भागलपुर : पहली जनवरी से मंजूषा कलाकारों के हाथों में रोजगार होगा. कलाकारों के द्वारा बनायी गयी पेंटिंग या मंजूषा कला उकेरा हुआ सामान उचित कीमत पर बेचने की व्यवस्था बिहार सरकार करने जा रही है. इसके लिए मंजूषा कलाकार सामान्य सुविधा केंद्र से जुड़ेंगे और धन उपार्जन कर सकेंगे. सामान्य सुविधा केंद्र के लिए भागलपुर संग्रहालय में तात्कालिक रूप से जगह चिह्नित की गयी है, जो 31 दिसंबर को खोल दिया जायेगा.
यह जानकारी शुक्रवार मंजूषा महोत्सव में शिरकत करने आये उपेंद्र महारथी शिल्प अनुसंधान संस्थान के उपनिदेशक अशोक कुमार सिन्हा ने प्रभात खबर को बतायी. मंजूषा कला के लिए दो करोड़ का तोहफा सिन्हा ने बताया कि भारत सरकार ने बिहार सरकार को विभिन्न कला को विकसित करने के लिए 30 करोड़ रुपये स्वीकृत किया है. इसमें दो करोड़ रुपये मंजूषा कला के लिए दिया गया है. इस राशि से मंजूषा कला सामान्य सुविधा केंद्र खोला जायेगा.
मंजूषा कला सामान्य सुविधा केंद्र में कलाकारों को तमाम सुविधाएं एक छत के नीचे प्रदान की जायेंगी. इसमें नये कलाकारों को जहां प्रशिक्षण दिया जायेगा, वहीं पुराने कलाकारों को दूसरे राज्यों में भेज कर मंजूषा कला को और उन्नत बनाने के लिये गुर सिखाया जायेगा. यहां से मार्केटिंग, इ-मार्केटिंग की सुविधा मिलेगी. निफ्ट व एनआइडी के कलाकार भी केंद्र में समय-समय पर आते रहेंगे.
मंजूषा कला सामान्य सुविधा केंद्र में कलाकार जो भी पेंटिंग बनायेंगे, उसे बेचने के लिए केंद्र में ही काउंटर होगा. काउंटर से आम लोग पेंटिंग खरीद सकेंगे. इसके अलावा कुछ पेंटिंग दिल्ली मेला या अन्य बाजार में बिक्री के लिए सरकार बाहर भेज देगी. पेंटिंग बिकने के बाद कलाकारों के बैंक खाते में आरटीजीएस से पैसे आ जायेंगे.
मंजूषा कला सामान्य सुविधा केंद्र के नेतृत्व का दायित्व उपेंद्र महारथी शिल्प अनुसंधान संस्थान के पास होगा. स्थानीय स्तर पर भागलपुर के बड़े कलाकारों की देखरेख में केंद्र का संचालन होगा. उपनिदेशक श्री सिन्हा ने बताया कि वरीय कलाकारों की कमेटी गठित की जायेगी, ताकि केंद्र संचालन में कोई दिक्कत नहीं हो. श्री सिन्हा ने बताया कि स्कूल-कॉलेजों में मंजूषा कला प्रशिक्षण कार्यक्रम चलेगा. यह 10 दिनों का होगा. यह पूरी तरह नि:शुल्क होगा. इसके लिए स्थानीय कलाकारों को जिम्मेदारी सौंप दी गयी है.
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