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बंगाल में विलुप्त हो रहीं देसी नस्ल की गायें

कोलकाता/करनाल. करनाल के राष्ट्रीय डेयरी मेले में अपने दल के साथ पहुंचे पश्चिम बंगाल के डॉक्टर सपन कुमार सूर ने कहा कि वह बंगाल में विलुप्त हो रही देसी नस्ल की गायों की समस्या का समाधान खोजने यहां आये हैं. उन्होंने बताया कि पुरस्कार प्राप्त गायों के मालिक राजबीर सिंह से उनकी वार्ता हुई है […]

कोलकाता/करनाल. करनाल के राष्ट्रीय डेयरी मेले में अपने दल के साथ पहुंचे पश्चिम बंगाल के डॉक्टर सपन कुमार सूर ने कहा कि वह बंगाल में विलुप्त हो रही देसी नस्ल की गायों की समस्या का समाधान खोजने यहां आये हैं. उन्होंने बताया कि पुरस्कार प्राप्त गायों के मालिक राजबीर सिंह से उनकी वार्ता हुई है और वह उनके सहयोग से अपने राज्य में गायों की नस्ल सुधारने के इच्छुक हैं.
उन्होंने कहा कि हरियाणा की देसी नस्लों की गाय का दूध पौष्टिक है और इसमें एक विशेष खुशबू है. उन्होंने कहा कि बंगाल में हरियाणा की देसी गायों के दूध की मांग है, पर वहां अब यह नस्लें विलुप्त होने के कगार पर हैं. उन्होंने कहा कि पश्चिम बंगाल से यूरोपीय और अरब देशों में रसगुल्लों का निर्यात हो रहा है, वहां के व्यापारी देसी गायों के दूध से बने रसगुल्ले को प्राथमिकता देते हैं, यही चाह उन्हें बंगाल से करनाल तक खींच लायी है.
राष्ट्रीय डेयरी मेले का आगाज
राष्ट्रीय डेयरी अनुसंधान संस्थान में तीन दिवसीय राष्ट्रीय डेयरी मेले का गुरुवार को आगाज हुआ. आइसीएआर नयी दिल्ली के अतिरिक्त सचिव छबिलेंद्र राउल ने मुख्य अतिथि के रूप में मेले का विधिवत उद्घाटन किया. उन्होंने मेले में आये पशुओं का अवलोकन किया. छबिलेंद्र राउल ने पशुपालकों को संबोधित करते हुए कहा कि किसान को आइसीएआर के विभिन्न संस्थानों के वैज्ञानिकों से सहयोग लेकर कृषि की लागत को कम करके तथा बिचौलिया प्रथा को खत्म करके खुद बाजार में आना होगा. उन्होंने मेले से संबंधित स्मारिका का भी विमोचन किया. संयुक्त निदेशक डॉ बिमलेश मान ने बताया कि मेले में हरियाणा, पंजाब, उत्तर प्रदेश और हिमाचल के किसान अपने उत्कृष्ट दुधारू पशुओं को विभिन्न श्रेणियों और आयु वर्ग में होने वाली प्रतियोगिता में भाग लेने के लिए लाये हैं. मेले में 100 स्टॉल की प्रदर्शनी लगायी गयी हैं.
कोलकाता के रसगुल्ले अब हरियाणवी दूध से महकेंगे
काेलकाता के रसगुल्ले अब हरियाणवी दूध से महकेंगे. इस योजना पर काम कर रहे डॉ़ सपन कुमार सूर जैसे कई विशेषज्ञों की निगाह करनाल की उन्नत देसी नस्ल की गायों राधा और लक्ष्मी जैसी पर टिकी हुई है. झज्जर मेले में अपनी शान बिखेर चुकी दोनों गाय राधा और लक्ष्मी को देखने के लिए डेरी संस्थान में बृहस्पतिवार और शुक्रवार को लोगों को तांता लगा रहा. दोनों गायों के पालक करनाल के गांव दादूपुर खुर्द के राजबीर सिंह कह रहे थे : ‘इबी तो दोनो शैम्पू गेल नहावेंगी, कल उतार लियो इनकी फोटू.’ लेकिन दोनों गायों के साथ सेल्फी लेने वाले नहीं मानते और मोबाइल कैमरे क्लिक करने लगते हैं. गौर हो कि दोनों गायों ने झज्जर मेले में बेस्ट ब्रीड कैटेगिरी में अढ़ाई-अढ़ाई लाख रुपये के इनाम जीते हैं.
बेशकीमती हैं दोनों
गायराजबीर सिंह दोनों गायों राधा और लक्ष्मी की जोड़ी की कीमत पर चर्चा नहीं करना चाहते. उन्होंने कहा कि दोनों बेशकीमती हैं और उनकी आयु 5 साल है. गाय राधा अब तक 14 लाख के ईनाम पा चुकी है. पिछली बार उसने 23.600 किलो दूध दिया था. इसी तरह लक्ष्मी ने भी लाखों के इनाम जीते हैं. लक्ष्मी ने भी लाखों के इनाम जीते हैं.

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