समस्या के लिए चिकित्सक से मिले. स्पर्म काउंट बढ़ाने के लिए कम से कम तीन महीने तक दवा खानी पड़ती है. इसके बाद जरूरत पड़ने पर महिला प्रजनन क्षमता की जांच की जाती है. दवा खिलाने के बाद आइयूआइ पद्धति से प्रजनन कराने की कोशिश की जाती है. इस पद्धति के जरिए स्पर्म की गुणवत्ता बढ़ाकर उसे यूटेरस (गर्भाशय) में डाला जाता है.