अगर परमिट के आधार पर शराब बेचने की आंशिक अनुमति मिलती, तो इसकी आड़ में बड़े स्तर पर शराब का कारोबार शुरू हो जाता. गुजरात आज इस समस्या से लड़ रहा है. नोटबंदी, शराबबंदी और जीएसटी जैसे निर्णय लेने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और सीएम नीतीश कुमार जैसे लोग ही चाहिए.
उन्होंने कहा कि अगर 10 वर्ष बाद यह निर्णय लिया जाता, तो इसे लागू करना संभव नहीं हो पाता. उन्होंने कहा कि पूर्ण शराबबंदी के बाद अब ड्रग्स और नशा का प्रभाव बढ़ने लगा है, जिसे नियंत्रित करने की जरूरत है. पटना नगर निगम देश का पहला नगर क्षेत्र है. इसने केंद्र सरकार के उस कानून को अनुमति दी है, जिसमें किसी भी तरह के तंबाकू उत्पाद की बिक्री के लिए लाइसेंस लेना अनिवार्य होगा. उत्पाद एवं मद्य निषेध मंत्री विजेंद्र प्रसाद यादव ने कहा कि सरकार का दायित्व सहूलियत मुहैया कराना है. परंतु नीतीश कुमार पहले सीएम हैं, जिन्होंने सामाजिक बुराइयों को दूर करने का काम किया है. नशामुक्ति अभियान का उदे्श्य बहुत बड़ा है.