पटना / नयी दिल्ली : बिहार के सबसे बड़े सियासी परिवार के सदस्य मुश्किलों में घिरते दिख रहे हैं. जानकारी के मुताबिक प्रवर्तन निदेशालय की जांच टीम ने लारा प्रोजेक्ट से जुड़ी तीन एकड़ जमीन को पटना में कुर्क किया है. बताया जा रहा है कि बाजार के सर्कल रेट के हिसाब से अभी इस जमीन की कीमत लगभग 44 करोड़ 70 लाख रुपये है. यह जमीन तेज प्रताप-राबड़ी देवी और तेजस्वी के नाम से है. शुक्रवार को ईडी की टीम ने कार्रवाई करते हुए इस जमीन को कुर्क कर लिया है. टीवी रिपोर्ट के मुताबिक ईडी ने पहले ही आशंका जतायी थी कि लालू परिवार पूछताछ में एजेंसी को सहयोग नहीं कर रहा है, इसलिए बड़ी कार्रवाई हो सकती है.
ED attaches 3 acres of land belonging to Lalu Prasad Yadav & his family in connection with IRCTC case. pic.twitter.com/NBe2bqVbbm
— ANI (@ANI) December 8, 2017
इससे पूर्व, आयकर विभाग ने बेनामी संपत्ति मामले में लालू प्रसाद यादव के परिवार के छह सदस्यों पर बेनामी एक्ट के तहत कार्रवाई की थी. छह सदस्यों में तेजस्वी यादव और लालू की बेटी और राज्यसभा सांसद मीसा भारती, लालू की पत्नी राबड़ी देवी शामिल थीं. जबकि, आयकर विभाग ने लालू की पत्नी राबड़ी देवी, बेटे तेजस्वी यादव, बेटी मीसा भारती और उनके पति शैलेश, बेटी रागिनी और बेटी चंदा की प्रॉपर्टी जब्ती का नोटिस जारी किया था. जब्त संपत्ति में दिल्ली के जमीन, प्लॉट और भवन तथा पटना की 9.32 करोड़ की कीमत वाली जमीन शामिल थी. हालांकि वर्तमान बाजार रेट के अनुसार आयकर अधिकारी इसकी कीमत 170-180 करोड़ बता रहे हैं.
इस कार्रवाई के वक्त अधिकारियों ने कहाथा कि विभाग ने बेनामी लेनदेन कानून, 1988 के तहत अस्थायी आदेश के जरिये संपत्ति कुर्क की है. यह कानून पिछले साल 1 नवंबर से लागू हुआ था. अधिकारियों नेकहाथा कि यह संपत्ति बेनामी कब्जे में थीं. कुर्क संपत्ति के मूल्य का तत्काल पता नहीं चल पाया था. बेनामी संपत्ति में लाभार्थी वह व्यक्ति नहीं होता, जिसके नाम से संपत्ति खरीदी गयी है. गौरतलब हो कि ईडी द्वारा बार-बार नोटिस जारी करने के बाद भी राबड़ी देवी उपस्थित नहीं हो रही थीं, आखिरकार गत सप्ताह ईडी की टीम ने पटना में आकर राबड़ी देवी से पूछताछ की थी.
साथ ही पूर्व में इस मामले में भारती और अन्य लोगों से जुड़े चार्टर्ड अकाउंटेंट राजेश कुमार अग्रवाल को प्रवर्तन निदेशालय ने 22 मई को गिरफ्तार किया था. अधिकारियों ने कहा कि भारती और कुमार को जारी समन इस मामले में जांच का हिस्सा है. विभाग उनका बयान दर्ज करना चाहता है. कर अधिकारियों ने कहा था कि मीसा ने कुछ संपत्तियां बेनामी तरीके से रखी हैं, जो जांच के घेरे में हैं.
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