दरभंगा : बिहार में मधुबनी जिला के बिस्फी थाना क्षेत्र के चहुंटा गांव के 27 वर्षीय रणधीर कुमार चौधरी की मौत से घर का चिराग बुझ गया. इस घटना से राजकुमार चौधरी की दुनिया ही उजड़ गयी. परिजनों ने बताया कि तीन वर्ष से पुत्र के इलाज में राजकुमार आर्थिक तंगी के दौर से गुजर रहा था. दरभंगा, पटना, रांची और दिल्ली तक ले जाकर इलाज करवाया था. परंतु होनी को कुछ और ही मंजूर था. अंततः यह दिन देखना पड़ा. विडंबना है कि जिस पुत्र के कंधे पर माता-पिता की अर्थी उठनी चाहिए थी, उस पुत्र को आज पिता मुखग्नि देगा.
इधर, युवक की मृत्यु की खबर सुनकर आसपास के गांव में मातमी सन्नाटा पसर गया. शव घर पहुंचते ही परिजनों के बीच कोहराम मचने लगा. मृतक की मां सहित अन्य परिजनों का रो-रो कर बुरा हाल हो रहा था. मां की करुण चित्कार ‘आब केकरा लागि जीवै हो भगवान, इ दिन देखाबे से पहिने हमरे सब के ल जैत’ सुन आने-जाने वाले सभी के आंख में आंसू छलक जाता था. देर शाम परिजनों ने शव का अंतिम संस्कार कर दिया. श्री चौधरी ने रुंधे गले से बताया की एक लड़की थी, जिसकी शादी हो चुकी है. एक ही पुत्र था, लेकिन भगवान ने उसे भी छिन लिया.
इससे पहले दरभंगा-सीतामढ़ी रेलखंड के कमतौल स्टेशन से पश्चिम पुल संख्या 15ए पर मंगलवार को एक युवक का शव जीआरपी ने बरामद किया था. मृतक की पहचान मधुबनी जिला के बिस्फी थाना क्षेत्र अंतर्गत चहुंटा निवासी राजकुमार चौधरी के 27 वर्षीय पुत्र रणधीर कुमार चौधरी के रूप में हुई थी. परिजनों और ग्रामीणों के अनुरोध पर पुलिस ने पंचनामा बनाकर शव परिजनों के हवाले कर दिया था.
बताया जा रहा था कि मृतक मानसिक रूप से विक्षिप्त था, जिसका तीन वर्ष से इलाज चल रहा था. इस क्रम में दरभंगा से लेकर दिल्ली और रांची तक इलाज करवाने के कागजात पुलिस के समक्ष प्रस्तुत किया गया. इसके बाद पुलिस शव परिजनों के हवाले करने पर राजी हुई.