मुजफ्फरपुर : कहते हैं कि पुस्तकें सबसे अच्छी दोस्त होती हैं. इसमें मन रम गया, तो करियर हासिल करने में देर नहीं लगती. जरूरत होती है किताबों को आत्मसात करने की. व्यक्ति के मन में स्वाध्याय से कुछ पाने की ललक हो, तो किताबें उन्हें पूरा साथ देती हैं. ऐसे लोग जिन्होंने करियर पाने के लिए साधना के स्तर पर अध्ययन में मन लगाया है,
वे आज ऊंचे मुकाम पर हैं. उनके लिए किताबें भगवान की मूर्ति व लाइब्रेरी पूजा घर. जिंदगी में मुकाम पाने के बाद भी वे अपने पूजा घर को नहीं भूलते. शहर में ऐसे तो कई लाइब्रेरी हैं, लेकिन बिहार विवि का लाइब्रेरी अपनी समृद्ध विरासत को संभाले आज भी छात्राओं के लिए प्रेरणास्रोत है. यह वही स्थल है,
जहां स्वाध्याय कर पिछले छह दशक से हजारों छात्रों ने देश-विदेश में अपना परचम लहराया है. हजारों पुस्तकों से समृद्ध यह लाइब्रेरी सिर्फ पुस्तकाें का भंडार नहीं, बल्कि हजारों छात्राें की मेहनत का गवाह भी है. यहां से हर साल सैकड़ों छात्र अपनी मंजिल में कामयाब होते रहे हैं. स्वाध्याय में छात्रों का उत्साह देख कर लगता है कि इस वर्ष भी सैकड़ों छात्र अपनी पढ़ाई के साथ मंजिल पाने में सफल होंगे.
दो सौ छात्र नियमित कर रहे स्वाध्याय
आमतौर पर छात्रों के शोर में डूबे रहने वाले विवि में एक जगह ऐसी भी है, जहां हलकी सी भी आवाज नहीं आती. यह स्थल लाइब्रेरी के एक भाग में स्थित स्टडी रूम है. यहां सुबह से लेकर रात तक छात्र अध्ययन में लगे रहते हैं. सुबह छह बजे लाइब्रेरी खुलने के बाद से ही यहां छात्रों की भीड़ उमड़ने लगती है. रात्रि नौ बजे तक छात्र यहां कॉलेज के पाठ्यक्रम के साथ प्रतियोगिता परीक्षा की तैयारी में डूबे रहते हैं. किसी को आइएएस बनना है, तो कोई पुलिस सेवा में जाना चाहता है.
ऐसे तो यहां रोज करीब दो सौ छात्र यहां आकर नियमित रूप से साधना कर रहे हैं. उनकी शब्दों की साधना सुबह से रात तक चलती रहती है.
जरूरत की सभी
किताबें उपलब्ध
मुशहरी के रहनेवाले मनीष कुमार इतिहास से एमए कर रहे हैं. ये रोज छह से आठ घंटे तक विषय की पढ़ाई करते हैं. मनीष ने कहा कि यहां पढ़ने में आकर बहुत शांति मिलती है. सभी अपने अध्ययन में डूबे रहते हैं. शोर नहीं होने से पढ़ाई में सहूलियत होती है. यहां जरूरत की सभी तरह की किताबें हैं. एक किताब से बात समझ में नहीं आयी, तो दूसरी से समझने में सहूलियत होती है. मेरे अध्ययन के लिए सबसे अच्छी जगह है. यहां अध्ययन करने में भी मन भी स्थिर रहता है.
परीक्षाओं की तैयारी
में मिल रही मदद
भूगोल से पीजी कर रहे सुनील कुमार लाइब्रेरी में रोज आठ घंटे का समय देते हैं. पढ़ाई के साथ जेनरल कंपीटीशन की तैयारी कर रहे हैं. सुनील ने कहा कि उनका घर बगहा में है. पढ़ाई के कारण शहर में किराये का रूम लेकर रह रहे हैं. मुख्य उद्देश्य लाइब्रेरी में आकर परीक्षाओं की तैयारी करना है. उन्होंने कहा कि पिछले एक साल से वे नियमित तौर पर यहां आकर अध्ययन कर रहे हैं. इससे परीक्षाओं की तैयारी में काफी मदद मिल रही है. उनके अंदर आत्मविश्वास भी आया है के वे अच्छा कर सकते हैं.
रोज 11 घंटे तक
करते हैं पढ़ाई
कांटी के परवेज आलम का पूरा दिन लाइब्रेरी में बीतता है. दोपहर में एक घंटा के लंच के अलावा ये अपना समय बर्बाद नहीं करते. रोज दस से 11 घंटे यहां अध्ययन करते हैं. परवेज बताते हैं कि उनकी इच्छा पुलिस विभाग में जाने की है. पीजी की तैयारी के साथ वे प्रतियोगिता परीक्षाओं के लिए भी पढ़ाई कर रहे हैं. उनका एक ही मिशन है, लक्ष्य पूरा करना. इसके लिए वे दिन रात जुटे रहते हैं. यहां पढ़ाई का अच्छा माहौल है. दूसरे छात्र भी कोऑपरेटिव हैं. कोई समस्या होती है तो सभी समाधान करते हैं.
बीपीएससी के लिए तैयारी कर रहे सुजीत
सुजीत कुमार पिछले डेढ़ साल से लाइब्रेरी में आकर पढ़ाई कर रहे हैं. ये भी 11 घंटे तैयारी करते हैं. सुजीत कहते हैं कि यहां पढ़ाई का काफी अच्छा माहौल है. किताबों की कमी नहीं है. शांतिपूर्ण माहौल में अध्ययन करने से तैयारी अच्छी होती है. मेरी इच्छा बीपीएससी करने की है. इसी उद्देश्य से पढ़ाई कर रहा हूं. मेरी तरह यहां कई छात्र हैं, जो अपने लक्ष्य में लगे हैं. पहले से अध्ययन कर रहे छात्रों का भी सहयोग मिलता है. यहां पढ़ने पर किसी दूसरी जगह से मागदर्शन की जरूरत नहीं होती.
शांतिपूर्ण माहौल से अध्ययन आसान
मिठनपुरा के ऋषिकेश कुमार बीएससी के बाद प्रतियोगिता परीक्षाओं की तैयारी शुरू की है. ये यहां रोज नौ घंटे तक का समय दे रहे हैं. इनकी इच्छा भी बीपीएससी करने की है, लेकिन फिलहाल एसएससी की तैयारी में जुटे हैं. यहां खुद से पढ़ाई के लिए अच्छी व्यवस्था है. बिजली की उपलब्धता से लेकर शांतिपूर्ण माहौल होने से पढ़ाई में परेशानी नहीं होती. किताबें उपलब्ध रहने से हर समस्या का समाधान हो जाता है. सवालों को हल करने में अन्य मित्रों का सहयोग भी मिल जाता है.
यहां आया तो सुधरने
लगी तैयारी
माड़ीपुर के हिमांशु कुमार सिंह यहां दो महीने से अध्ययन करना शुरू किया है. ये रोज आठ घंटा यहां पढ़ाई करते हैं. ग्रेजुएशन के बाद हिमांशु बीपीएससी की तैयारी कर रहे हैं. ये कहते हैं कि जब से उन्होंने यहां अध्ययन शुरू किया है तो पढ़ाई बेहतर हो गयी है. नियमित रूप से अध्ययन करने से काफी फायदा मिला है. यहां का शांतिपूर्ण माहौल से बेहतर पढ़ाई होती है. अन्य छात्र भी नियमित रूप से यहां पढ़ाई करते हैं. इन्हें देख कर बेहतर करने की प्रेरणा मिलती है. यहां की पढ़ाई से तैयारी सुधरने लगी है.