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सिर्फ सरकार पर निर्भरता ठीक नहीं, हमें मिल कर सुधारनी होगी शहर की ट्रैफिक व्यवस्था

रांची. शहर की यातायात व्यवस्था को कैसे सुगम बनाया जाये व इसके लिए क्या उपाय किये जायें, इसको लेकर रविवार को प्रभात खबर सभागार में परिचर्चा का आयोजन किया गया. परिचर्चा में नगर विकास मंत्री सीपी सिंह, मेयर आशा लकड़ा, डिप्टी मेयर संजीव विजयवर्गीय व ट्रैफिक एसपी संजय रंजन सिंह समेत शहर के कई गणमान्य […]

रांची. शहर की यातायात व्यवस्था को कैसे सुगम बनाया जाये व इसके लिए क्या उपाय किये जायें, इसको लेकर रविवार को प्रभात खबर सभागार में परिचर्चा का आयोजन किया गया. परिचर्चा में नगर विकास मंत्री सीपी सिंह, मेयर आशा लकड़ा, डिप्टी मेयर संजीव विजयवर्गीय व ट्रैफिक एसपी संजय रंजन सिंह समेत शहर के कई गणमान्य लोग शामिल हुए.

इस दौरान सबने कहा कि इस व्यवस्था को दुरुस्त करने के लिए सिर्फ सरकार पर निर्भर रहना ठीक नहीं है. रांची हमारी है. हम सब को मिल कर ही यहां की यातायात व्यवस्था को बेहतर बनाना होगा. वक्ताओं ने यह भी कहा कि सड़कों पर बेतरतीब ढंग से लगनेवाली गाड़ियों पर भी अंकुश लगे और फुटपाथ दुकानदारों को बसाने की भी पहल हो.

इस दौरान यह बात भी सामने आयी कि शहर को अव्यवस्थित करने के लिए हमलोग ही जिम्मेदार हैं. हम सब को मिल कर ही इसे व्यवस्थित करना होगा. इसी विमर्श में गाेस्सनर कॉलेज के छात्र हेमंत हेंब्रम ने राजधानी के ट्रैफिक का एक खाका अतिथियाें काे साैंपा. सभी ने सुझावाें की सराहना की. ट्रैफिक एसपी ने हेमंत काे बुलाया भी है.

क्या कहते हैं लोग
सरकारी कार्यालयों को रिंग रोड के किनारे बसाना होगा
सिर्फ रविवार को ही रांची हमारी क्यूं लगती है. और दिन हम ऐसा क्यों नहीं महसूस
करते हैं. इस बारे में सोचना होगा. शहर के बीच में बसे सरकारी कार्यालयों के कारण बाहर की काफी आबादी प्रतिदिन शहर के अंदर आती है. इसलिए इन कार्यालयों को शहर से बाहर रिंग रोड के किनारे बसाना होगा. इससे काफी हद तक ट्रैफिक सिस्टम सुधर जायेगा.
आरडी सिंह, चेंबर
रायपुर की ट्रैफिक व्यवस्था को फॉलो करना होगा
ट्रैफिक में हमारा सिविक सेंस झलकता है. हम जितने अव्यवस्थित होंगे, शहर भी उतना ही अव्यवस्थित होता जायेगा. कहा जाये तो ट्रैफिक इस शहर की धमनी है. जैसे मानव शरीर में धमनियां जाम होने पर मृत्यु हो जाती है, उसी प्रकार ट्रैफिक रुकने पर भी शहर थम जाता है. रायपुर को देखिये. वहां की ट्रैफिक व्यवस्था को देखिए. उसे यहां फॉलो करें, बदलाव दिखेगा.
डॉ एमपी सिंह, सर्जन
राजधानी में कोई इंटीग्रेटेड ट्रैफिक प्लान नहीं
राजधानी रांची में कोई इंटीग्रेटेड ट्रैफिक प्लान नहीं है. हम कारवालों की चिंता करते हैं, लेकिन पैदल चलनेवालों के लिए हमारे पास कोई योजना नहीं है. यहां ट्रैफिक को व्यवस्थित करने के लिए हमें सबसे पहले पर्याप्त पार्किंग की व्यवस्था करनी होगी. इसके लिए हमें सभी व्यावसायिक भवनों को नोटिस देकर सुनिश्चित करना पड़ेगा कि वहां वाहन सड़क पर न खड़े हों.
सुजीत भगत,आर्किटेक्ट
ट्रैफिक सुधार के लिए हमें खुद अनुशासित होना पड़ेगा
केवल सड़क चौड़ीकरण से ही ट्रैफिक व्यवस्था दुरुस्त नहीं हो सकती है. हमें ऐसी व्यवस्था बनानी होगा कि जहां-तहां सड़कों के किनारे वाहन खड़े न हों. लोगों को भी ट्रैफिक नियम का पालन करना होगा. शहर में चलने वाले ऑटो को भी व्यवस्थित करने की जरूरत है. जाम की एक वजह ऑटो भी है. साथ ही हमें भी अनुशासित होना पड़ेगा.
डॉ अजीत झा, शिक्षक
सड़कों के चौड़ीकरण की दिशा में काम करना होगा
शहर सुंदर हो व जाम मुक्त बने, इसकी जिम्मेदारी हम सब की है. हमें अनुशासित होना होगा. सरकार को भी इस दिशा में कई काम करने होंगे. सबसे पहले सड़कों किनारे लगनेवाले ठेले-खोमचे वालों को व्यवस्थित करना होगा. गाड़ियां बढ़ रही हैं, उस अनुपात में सड़कें चौड़ी नहीं हो रही हैं. सड़कों का चौड़ीकरण होना जरूरी है. शहर में लगने वाले बाजारों को व्यवस्थित करना होगा.
शैलेंद्र कुमार झा

जहां-तहां वाहनों को खड़ा करने पर रोक लगे
हाल के दिनों में ट्रैफिक व्यवस्था सुधार के लिए कई कदम उठाये गये हैं. इसमें से कई के परिणाम सकारात्मक आये हैं. मेन रोड को हरमू रोड से जोड़ने वाली एक मात्र सड़क टेलीफोन एक्सचेंज रोड है. यह देखा जाता है कि मेन रोड आनेवाले अधिकतर वाहन चालक अपने वाहन को इस सड़क पर खड़ा कर देते हैं. इससे जाम की स्थिति बन जाती है. इस पर अंकुश जरूरी है.
राजीव रंजन मिश्रा
रवींद्र भवन बनने से रोड पर बढ़ेगा वाहनों का दबाव
थड़पखना चौक के आसपास सड़क पर काफी संख्या में पुरानी गाड़ियां खड़ी रहती हैं. इससे जाम की स्थिति बनी रहती है. गलियों की स्थिति भी वही है. सड़कों को जगह-जगह खोद कर छोड़ दिया गया है. एक ही सड़क को बार-बार खोदा जाता है. रवींद्र भवन को खुली जगह पर बनाना चाहिए था. इससे वाहनों का दबाव काफी बढ़ेगा.
महुआ माजी, झामुमो नेत्री
वाहनों के अनुपात में सड़कों का निर्माण जरूरी
जिस अनुपात में गाड़ियां बढ़ रही हैं, उस अनुपात में सड़कों का निर्माण नहीं हो रहा है. हरमू में कई मैरेज हॉल हैं, जिस वजह से सैकड़ों गाड़ियां सड़क पर ही खड़ी हाेती हैं. रिंग रोड पर परिचालन शुरू कराना चाहिए, जिससे मेन रोड पर दबाव कम पड़ेगा. अभी जो भी निर्णय लिये जा रहे हैं, वो शहरवासियों के हित में नहीं है. इस दिशा में ध्यान देने की जरूरत है.
लाल किशोर नाथ शाहदेव
शहर में क्रिएटिव कैंपेन चलाने की आवश्यकता
लोगों में ट्रैफिक के प्रति जागरूकता लाने के लिए क्रिएटिव कैंपेन चलाने की आवश्यकता है. डंडा चलाने से लोगों में गलत मैसेज जाता है. हमें पहले यह सोचना चाहिए कि क्या वन वे करने के लिए रांची शहर तैयार है? इसके लिए समाज के हरेक लोगों को आगे आने की जरूरत है. रांची हमारी है. इसे हम सब को मिल कर संवारना है.
आदित्य विक्रम जायसवाल, कांग्रेस
ट्रैफिक में मामूली बदलाव से काफी हद तक निकलेगा हल
ट्रैफिक में मामूली बदलाव लाने से कुछ हद तक ट्रैफिक की समस्या का हल निकल सकता है. न्यूक्लियस मॉल के पास बने तिकोना को हटाना होगा. निर्मल महतो चौक पर पुराने निर्माण को हटाना पड़ेगा़ इसके अलावा वन वे व्यवस्था को भी लागू करना होगा. सुजाता चौक की ट्रैफिक व्यवस्था को दुरुस्त करने के लिए छोटा फ्लाइओवर बनाने की आवश्यकता है.
हेमंत हेंब्रम, छात्र, गोस्सनर कॉलेज
पब्लिक ट्रांसपोर्ट सिस्टम को दुरुस्त करना होगा
ट्रैफिक से बचने के लिए सबसे पहले चौराहों के बायें लेन को खाली रखना होगा. इसके अलावा स्कूलों में यह व्यवस्था बनानी होगी कि वे पांच किमी के दायरे के ही बच्चों का नामांकन लें. इससे स्कूल बसों को भी पूरा शहर घूमना नहीं पड़ेगा. पब्लिक ट्रांसपोर्ट सिस्टम को भी दुरुस्त करने की पहल करनी होगी. 30 साल आगे का ट्रैफिक प्लान बनाना होगा.
प्रवीण सिंह, समाजसेवी
जाम के लिए नगर निगम भी दोषी
शहर में जब भी जाम लगता है, तो इसके लिए ऑटो चालकों को जिम्मेदार ठहराया जाता है. हालांकि, इसके लिए नगर निगम भी कम जिम्मेदार नहीं है. ऑटो चालकों के लिए पड़ाव नहीं है. मजबूरी में हमें ऑटो को सड़क पर ही खड़ा करना पड़ता है. किशोरी यादव चौक को जाम करने में सिटी बसों की भी भूमिका कम नहीं है. यहां चौक को भी छोटा करने की आवश्यकता है.
सुनील सिंह, ऑटो चालक संघ
सभी सिटी बसों काे चलाने की जरूरत
ट्रैफिक काे दुरुस्त करने के लिए सबसे पहले पब्लिक ट्रांसपोर्ट सिस्टम को दुरुस्त करना होगा. सिटी बसों का नियमित तौर से परिचालन शुरू किया जाये. शहर में नगर निगम की 85 सिटी बसें हैं. इसमें से मात्र 35 बसों का ही परिचालन हो रहा है. बसों के कम चलने के कारण लोग निजी वाहनों से सफर कर रहे हैं. इससे सड़क पर वाहनों का दबाव बढ़ गया है.
कृष्ण मोहन सिंह, बस ऑनर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष
प्लान के हिसाब से सड़कों की चौड़ाई नहीं बढ़ी
वर्ष 1983 में मास्टर प्लान बना, लेकिन प्लान के हिसाब से सड़कों की चौड़ाई नहीं बढ़ी. आज फुटपाथ दुकानदारों को छह से 10 बजे तक दुकान लगाने को कहा जा रहा है. यह संभव नहीं है. आखिर कोई दुकानदार चार घंटे में कैसे अपने सामान बेचेगा़ निगम इसके लिए प्रोपर टाउन वेंडिंग कमेटी का गठन करे. कमेटी ही निर्णय ले कि फुटपाथ दुकानदारों को कैसे व्यवस्थित किया जाये.
कौशल किशोर, झारखंड शिक्षित बेरोजगार फुटपाथ दुकानदार महासंघ
ट्रैफिक व्यवस्था सुधारने की जिम्मेदारी सिर्फ पुलिस की नहीं
शहर में ट्रैफिक नियमों को कड़ाई से लागू किया जाना चाहिए. ट्रैफिक व्यवस्था सुधारने की जिम्मेदारी केवल पुलिस-प्रशासन की नहीं है. हमारा भी दायित्व बनता है कि शहर की यातायात व्यवस्था को कैसे सुगम बनाया जाये. इस पर हम सब को विचार करना होगा. सिर्फ सरकार के भरोसे नहीं रहना होगा.
आरती बेहरा
जाम का सबसे बड़ा कारण अतिक्रमण है
शहर में जाम की समस्या आम है. आये दिन जाम के कारण लोगों को परेशान होना पड़ता है. यह जाम छोटी-छोटी चीजों के कारण लगता है. जाम का सबसे बड़ा कारण अतिक्रमण है. सड़कों के किनारे गाड़ियां बेतरतीब ढंग से लगायी जाती हैं. इस वजह से जाम की स्थिति बन जाती है. जाम से निजात पाने के लिए इस पर अंकुश जरूरी है.
इश्तियाक अहमद, फुटपाथ दुकानदार संघ के नेता
अधिकार के साथ कर्तव्यों का पालन भी हमें करना होगा
एक सप्ताह के ट्रैफिक जाम ने हम सब को सोचने पर विवश कर दिया है. हम अपने अधिकार की तो बात करते हैं, लेकिन अपने कर्तव्य को भूल जाते हैं. सड़क पर संयम जरूरी है. सिर्फ शिकायतों से हल नहीं निकलने वाला है. यातायात नियमों का पालन कर हम ट्रैफिक व्यवस्था सुधारने में सहयोग दे सकते हैं. सरकार भी इसके लिए साइक्लिंग को बढ़ावा दे सकती है.
ऋषभ आनंद, रोड सेफ्टी एक्सपर्ट
शहर में फ्लाइओवर का निर्माण जरूरी
शहर में फ्लाइओवर जरूरी है. शहर में वन वे या टू वे की बात हो रही है, लेकिन यह केवल कुछ दिनों के लिए है. जिस हिसाब से राजधानी की जनसंख्या बढ़ रही है, उस हिसाब से सड़कों का चौड़ीकरण नहीं हो रहा है. इसलिए जितनी जल्दी हो सके सरकार को फ्लाइओवर का निर्माण कराना चाहिए. इससे बहुत हद तक समस्या का समाधान हो जायेगा.
चंद्रिका महतो
पार्किंग की व्यवस्था सुनिश्चित करनी होगी
लोगों को जाम से निजात दिलाने के लिए शहर में रांची नगर निगम को पार्किंग की व्यवस्था सुनिश्चित करनी होगी. शहर में ऑटो पड़ाव भी बनाया जाये, ताकि जहां-तहां ऑटो नहीं रुक सके. फुटपाथ दुकानदारों को भी बसाने की व्यवस्था की जाये. पार्किंग की व्यवस्था करने से जाम की समस्या से कुछ हद तक निजात मिल जायेगी.
अर्जुन यादव, ऑटो संघ
बाइलेन को दुरुस्त करना होगा
जाम की समस्या से निजात दिलाने के लिए शहर की बाइलेन सड़कों को दुरुस्त करना होगा. इससे मुख्य सड़कों पर ट्रैफिक का दबाव कम होगा. राजधानी होने के नाते यहां वीआइपी का आवागमन काफी ज्यादा होता है. इस कारण अक्सर 20 से 25 मिनट तक ट्रैफिक को रोक दिया जाता है. इस अवधि को कम किया जाये. शहर में फ्लाइओवर भी बने.
एल के गिरी
जनप्रतिनिधियों ने कहा
सड़क के लिए लोग जमीन देने को तैयार नहीं, कैसे होगा विकास कार्य
आज शहर में वाहन चलाने के लिए सभी को चौड़ी सड़कें चाहिए, लेकिन इसके लिए लोग जमीन देने को तैयार नहीं हैं. ऐसे में विकास कार्य कैसे होगा. शहर अब भी जैसे-तैसे बस रहा है. चार-चार फीट की सड़क पर चार मंजिला भवन बन रहा है. ट्रैफिक व्यवस्था को बेहतर करने के लिए सड़कों का चौड़ीकरण तो किया गया है, लेकिन आज इस पर लंबी-लंबी कारें खड़ी हो रही हैं. आज जिस गाड़ीखाना चौक के कट की बात हो रही है, वहां काफी संख्या में ऐसी आबादी रहती है, जिनका मुख्य काम शहर की विभिन्न सड़कों पर ठेला व खोमचा लगाना है. अगर यहां कट बंद हुआ, तो काफी संख्या में ठेले वालों को कष्ट उठाना पड़ेगा. मैं कट बंद करने का पक्षधर हूं, लेकिन लोगों को कम से कम परेशानी हो, इसका ध्यान रखना होगा. शहर में जितनी सिटी बसें चलनी चाहिए थी. उतनी बसें आज नहीं चल रही हैं. काली मंदिर चौक पर ऑटो चालकों का जमावड़ा लगा रहता है. इसे दूर करने की जरूरत है. इसके अलावा रेलवे स्टेशन में लगने वाले ऑटो सड़कों पर कतार में खड़े रहते हैं. इस पर ध्यान रखने की जरूरत है.
सीपी सिंह, नगर विकास मंत्री
बेहतरी के लिए लिये जा रहे हैं फैसले
ट्रैफिक व्यवस्था को दुरुस्त करने के लिए शहर में कई परिवर्तन किये जा रहे हैं. लोगों में सिविक सेंस की कमी है. ट्रैफिक को व्यवस्थित करने के लिए कुछ सब्जी मार्केट को सुबह छह से 10 बजे तक किया जा रहा है. लोगों को भी यह प्रयास करना होगा कि वे सब्जी की खरीदारी सुबह में ही कर लें. पार्किंग की कमी को देखते हुए जयपाल सिंह स्टेडियम में बन रहे वेंडर मार्केट में डबल बेसमेंट पार्किंग का निर्माण कराया जा रहा है. कट बंद होने के कारण आज कुछ लोग नाराज हैं, लेकिन यह हम सबा की बेहतरी के लिए उठाया गया कदम है.
आशा लकड़ा, मेयर
जहां जमीन मिल रही है, वहां दुकान लगायें फुटपाथ दुकानदार
लालपुर सब्जी मंडी के फुटपाथ दुकानदारों को बसाने के लिए डबल बेसमेंट मार्केट कॉम्प्लेक्स का निर्माण यहां तालाब के ऊपर में किया जाना है. इसके लिए प्रस्ताव सरकार के पास भेजा गया है. नगर विकास मंत्री से हमारी मांग है कि इस प्रस्ताव को जल्द से जल्द कैबिनेट से स्वीकृति दिलायें. फुटपाथ दुकानदारों से भी हमारा आग्रह है कि वे केवल मेन रोड में दुकान लगाने की न सोचें, बल्कि निगम उन्हें जहां जगह दिया जा रहा है, वहीं पर दुकान लगायें. जो फुटपाथ पर खरीदारी करने वाले होते हैं. वे वहीं पर जायेंगे, जहां फुटपाथ दुकानदार अपनी दुकान लगायेंगे.
संजीव विजयवर्गीय, डिप्टी मेयर
17 सालों में भी ट्रैफिक सिग्नल नहीं सुधर पाया, सिस्टम कैसे सुधरेगा
17 सालों में जिस शहर का ट्रैफिक सिग्नल सुधर नहीं पाया है, उस शहर का ट्रैफिक सिस्टम कैसे दुरुस्त होगा. यह सोचने की बात है. शहर की सभी बहुमंजिली इमारतों से नगर निगम रोड वाइडनिंग की जमीन लेता है, लेकिन बदले में निगम उस जमीन का उपयोग पैसा कमाने के लिए करता है. क्या कोई व्यवसायी इसलिए निगम को जमीन दान में देता है. आज फुटपाथ पर दुकानें लगी हुई हैं. ऐसे में हम कैसे शहर के ट्रैफिक को दुरुस्त करेंगे. यह सोचने की बात है.
प्रदीप तुलस्यान, कांग्रेस नेता

जुहू चौपाटी की तर्ज पर बड़ा तालाब को विकसित किया जाये
फुटपाथ दुकानदारों को व्यवस्थित करना आज नगर निगम के लिए चुनौती है. मेरा यह मानना है कि बड़ा तालाब को मुंबई की जुहू चौपाटी की तर्ज पर विकसित किया जाये. यहीं पर इन दुकानदारों के लिए जगह-जगह खाने पीने के स्टॉल बना दिये जायें. इससे जो भी लोग यहां घूमने आयेंगे. उनको खाने-पीने का सामान भी मिलेगा. वहीं फुटपाथ दुकानदारों को भी एक स्थायी ठिकाना मिलेगा.
रवि मुंडा

ट्रैफिक में दीर्घकालिक सुधार हो सरकारी प्रोपर्टी इधर-उधर करें
मेरा मानना है कि ट्रैफिक में जो भी सुधार हो, वह दीर्घकालिक हो. इसके लिए हमें प्राइवेट प्रोपर्टी काे नहीं, बल्कि सरकारी प्रोपर्टी को थोड़ा आगे-पीछे करना होगा. मेन रोड स्थित सदर अस्पताल की चहारदीवारी को थोड़ा पीछे किया जा सकता है. यस बैंक के सामने से एक सड़क लाइन टैंक तालाब, चडरी के पास निकाली जा सकती है. इसके अलावा कचहरी चौक के समीप काफी सरकारी भवन हैं. अगर इसकी चहारदीवारी को कुछ पीछे कर दिया जाये, तो काफी हद तक जाम की समस्या से निजात मिल सकती है.
राजीव चड्डा, आर्किटेक्ट

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