कोडरमा : झारखंड-बिहार की सीमा पर स्थित कोडरमा जिला में रविवार को अनूठा नजारा देखने को मिला. जिले में पहली बार भिखारियों ने जुलूस निकालाऔर केंद्र एवं राज्य सरकार के प्रति अपने गुस्से का इजहार किया. जुलूस के साथ चल रहे एक गाड़ी पर लगी माईक से अपनी मांगों के बारे में भी बताया.
जुलूस में शामिल करीब एक दर्जन भिखारियों ने बाजार में अघोषित रूप से सिक्कों के चलन को बंद करने का विरोध किया. उन्होंने कहा कि सरकार की वजह से ही बाजार में दुकानदारों ने सिक्का लेना बंद कर दिया है. इससे भीख मांगकर जीवन यापन करने वाले लोगों के समक्ष भुखमरी की स्थिति आ गयी है.
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इन लोगों ने कहा कि सरकार को भीख में नोट नहीं मिलते. उन्हें सिक्के ही मिलते हैं. बाजार में दुकानदार सिक्का लेकर सामान देने से मना कर देते हैं. ऐसे में उनके लिए विकट समस्या है. दिन भर घूम-घूमकर भीख मांगते हैं और जो पैसे मिलते हैं, उससे वह खाने-पीनेका कोई सामान भी नहींखरीदपाते. नहीं सकते. इन लोगों ने कहा कि भिखारियों को इस समस्या से निजात दिलाना सरकार की जिम्मेवारी है.
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उन्होंने कहा कि सरकार को चाहिए कि भिखारियों के लिए विशेष कैंप लगाया जाये और उसमें उनसे सिक्के लेकर उसे नोट में बदला जाये. कहा कि यदि सरकार भिखारियों के लिए इतना भी नहीं करेगी, तो सरकार के होने का क्या फायदा. हर नेता गरीब-गुरबा की बात करता है, लेकिन सबसे गरीब लोग, जो भीख मांगकर जीवन बसर कर रहे हैं, उनकी समस्या के बारे के समाधान की कोई बात नहीं करता. ऐसी सरकार का क्या फायदा.
उल्लेखनीय है कि भारतीय रिजर्व बैंक ने सभी बैंकों से सिक्का लेने के लिए कहा है. वहीं, देश के अलग-अलग राज्यों में जहां भी सिक्का के लेन-देन में परेशानी आ रही है या दुनकादार सिक्का लेने से मना कर रहे हैं, वहां जिला प्रशासन आदेश जारी कर रहा है कि कोई सिक्का लेने से मना नहीं कर सकता. बावजूद इसके, झारखंड की राजधानी समेत कई जिलों मेंदुकानदारसिक्केलेने से मना कर रहे हैं.