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सुरक्षित नहीं हैं बेटियां, अपने ही लूट रहे अस्मत

कहां जा रहा समाज. जिले भर से सामने आ रहे दुष्कर्म व यौन शोषण के मामले, कब तक होगा अत्याचार ” यत नार्यस्तु पूजयन्ते रमन्त तत्र देवता: यत्रेतास्तु पूज्यन्ते सर्वास्तत्राफला: ” जिस कुल में नारी की पूजा अर्थात सत्कार होता है उस कुल में दिव्य गुण वाली संतान होती है और जिस कुल में स्त्रियों […]

कहां जा रहा समाज. जिले भर से सामने आ रहे दुष्कर्म व यौन शोषण के मामले, कब तक होगा अत्याचार

” यत नार्यस्तु पूजयन्ते रमन्त तत्र देवता:
यत्रेतास्तु पूज्यन्ते सर्वास्तत्राफला: ”
जिस कुल में नारी की पूजा अर्थात सत्कार होता है उस कुल में दिव्य गुण वाली संतान होती है और जिस कुल में स्त्रियों की पूजा नहीं होती वहां सभी क्रियाएं निष्फल हैं, लेकिन मुंगेर की स्थिति इसके विपरीत चल रही है. हर जगह बेटियों की अस्मत से खिलवाड़ हो रहा है. उन्हें जिल्लत भरी जिंदगी जीना पड़ रहा और जिंदगी भी गंवानी पड़ रही है.
मुंगेर : महिला या बच्ची के लिए सबसे सुरक्षित स्थान उसका घर होता है. लेकिन मुंगेर में महिला या बच्ची के लिए शहर व आसपास का इलाका महफूज नहीं है. उसी तरह घर भी अब उसके लिए सेफ जोन साबित नहीं हो रहा है. यहां महिला तो दूर बच्चियों को उसके अपने के हाथों ही अस्मत लूटी जा रही है. छेड़खानी, प्रताड़ना तो आम घटना हो गयी है. घरेलू हिंसा रोजाना की रूटिंग में शामिल हो चुकी है. रिश्तों में विश्वास की नींव अब पूरी तरह से दरक चुकी है.
रक्षक की भूमिका निभानेवालों पर बहू-बेटियों का यकीन और विश्वास टूटता जा रहा है.
बेटियां आज पढ़ रही हैं, आगे बढ़ रही हैं, देश-दुनिया में अपना नाम रोशन कर रही हैं, फिर भी उनके खिलाफ होने वाले अपराध कम होने के बजाय निरंतर बढ़ते ही जा रहे हैं. एनसीआरबी की मानें तो पिछले 10 सालों में महिलाओं के खिलाफ होने वाले अपराध दोगुने से भी ज्यादा बढ़ गये हैं. भारत में हर दो मिनट पर इस तरह का कोई केस दर्ज किया जाता है.
मुंगेर भी इससे अछूता नहीं रह गया है. अक्सर यह देखा गया है कि दुष्कर्म की शिकार पीड़िता की उम्र 12 से 25 वर्ष की होती है. लेकिन मुंगेर में तो चार वर्ष की बच्ची के साथ भी दुष्कर्म की घटना को अंजाम दिया जा रहा है. असरगंज की घटना में एक 15 वर्षीय नाबालिग गर्भवती हो गयी. क्योंकि उसके गांव का ही एक विधुर अधेड़ जबदस्ती रोजाना संबंध स्थापित करता था. लाज बचाने के लिए पिता ने गर्भवती बेटी को ही रास्ते से हटाने का प्रयास किया. जिसने दरकते रिश्तों और विश्वास की बुनियाद को हिला कर रख दिया.
कैसी बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ योजना : हमारे समाज में अगर बेटियों के प्रति मानसिकता में बदलाव आ जाए तो कई समस्याएं अपने आप ही सुलझ सकती हैं. आज भी यह बेहद दुःख और पीड़ा की बात है कि अगर किसी घर में लड़की पैदा होती है तो उसके अभिभावकों के माथे पर ‘चिंता की लकीरें’ उभर आती हैं. यह हाल केवल गरीब तबके का ही नहीं है, बल्कि संपन्न तबके की भी हालात कमोबेश यही है. हां, चू्ंकि वे पढ़े-लिखे होते हैं, इसलिए हालत संभाल लेते हैं.
लगातार सामने आ रहे हैं मामले
18 फरवरी 2017 : बरियारपुर में सौतेला पिता ही अपनी नाबालिग सैतेली बेटी की रोज अस्मत लूटता था. जब भी मां किसी काम से बाहर जाती तो सौतेला पिता उसके साथ जबरदस्ती करता था. इसके साथ ही धमकी देता कि अगर किसी को बताया तो जान से मार दूंगा. इसका खुलासा तब हुआ जब लड़की भागकर ननिहाल चली गयी और अपनी आपबीती मामा को सुनायी.
30 मार्च 2017 : हेमजापुर ओपी क्षेत्र में एक चचेरा भाई ने अपनी ही चार वर्षीय बहन के साथ दुष्कर्म की घटना को अंजाम दिया. लड़के ने शाम टीवी देखने एवं समोसा खिलाने के बहाने बच्ची को बुलाकर दुष्कर्म किया था.
18 अप्रैल 2017 : दादा-पोती के रिश्ते को तार-तार करते हुए एक बुजुर्ग ने चार वर्षीय बच्ची के साथ दुष्कर्म की घटना को अंजाम दिया था. घटना तारापुर थानाक्षेत्र का था. बच्ची की मां बताया था कि उसकी बेटी घर के बाहर खेल रही थी. तभी उनके बगलगीर ने बेटी को चॉकलेट देने के बहाने अपने घर बुलाया और दुष्कर्म किया.
8 नवंबर 2017 : कासिम बाजार थाना क्षेत्र के अम्बे चौक स्थित एक घर के आंगन में भाई-बहनों के साथ खेल रही नर्सरी में पढ़ने वाली चार साल की मासूम बच्ची के साथ उसके चचरे चाचा ने दुष्कर्म किया था. खून से लथपथ बच्ची रोती हुई मां के पास पहुंची तो मामले का खुलासा हुआ. चाचा ने बच्ची को बिस्कुट खिलाने का प्रलोभन देकर दुष्कर्म किया था.
12 नवंबर 2017 : बीआर महिला कॉलेज के समीप ट‍्यूशन पढ़ने वाली एक छात्रा के साथ कुछ युवकों ने छेड़खानी की. लड़की ने हिम्मत जुटा कर महिला थाना में आवेदन दिया. लेकिन परिजनों ने पुन: लोक-लाज के कारण आवेदन वापस ले लिया.
28 नवंबर 2017 : असरगंज के सजुआ की एक नाबालिग बेटी के साथ गांव के ही उम्रदराज व्यक्ति ने जबरदस्ती संबंध स्थापित कर गर्भवती कर दिया. परिजनों ने लोक-लाज के डर से बच्ची को मार कर सुलतानगंज घाट फेंक दिया था. लेकिन संयोग था कि बच्ची मरी नहीं और मामला का खुलासा हो गया.
बतायें गुड-बैड टच
” विशेषज्ञों के माध्यम से बेटियों को बताया जाये कि अच्छा और बुरा व्यवहार क्या होता है. गुड टच या बैड टच व दुराचार की जानकारी बच्चों को दें. विशेषज्ञों के साथ विचार-विमर्श कर कार्ययोजना बनाकर संवेदनशीलता से काम करने की जरूरत है. इतना ही नहीं समाज में बेटे-बेटियों के बीच की खाई को पाटने के लिए लोगों को भी जागरूक करना होगा. रिश्तों को समझना होगा. ”
– डॉ शिखा सिन्हा, अध्यक्ष, बाल कल्याण समिति मुंगेर
न आयें झांसे में
” छेड़खानी व यौन शोषण के अधिकांश मामलों में अपने ही लोगों का हाथ होता है. जिसके कारण कम ही मामले दर्ज हो पाते हैं. अच्छे-बुरे की पहचान कर ही लड़की किसी से दोस्ती करें. विवाह का झांसा देकर यौन शोषण के अधिकांश मामले आ रहे हैं. जिसको लेकर न्यायालय व समाज सब चिंतित है. स्वतंत्रता का इस्तेमाल सर्तकता के साथ पॉजेटिव रूप में करने की जरूरत है. ”
-जयकिशोर संतोष, समाज सेवी, मुंगेर
घटना छिपाएं नहीं
” रेप या छेड़खानी को लेकर कानून में सजा और आर्थिक दंड का प्रावधान है. घरेलू हिंसा को लेकर भी कानून बना हुआ है. पुलिस तो अपना काम करती ही है. लेकिन लोगों को भी जागरूक होना होगा. रेप या छेड़खानी की घटना को छिपाएं नहीं. छिपाने से भविष्य में और भी परेशानी उठानी पड़ सकती है. घटना घटित होने पर थाने में आवश्य शिकायत करें. पीड़िता की पहचान को गुप्त रखी जायेगी और दोषी पर कार्रवाई भी की जायेगी. ”
– आशीष भारती, पुलिस अधीक्षक, मुंगेर
लड़की के रिश्ते का दादा गिरफ्तार पिता व दुष्कर्मी अब भी फरार
सौतेली मां ने फोन कर पिता को दी थी बेटी के गर्भवती होने की सूचना
असरगंज : नाबालिग को जबरदस्ती गर्भवती करने और उसके बाद इलाज कराने के नाम पर बेटी को मौत के घाट उतारने की कोशिश करने वाले कलयुगी पिता की करतूत सामने आते ही क्षेत्र में सनसनी फैल गयी है. एक ओर जहां सुलतानगंज थाना में प्राथमिकी दर्ज करते हुए लड़की की हत्या करने के प्रयास मामले में गांव के ही रिश्ते के दादा को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया. जबकि दुष्कर्मी अधेड़ एवं कलयुगी पिता अब भी पुलिस की पकड़ से बाहर है. जबकि सजुआ गांव में घटना को लेकर चर्चा का दौर बना हुआ है. वहीं दुष्कर्मी व पीड़ित लड़की के घर में सन्नाटा पसरा हुआ है.
लड़की के बयान पर मामला दर्ज, एक गिरफ्तार
असरगंज थाना क्षेत्र की नाबलिग बच्ची को अधमरा कर सुल्तानगंज घाट पर फेंकने के मामले में पीड़िता के बयान पर सुलतानगंज थाना में मामला दर्ज किया गया. जिसमें दुष्कर्मी , पिता एवं गांव के ही रिश्ते के दादा को अभियुक्त बनाया गया है. पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए सजुआ गांव से दादा को गिरफ्तार कर लिया. उस पर आरोप है कि उसने बच्ची की हत्या करने में सहयोग किया था.
क्या था मामला : नाबलिग के साथ उसी गांव के एक अधेड़ जबर्दस्ती संबंध बनाया था. किशोरी गर्भवती हो गयी. लाज बचाने के लिए उसका पिता अपने एक ग्रामीण के साथ मंगलवार को किशोरी का गर्भपात कराने भागलपुर के एक चिकित्सक के यहां गया था. लेकिन उक्त चिकित्सक का क्लिनिक बंद था. पुन: सभी लोग ट्रेन से सुल्तानगंज पहुंचे. तब तक रात हो गयी थी.
जिसके बाद कलयुगी पिता ने ग्रामीण के साथ मिलकर लोक-लाज से बचने के चक्कर में किशोरी को सुल्तानगंज घाट ले जाकर मुंह में कपड़ा ठूंस कर जान मारने की नीयत से बेरहमी से पीटा. जब बच्ची बेहोश हो गयी, तो उनलोगों ने समझा कि वह मर गयी है. इसके बाद घाट पर ही बच्ची को फेंक कर दोनों वहां से चल पड़े. बच्ची को मध्य रात्रि में होश आया, तो वहां मौजूद घाट के रखवालों ने उसे सुल्तानगंज थाना पुलिस को सुपुर्द कर दिया. इसके बाद मामला सामने आया.
सौतेली मां के कहने पर नाबालिग की जान का दुश्मन बन गया था पिता
प्रभात खबर की टीम गुरुवार को पीड़िता के घर पड़ताल करने पहुंची. सबसे पहले पीड़िता के घर का जायजा लिया. घर से पिता फरार था. जबकि दरवाजे पर पीड़िता के नि:शक्त दादा बैठे थे. पास ही उसका एक विक्षिप्त चाचा भी बैठा था. पास ही उसकी दादी भी बैठी थी. जिनके आंखों से आंसू गिर रहे थे. दादा ने कहा कि लड़की को हमेशा उसकी सौतेली मां प्रताड़ित करती थी. जबकि बच्ची के पिता व चाचा दिल्ली में मजदूरी करते थे. सौतेली मां ने ही फोन कर बेटी के गर्भवती होने की सूचना पिता को दी और वह दिल्ली से घर चला आया. सौतेली मां के बहकावे में ही आकर वह बच्ची के जान का दुश्मन बन बैठा. जब सौतेली मां से मिलने का प्रयास किया गया, तो वह सामने नहीं आयी.
दुष्कर्मी भी हो गया फरार
ग्रामीण बताते हैं कि दुष्कर्म के आरोपित अोपी यादव की उम्र लगभग 45 वर्ष है और उसकी पत्नी की मौत हो चुकी है. गांव में वह दबंग की गिनती में आता है. पिछले कई महीनों से वह जबरदस्ती बच्ची के साथ शारीरिक संबंध बनाता था. डर से उसे कोई कुछ बोलता नहीं था. बच्ची के गर्भवती होने के बावजूद ओपी यादव उससे जबरदस्ती रिश्ता बनाता रहा. जब मामला खुला, तो वह गांव छोड़ कर फरार हो गया.

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