कोलकाता. मर्चेंट चेंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री की ओर से राज्य में कृषि संबंधी कारोबार में संभावनाओं विषयक सेमिनार में निवेश की अपार संभावनाओं का खुलासा हुआ. राज्य की खाद्य प्रसंस्करण उद्योग व होर्टीकल्चर विभाग की सचिव नंदिनी चक्रवर्ती ने बताया कि सब्जियों के भंडारण के लिए राज्य में 10 लाख मिट्रिक टन सब्जियों के भंडारण के लिए कोल्ड स्टोरेज की जरूरत है.
इसके लिए राज्य सरकार भागीदारों की तलाश कर रही है. बंगाल उत्तर पूर्व, नेपाल, भूटान और म्यांमार का प्रवेश द्वार है. यहां भारी संभावना है. राज्य के मत्स्य पालन विभाग के सचिव रवि इंदर सिंह ने कहा कि राज्य में मछलियों के चारे की जरूरत सालाना 20 लाख मिट्रिक टन है.
इसमें राज्य में केवल 1.7 लाख मिट्रिक टन ही उत्पादन होता है. छह से सात लाख मिट्रिक टन बाहर से आता है. मछलियों की बात करें तो गत वर्ष एक लाख मिट्रिक टन मछली का निर्यात किया गया था. जबकि मांग तीन लाख मिट्रिक टन तक पहुंच रही है. राज्य में सालाना 17.8 लाख मिट्रिक टन मछली का उत्पादन होता है. मांग के 2019-20 तक 20 लाख मिट्रिक टन तक पहुंच जाने की संभावना है.
कृषि विपणन विभाग के सचिव राजेश कुमार सिन्हा ने सब्जियों की कीमतों में किसान से उपभोक्ता तक पहुंचने में भारी उछाल होने की बाबत कहा कि सब्जियां उपभोक्ता तक पहुंचने से पहले चार से पांच और कभी छह हाथों से गुजरती हैं. इन मिडिलमैन की सब्जियों के परिवहन के मामले में भी उपयोगिता है. लेकिन राज्य सरकार यह कोशिश कर रही है कि इसे कम किया जाये. श्री सिन्हा ने यह भी बताया कि राज्य सरकार की ओर से राजारहाट में अगले डेढ़ वर्ष के भीतर राजारहाट में ऑर्गेनिक मार्केट बनाया जायेगा. ऑर्गेनिक उत्पादों को बढ़ावा देने के लिए यह किया जा रहा है. कार्यक्रम में स्वागत भाषण एमसीसीआइ के अध्यक्ष रमेश अग्रवाल ने दिया.