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झारखंड : बीसीसीएल में फर्जीवाड़ा, 14 पूर्व कोल अफसरों पर सीबीआइ केस

धनबाद : बीसीसीएल में दो रोड हेडर मशीनों की खरीदारी में 11 करोड़ 60 लाख का चूना लगाया गया. दोनों मशीनें अनुपयोगी थी और दो चार माह भी काम नहीं कर सकी. सीबीआइ धनबाद ने मामले में बीसीसीएल के पूर्व सीएमडी टीके लाहिड़ी, डीटी डीसी झा, ईसीएल के पूर्व सीएमडी आरके सिन्हा समेत 14 अफसरों […]

धनबाद : बीसीसीएल में दो रोड हेडर मशीनों की खरीदारी में 11 करोड़ 60 लाख का चूना लगाया गया. दोनों मशीनें अनुपयोगी थी और दो चार माह भी काम नहीं कर सकी.
सीबीआइ धनबाद ने मामले में बीसीसीएल के पूर्व सीएमडी टीके लाहिड़ी, डीटी डीसी झा, ईसीएल के पूर्व सीएमडी आरके सिन्हा समेत 14 अफसरों पर एफअाइआर दर्ज की है. मशीन की आपूर्ति करनेवाली चाइना की कंपनी मेसर्स जियामुसी कोल माइनिंग मशीनरी कंपनी लिमिटेड बीजिंग व उसके भारतीय एजेंट को भी नामजद किया गया है.
अफसरों की मिलीभगत : आरोपी अधिकारी वर्ष 2009 से 2016 के दौरान बीसीसीएल में विभिन्न पदों पर पदस्थापित थे. बाद में सीसीएल, सीएमपीडीआइएल समेत अन्य कंपनियों में चले गये. प्राय: सभी सेवानिवृत हो चुके हैं. सीबीआइ ने विभिन्न धाराओं में आरोपियों के खिलाफ आपराधिक षडयंत्र, धोखाधड़ी व लोक सेवक द्वारा आपराधिक कृत्य करने का केस दर्ज किया है.
इसमें बीसीसीएल के तत्कालीन सीएमडी टीके लाहिड़ी, डीटी ओपी डीसी झा, डायरेक्टर फाइनेंस ए शांगा, इसीएल तत्कालीन सीएमडी आरके सिन्हा, तत्कालीन सीजीएम इसीएल पीके चक्रवर्ती, बीसीसीएल के सीजीएम (ईएंंड एम) केके सिन्हा, आरेक मुंशी, जी उप्रिति, जीएम (एमएम) एसए नारायण, चंद्र मोहन (जीएम एक्सावेशन), आलोक मंडल (जीएम फाइनेंस), सीएमपीडीआइएल आरडी, आर-वन, आर-टू,वीके सिन्हा, एके दत्ता (जीएम डब्ल्यूजे एरिया), डब्ल्यूजे एरिया के चीफ मैनेजर (ईएंडएंम) एसके सिंह के साथ मेसर्स जियामुसी कोल माइनिंग मशीनरी कंपनी लिमिटेड बीजींग चीन व उसके भारतीय एजेंट को नामजद किया गया है.
अफसरों पर लगे गंभीर आरोप : बीसीसीएल के सीएमडी, डीटी , जीएम व सीजीएम समेत तत्कालीन अधिकारियों द्वारा मानकों का उल्लंघन कर निजी लाभ के लिए आपूर्तिकर्ता के पक्ष में कंपनी को नुकसान पहुंचाया. सीवीसी की जांच में इसका खुलासा हुआ. सीवीसी ने सीबीआइ निदेशक को पत्र भेज कर बीसीसीएल में रोड हेडर मशीनों की आपूर्ति में गड़बड़ी की जांच का निर्देश दिया. इसी आलोक में सीबीआइ द्वारा मुख्यालय के आदेश पर धनबाद एसीबी में केस दर्ज किया गया. मानक व निविदा में दर्शाये गये विशेषताओं को ताक पर रख कर आपूर्ति की गयी.
इन रोड हेडर मशीनों में गड़बड़ी पायी गयी. अनुपुरक मशीनों के होने के बावजूद भुगतान कर दिया गया. बीसीसीएल अफसरों की मिलीभगत से कंपनी व उसके एजेंटों ने गड़बड़ी की है.वर्ष 2009 से 2016 के दौरान दोनों रोड हेडर मशीनों की आपूर्ति की गयी. आरोप के अनुसार माइनिंग वर्क तकनीकी ‌विशेषताओं का अनुपालन नहीं होने के बाद बीसीसीएल में दोनों रोड हेडर मशीन स्वीकार की गयी.

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