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शोध में सामने आयी नयी जानकारी, सिंधु सभ्यता का विकास बहती नदी के आसपास नहीं

लंदन : सिंधु सभ्यता प्रमुख हिमालयी नदी सतलुज द्वारा छोड़े स्थान पर फली-फूली थी . इसका विकास बहती नदी के आसपास नहीं हुआ था. भारत और ब्रिटेन के वैज्ञानिकों ने एक अध्ययन में पाया कि प्रचलित मान्यता है कि सिंधु सभ्यता बहती नदी के आसपास विकसित हुई थी लेकिन ऐसा नहीं है. सिंधु सभ्यता सतलुज […]

लंदन : सिंधु सभ्यता प्रमुख हिमालयी नदी सतलुज द्वारा छोड़े स्थान पर फली-फूली थी . इसका विकास बहती नदी के आसपास नहीं हुआ था. भारत और ब्रिटेन के वैज्ञानिकों ने एक अध्ययन में पाया कि प्रचलित मान्यता है कि सिंधु सभ्यता बहती नदी के आसपास विकसित हुई थी लेकिन ऐसा नहीं है. सिंधु सभ्यता सतलुज नदी द्वारा छोड़े गये स्थान पर विकसित हुई थी.

वैज्ञानिकों ने पाया कि सिंधु सभ्यता प्रमुख रुप से एक विलुप्त नदी के आसपास फली-फूली थी. पुरातात्विक सबूत के अनुसार सिंधु या हड़प्पा सभ्यता में कई बस्तियां एक नदी के किनारों के आसपास विकसित हुई थी. इस नदी को उत्तरपश्चिम भारत और पाकिस्तान में घग्घर-हाकरा भी कहा जाता है. वैज्ञानिकों ने यह मान लिया था कि नदी के प्रवाह की तरफ सिंधु शहरी केंद्रों में वृद्धि हुई जिसने उसके विकास में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी.
ब्रिटेन में इम्पीरियल कॉलेज ऑफ लंदन (आईसीएल) और भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) कानपुर के अनुसंधानकर्ताओं द्वारा किये गये इस अध्ययन में कहा गया कि एक प्रमुख हिमालयी नदी उस समय नहीं बहती थी, जब सिंधु सभ्यता की शहरी बस्तियों का विकास हुआ था.
आईसीएल में पृथ्वी विज्ञान और इंजीनियरिंग विभाग के संजीव गुप्ता ने कहा, यह निष्कर्ष हमारी मौजूदा समझ को चुनौती देते हैं जो यह कहती है कि कई प्राचीन सभ्यताओं में शहरीकरण कैसे हुआ और प्राकृतिक संसाधनों के साथ कैसे विकसित हुआ। उन्होंने कहा, दरअसल बड़ी नदी के आने की बजाय उसके जाने के बाद सिंधु शहरी केंद्रों का विकास हो पाया। यह अध्ययन जर्नल नेचर कम्युनिकेशन्स में प्रकाशित हुआ है.

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