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झारखंड : निजी स्कूलों में फीस वृद्धि पर समिति करेगी फैसला, पढ़ें कैबिनेट की आपके काम की खबरें

रांची : झारखंड में निजी स्कूलों में मनमानी फीस वृद्धि पर अब रोक लगेगी. मंगलवार को हुई कैबिनेट की बैठक में झारखंड शिक्षा न्यायाधिकरण संशोधन विधेयक 2017 को मंजूरी दे दी गयी. इसमें निजी स्कूलों की ओर से मनमानी फीस बढ़ोतरी पर नियंत्रण लगाने का प्रावधान है. इसके तहत निजी स्कूलों में फीस निर्धारण समिति […]

रांची : झारखंड में निजी स्कूलों में मनमानी फीस वृद्धि पर अब रोक लगेगी. मंगलवार को हुई कैबिनेट की बैठक में झारखंड शिक्षा न्यायाधिकरण संशोधन विधेयक 2017 को मंजूरी दे दी गयी. इसमें निजी स्कूलों की ओर से मनमानी फीस बढ़ोतरी पर नियंत्रण लगाने का प्रावधान है. इसके तहत निजी स्कूलों में फीस निर्धारण समिति बनेगी. यह समिति ही फीस बढ़ाने संबंधी निर्णय लेगी.

समिति को मौजूदा फीस में सिर्फ 10 फीसदी तक ही वृद्धि का अधिकार होगा. इससे अधिक की वृद्धि पर उपायुक्त की अध्यक्षता में गठित जिला समिति अंतिम फैसला करेगी. अगर स्कूल जिला समिति की ओर से निर्धारित फीस से अधिक लेते हैं, तो उन पर कार्रवाई होगी. निर्धारित फीस से अधिक लेने पर पहली बार स्कूल पर 2.5 लाख तक का अर्थ दंड लगेगा. दूसरी बार ऐसा करने पर अर्थ दंड के अलावा स्कूल की मान्यता रद्द करने की कार्रवाई की जायेगी. जिला स्तरीय समिति के फैसले से असंतुष्ट होने पर स्कूल प्रबंधन राज्य शिक्षा न्यायाधिकरण में अपील कर सकेगा.

जबरन धर्मातरण में जांच का प्रावधान निर्धारित : कैबिनेट ने धर्म स्वतंत्रता नियमावली 2017 को मंजूरी दे दी. इसके तहत जबरन धर्मांतरण कराये जाने के मामलों की जांच और दंडित करने का प्रावधान निर्धारित किया गया है. इसके तहत कोई धार्मिक पुजारी या संस्था धर्मांतरण कराने से संबंधित सूचना 15 दिन पूर्व उपायुक्त को देगा. अगर कोई व्यक्ति अपनी इच्छा से धर्म परिवर्तित करता है, तो वह सात दिनों के अंदर निर्धारित प्रपत्र के जरिये इसकी सूचना उपायुक्त को देगा. कैबिनेट ने धर्मांतरण करानेवाली संस्थाओं की ओर से दी जानेवाले सूचना प्रपत्र के प्रारूप को मंजूरी दे दी. धर्मांतरित होनेवाले व्यक्ति की ओर से भी सरकार को दी जानेवाली सूचना प्रपत्र के प्रारूप को मंजूरी दी गयी. जबरन धर्मांतरण से संबंधित शिकायत मिलने पर उपायुक्त को जांच का अधिकार होगा.
पुलिस इंस्पेक्टर से नीचे के स्तर का कोई भी अधिकारी इससे संबंधित मामले की जांच नहीं कर सकेगा. 60 दिनों के अंदर न्यायालय में आरोप पत्र दाखिल करना जांच अधिकारी की बाध्यता होगी. अभियोजन स्वीकृति का अधिकार उपायुक्त को होगा. इसके लिए सात दिन की समय सीमा निर्धारित की गयी है. उपायुक्त को धर्मगुरु द्वारा धर्मांतरण से संबंधित रखे गये दस्तावेज की जांच का भी अधिकार होगा. जबरन धर्मांतरण कराये जाने की स्थिति में ऐसा करानेवाले पर दो लाख रुपये का जुर्माना और चार साल तक जेल की सजा होगी. दंड और सजा का निर्धारण सक्षम न्यायालय करेगा. जबरन धर्मांतरण में पीड़ित व्यक्ति को दो लाख रुपये का मुआवजा मिलेगा.
नये कॉलेजों में पदों पर खर्च होंगे सालाना 42.34 करोड़
कैबिनेट ने राज्य के विश्वविद्यालयों के अधीन बने नये कॉलेजों के लिए प्राचार्यों, शिक्षकों और कर्मचारियों के कुल 901 पदों के सृजन पर सहमति दे दी है. इन पदों पर सालाना 42.34 करोड़ खर्च होंगे. कैबिनेट ने रांची विवि के अधीन सात नये कॉलेजों के लिए 203 पदों को मंजूरी दे दी. इन पर नियुक्त लोगों के वेतन भत्ते पर सालाना 11.38 करोड़ खर्च होंगे. नीलांबर-पीतांबर के अधीन चार नये कॉलेजों के लिए 114 पदों को मंजूरी दी गयी, जिन पर 6.44 करोड़ सालाना खर्च होंगे. इसी तरह, कोल्हान विवि के अधीन छह नये कॉलेजों के लिए 178 पदों (9.94 करोड़ खर्च) के सृजन पर सहमति दे दी. बिनोवा भावे विवि के छह कॉलेजों के लिए 173 पदों (9.69 करोड़ खर्च ) के सृजन की स्वीकृति दी गयी. वहीं, सिदो-कान्हू विवि के सात नये कॉलेजों के लिए 203 पदों के सृजन पर मंजूरी दे दी. इन पर 11.35 करोड़ सालाना खर्च होंगे.
बनेंगे कई पुलिस अनुमंडल
कैबिनेट ने राज्य में नये पुलिस अनुमंडल, ओपी और थाना क्षेत्र बनाने का फैसला किया. इसके तहत चैनपुर, सिमरिया, पश्चिम सिंहभूम सदर, पतरातू, मनोहरपुर, महेशपुर, साहेबगंज, बरवाडीह, बिष्णुगढ़, निरसा, लेस्लीगंज, नाला, बालूमाथ, दुमका व हजारीबाग सदर नये पुलिस अनुमंडल बनेंगे. जामताड़ा, देवघर, गिरिडीह, धनबाद, पूर्वी सिंहभूम, जमशेदपुर और पलामू में नये साइबर थाने खोले जायेंगे. गिरिडीह, रामगढ़ और सरायकेला में नये ट्रैफिक पुलिस स्टेशन बनेंगे. सतबरवा, पेशरार, बरियातू, गुदड़ी, जरियागढ़, लोहसिंहना, कोर्रा, पचंबा, रिखिया, तीन पहाड़, करंज, फुसरो में नये थाने बनेंगे. इसके अलावा रांची में एयरपोर्ट और खेलगांव दो नये थाने बनेंगे. सिद्धौ-कान्हू विवि कैंपस और नवाडीह में दो पुलिस आउटपोस्ट बनाये जायेंगे.
एसटी में शामिल होंगी ये जातियां
कैबिनेट ने खरवार, खैरी, देशबारी, गंझू, दौलतबंदी, पंतबंदी, राउत और माझिया जाति को अनुसूचित जनजाति में शामिल करने का फैसला किया. राज्य सरकार इससे संबंधित अनुशंसा भारत सरकार को भेजेगी.
विवाह का निबंधन नहीं कराया, तो रोज पांच रुपये जुर्माना
कैबिनेट ने विवाह अनिवार्य निबंधन विधेयक को मंजूरी दी. इसके तहत हर शादी करनेवाले को अपना निबंधन कराना होगा. निबंधन में देर करने पर पांच रुपये प्रतिदिन की दर से दंड देय होगा. दंड की अधिकतम राशि 100 रुपये होगी. यदि कोई सरकारी कर्मचारी निबंधन नहीं करायेगा, तो उस पर विभागीय कार्रवाई चलेगी. विवाह निबंधन के सिलसिले में गलत सूचना देनेवालों पर पांच हजार रुपये तक का अर्थदंड भी लगाया जा सकेगा.
कैबिनेट के अन्य फैसले
खेल विवि स्थापना विधेयक मंजूर. मुख्य सचिव विवि के कुलपति होंगे
ग्राम रक्षा दल नियमावली 2001 निरस्त. इससे अब दलपतियों की नियुक्ति नहीं होगी
कोनार सिंचाई परियोजना के लिए 2176.25 करोड़ रुपये स्वीकृत
स्थानीय शहरी निकायों में संविदा के आधार पर सिटी मैनेजर के 20 पद सृजित
ट्रांसमिशन लाइन निजी जमीन से गुजरने पर जमीन मालिक को सर्किल रेट का 85 प्रतिशत मुआवजा दिया जायेगा. इसके अलावा विद्युत अधिनियम के तहत राशि की प्रतिपूर्ति की जायेगी
कैबिनेट के अन्य फैसले
– अरुण कुमार सिंह को न्यायालय के आदेश के आलोक में उच्च तकनीकी शिक्षा विभाग में निदेशक के पद पर फिर से बहान करने का फैसला
– पंचायतों में नक्शा पास करने के उद्देश्य से साॅफ्टवेयर बनाने का काम साफ्टटेक इंजीनियरिंग प्राइवेट लिमिटेड को
– पुंदाग औद्योगिक क्षेत्र में जीरो लिक्विड डिस्चार्ज के तहत प्लांट निर्माण के लिए 35.57 करोड़ की पुनरीक्षित योजना मंजूर
– एनटीपीसी को पकरी-बरवाडीह कोल माइंस के लिए 10.17 एकड़ जमीन 30 साल की लीज पर देने का निर्णय
– ऊर्जा नीति को तीन माह का अवधि विस्तार
– साइबर क्राइम प्रोजेक्ट का काम 88.34 करोड़ की लागत पर नॉमिनेशन के आधार पर सीडेक को देने पर सहमति
– नन वैटेबुल आइटम के लिए लागू अध्यादेश को विधेयक के रूप में पेश करने का फैसला
– नगरपालिका सेवा संवर्ग नियमावली 2017 में आयोग के माध्यम से नियुक्ति का निर्णय
– खान, खनिज विनियमन की धारा 15 के तहत विधेयक प्रारूप को मंजूरी. इसके तहत बालू की बिक्री के नये नियम को संशोधन विधेयक के रूप में पेश किया जायेगा
– कोर्ट फीस के रूप में इ-पेमेंट विधेयक का प्रारूप मंजूर
– गुमला के बिशुनपुर में 500.04 एकड़ जमीन 29.19 करोड़ रुपये के भुगतान पर टाटा की नोवामुंडी खनन परियोजना के लिए क्षतिपूर्ति वनरोपण को लेकर वन विभाग को हस्तांतरित करने का फैसला

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