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आदित्यपुर और मानगो में जलापूर्ति ठप

आदित्यपुर/ जमशेदपुर. सरकार के पेयजल व स्वच्छता विभाग तथा नगर विकास विभाग द्वारा ठोस निर्णय लेकर उस पर अमल नहीं किये जाने का खामियाजा विभाग के कर्मचारियों के साथ आम जनता को भी भुगतना पड़ रहा है. आदित्यपुर में सीतारामपुर डैम स्थित फिल्टर प्लांट के हस्तपुस्त व श्रमपुस्त कर्मचारी 10 माह तथा मानगो जलापूर्ति योजना […]

आदित्यपुर/ जमशेदपुर. सरकार के पेयजल व स्वच्छता विभाग तथा नगर विकास विभाग द्वारा ठोस निर्णय लेकर उस पर अमल नहीं किये जाने का खामियाजा विभाग के कर्मचारियों के साथ आम जनता को भी भुगतना पड़ रहा है. आदित्यपुर में सीतारामपुर डैम स्थित फिल्टर प्लांट के हस्तपुस्त व श्रमपुस्त कर्मचारी 10 माह तथा मानगो जलापूर्ति योजना के ठेका कर्मचारी छह माह से वेतन नहीं मिलने के कारण हड़ताल पर चले गये हैं. इससे दोनों स्थानों पर जलापूर्ति ठप हो गयी है.

व्यवस्था कब सामान्य होगी, यह बताने में विभाग के अधिकारी भी समर्थ नहीं हैं. पेयजल विभाग के एसइ राजेंद्र प्रसाद ने बताया कि आदित्यपुर के कर्मचारियों के लिए विभाग द्वारा अबतक कोई समाधान नहीं किया गया है. जितनी रिपोर्ट मांगी गयी थी उन्हें सौंप दी गयी है. दूसरी अोर पीएचइडी के इइ मणितोष कुमार ने दावा किया कि मानगो में कुछ इलाके में जलापूर्ति की गयी है. इधर, भाजपा नेता विकास सिंह ने बताया कि कई मुहल्ले में जलापूर्ति नहीं हुई.

नियमित कर्मचारियों का समर्थन : आदित्यपुर में हड़ताल कर रहे फिल्टर प्लांट के 37 हस्तपुस्त व श्रमपुस्त कर्मचारियों का विभाग के नियमित कर्मचारी साथ दे रहे हैं. सोमवार को भी जलापूर्ति की कोई संभावना नहीं है. पिछली बार की हड़ताल विभाग के एसइ (यांत्रिक) द्वारा रांची से आकर वेतन भुगतान का आश्वासन दिये जाने पर टूटी थी. लेकिन बकाया भुगतान नहीं किया गया.
सरयू ने डीसी से बात कर स्थिति स्पष्ट करने को कहा
खाद्य आपूर्ति मंत्री सरयू राय ने रविवार को डीसी से बात कर मानगो जलापूर्ति के संबंध में स्थिति स्पष्ट करने को कहा है. इससे पूर्व विधायक प्रतिनिधि नित्यानंद सिन्हा के नेतृत्व में कार्यकर्ता वरिष्ठ नेता मंत्री श्री राय के निवास पर जाकर मिले अौर वस्तु स्थिति की जानकारी दी तथा जलापूर्ति, पुराने बिल का माफ करने, खराब एलइडी को दुरुस्त करने की भी मांग की.
मानगो में ठेकेदार का 1.30 करोड बकाया
मानगो जलापूर्ति के लिए नियुक्त ठेकेदार का विभाग पर 1.30 करोड़ रुपये बकाया है. यह भुगतान मानगो अक्षेस को करना है. प्रतिमाह 20 लाख रुपये की दर से छह माह से भुगतान नहीं हुआ है. इसके अलावा अप्रैल माह में मरम्मत पर 10 लाख रुपये खर्च हुए थे. संवेदक रामेश्वर शर्मा ने बताया कि 15 नवंबर को टेंडर का रेट रिवाइज्ड कर नया टेंडर होना था, लेकिन नहीं हुआ. अब चार की जगह 18 प्रतिशत जीएसटी देना पड़ रहा है. कर्मचारी भी वेतन बढ़ाने का दबाव दे रहे हैं, जबकि उन्हें नयी दर से वेतन का भुगतान किया जा रहा है.
विभाग की नजर में अस्थायी कर्मचारी फर्जी
पेयजल विभाग की नजर में फिल्टर प्लांट में कार्यरत अस्थायी कर्मचारी फर्जी हैं. विभागीय सूत्रों से जानकारी मिली कि विभाग के एसइ व इइ द्वारा इस मामले में लगातार तीन बार रांची जाकर रिजनल चीफ इंजीनियर व इंजीनियर इन चीफ के साथ बैठक की. इन लोगों ने कर्मचारियों के वेतन भुगतान पर अपनी सहमति जता दी, लेकिन विभाग के सचिव नहीं मान रहे हैं, क्योंकि जब विभाग में बहाली बंद है तो उक्त कर्मचारी कैसे नियुक्त हुए. दरअसल एक जनवरी 1988 के पहले बहाल लोगों को बिहार व झारखंड में विभाग के कर्मचारियों को नियमित किया गया था. उक्त कर्मचारी इसके बाद बहाल हुए हैं. विभाग द्वारा इस साल जनवरी तक इन्हें वेतन दिया है. अभी इन लोगों के कुल बकाया वेतन के भुगतान के लिए कम से कम 55 लाख रुपये की जरूरत है. सरकार के निर्णय के अनुसार शहरी क्षेत्र में जलापूर्ति की जिम्मेवारी स्थानीय निकाय की है, लेकिन आदित्यपुर नगर निगम अबतक पूरी व्यवस्था को अंगीकार नहीं किया है.

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