रांची : झारखंड में एक ओर सरकार शराबबंदी की बात करती है, दूसरी ओर खुद शराब भी बेचती है. सरकार के इस फैसले पर संसद का शीतकालीन सत्र बेहद गर्म रहने वाला है. विपक्ष ने इसके संकेत विधानसभा का सत्र शुरू होने से तीन दिन पहले ही दे दिया है. शुक्रवार को विधानसभा अध्यक्ष द्वारा बुलायी गयी बैठक के बाद झारखंड मुक्ति मोर्चा ने साफ कर दिया कि सरकार के शराब बेचने के फैसले पर सदन बेहद हंगामेदार रहेगा.
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झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) के नेताओं और विधायकों ने कहा है कि वे विधानसभा के शीत सत्र में सरकार से मांग करेंगे कि विधायकों की सहूलियत के लिए विधानसभा परिसर में शराब की दुकान खोली जाये. झामुमो के मुख्य प्रवक्ता कुणाल षाड़ंगी ने कहा है कि जब सरकार विधायकों की सहूलियत के लिए विधानसभा परिसर में रेलवे टिकट रिजर्वेशन काउंटर खुल सकते हैं, बैंक खुल सकते हैं, खादी के आउटलेट खुल सकते हैं, तो शराब की दुकान क्यों नहीं.
श्री षाड़ंगी ने सरकार पर तंज कसते हुए कहा कि आखिर उन्हें विधायकों की सहूलियत की चिंता जो है. उन्होंने कहा कि जब सरकार खुदरा दुकान खोलकर शराब बेच सकती है, तो विधानसभा परिसर में शराब दुकान से परहेज क्यों करना चाहिए. इससे पहले झामुमो के कार्यकारी अध्यक्ष हेमंत सोरेन ने कहा कि सदन में चर्चा होगी या नहीं, यह सरकार के रवैये पर निर्भर होगा. उन्होंने कहा कि झारखंड में जनहित से जुड़े कई मुद्दे हैं. विपक्ष उन मुद्दों को उठायेगा. सरकार को उन सवालों का जवाब देना होगा.
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विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष हेमंत सोरेन ने कहा कि लोग भूख से मर रहे हैं. ठंड से मौत हो रही है़ किसान आत्महत्या कर रहे है़ं ऐसे मामले सदन में तो आयेंगे ही.इन्हींमुद्दों परसरकारसे हमारा विरोध है. यह आगे भी रहेगा. हम विपक्ष में हैं. सरकार ने भूमि अधिग्रहण कानून में संशोधन वापस नहीं लिया है़ सदन चलेगा या नहीं, यह सरकार पर निर्भर है़ सरकार को जवाब तो देना ही होगा़