भुवनेश्वर : बारिश के बीच खेले गए पिछले मैच में ओलंपिक चैम्पियन अर्जेंटीना से मिली हार का गम भुलाते हुए भारतीय हॉकी टीम रविवार को कांस्य पदक के मुकाबले में जर्मनी के खिलाफ उतरेगी तो उसका इरादा पिछली बार के प्रदर्शन को दोहराते हुए पोडियम फिनिश का होगा.
रायपुर में पिछले हॉकी विश्व लीग फाइनल में भारत ने कांसे का तमगा ही जीता था लेकिन इस बार क्वार्टर फाइनल में दुनिया की तीसरे नंबर की टीम बेल्जियम को सडन डैथ में हराकर मेजबान ने पदक का रंग बेहतर करने की उम्मीद जताई थी लेकिन कल अर्जेंटीना ने सेमीफाइनल एक गोल से जीतकर उन पर पानी फेर दिया. सेमीफाइनल में भारत का सामना जर्मनी से होगा जिसे आज सेमीफाइनल में ऑस्ट्रेलिया ने तीन गोल से हराया.
जर्मनी ने लीग चरण में भारत को 2-0 से मात दी थी लिहाजा भारत का इरादा उस हार का बदला चुकता करने का भी होगा और पिछले नौ दिन से बड़ी तादाद में स्टेडियम में जुट रहे दर्शकों को भी टीम जीत का तोहफा देकर विदा लेना चाहेगी. अर्जेंटीना के खिलाफ रविवार को खेले गए सेमीफाइनल में हालांकि मुकाबला तकनीक और दमखम से ज्यादा इस बात का था कि बारिश से मैदान पर जमा पानी और फिसलन के बीच कौन सी टीम बेहतर खेल पाती है.
विकट हालात में खिलाडियों को ना तो रफ्तार मिल पा रही थी और ना ही स्टिक पर पकड़ बन पा रही थी. अर्जेंटीना ने इस मैच में दिखा दिया कि वह दुनिया की नंबर एक टीम क्यूं है. दूसरे क्वार्टर में मिली बढत को आखिर तक बरकरार रखते हुए उसने भारत को गोल करने के मौके नहीं दिये. भारत के कोच शोर्ड मारिन ने बाद में कहा , हमें यह नहीं भूलना चाहिये कि मुकाबला ओलंपिक चैम्पियन से था लेकिन मैं अपनी टीम के प्रदर्शन से निराश नहीं हूं.
यह मैच सामान्य हालात में नहीं खेला गया था. भारत ने सिर्फ चौथे क्वार्टर में बेहतर प्रदर्शन करके सर्कल के भीतर कई मूव बनाये लेकिन अंजाम तक नहीं ले जा सके. एशियाई टीमों के खिलाफ बेहतरीन प्रदर्शन करने वाले फारवर्ड आकाशदीप और मनदीप सिंह को बड़ी टीमों के सामने भी इसे दोहराना होगा. वहीं अनुभवी एस वी सुनील से कोच को प्लेमेकर के रुप में बेहतर प्रदर्शन की उम्मीद होगी.
पेनल्टी कार्नर भी भारत की चिंता का सबब बना हुआ है जबकि टीम के पास हरमनप्रीत सिंह और आठ महीने बाद वापसी करने वाले रुपिंदर पाल सिंह के रुप में दो विश्व स्तरीय ड्रैग फ्लिकर हैं. गोलकीपर आकाश चिकते ने बेल्जियम के खिलाफ शूटआउट और सडन डैथ में बेहतरीन प्रदर्शन किया था जबकि डिफेंस का प्रदर्शन अभी तक बेहतर ही रहा है. कप्तान मनप्रीत सिंह ने स्वीकार किया कि भारतीय टीम हाथ आये मौकों को भुना नहीं सकी लेकिन इस बात से इंकार किया कि प्रदर्शन में निरंतरता का अभाव है.
उन्होंने कहा , हमें मैच में वापसी के कई मौके मिले लेकिन हम बराबरी का गोल नहीं कर सके. अभी भी हम कांस्य पदक जीत सकते हैं और पूरा फोकस उसी पर रखेंगे. मैं नहीं मानता कि हम लगातार अच्छा प्रदर्शन नहीं कर पा रहे हैं. यह मैच अलग हालात में खेला गया था और इसे मानदंड नहीं बनाना चाहिये. जर्मन कप्तान मैट्स ग्रामबुश ने स्वीकार किया कि भारत के खिलाफ मुकाबला कठिन होगा लेकिन लीग चरण में इसी माहौल में उन्होंने भारत को हराया था. जर्मनी के पांच नियमित खिलाड़ी आज सेमीफाइनल के दौरान अनफिट थे और जर्मन खेमा दुआ कर रहा होगा कि कल वे खेलने की स्थिति में हों.
मौसम विभाग ने कल मौसम साफ रहने की उम्मीद जताई है लिहाजा हालात बेहतर रहेंगे और दोनों टीमें अपनी क्षमता के अनुरुप खेल सकेंगी. अगले साल इसी मैदान पर उन्हें विश्व कप खेलने लौटना है.