कोलकाता/नयी दिल्ली: सरकार ने हज के लिए मेहरम की अनिवार्यता खत्म कर दी है. इससे पश्चिम बंगाल की मुस्लिम महिलाओं में भारी उत्साह देखा जा रहा है. बड़ी संख्या में मुस्लिम महिलाएं किसी पुरुष के साथ के बिना इस पवित्र सफर पर जाने की तैयारियोंमें जुट गयी हैं. हज-2018 के लिए 15 नवंबर को आवेदन की प्रक्रिया आरंभ होने के कुछ ही दिनों के भीतर ऐसी महिलाओं के 22 समूह ने आवेदन किये हैं. इनमें से बहुत सारी महिलाओं के आवेदन स्वीकार भी करलियेगये हैं. हज आवेदन प्रक्रिया सात दिसंबर तक चलेगी.
LIVE VIDEO : सजल चक्रवर्ती पर फैसला 2 बजे के बाद, वकील ने की सजा कम करने की मांग, सीबीआई बोली : IAS कड़ा दंड मिले
केंद्रीय अल्पसंख्यक कार्य मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने कहाकि बिना मेहरम के लिए हज पर जाने की इजाजत देना बड़ा सुधारात्मक कदम है. दरअसल, नयी हज नीति तैयार करने वाली समिति ने सिफारिश की थी कि 45 वर्ष या इससे अधिक उम्र की महिलाएं अगर कम से कम चार के समूह में हज पर जाना चाहती हैं, तो उनके लिए मेहरम की अनिवार्यता खत्म होनी चाहिए. सरकार ने इस सिफारिश को स्वीकार किया और हज-2018 के लिए इसे लागू भी कर दिया गया.
बिना मेहरम के हज पर जाने का आवेदन करने के मामले में केरल सबसे आगे है. नकवी ने कहा कि केरल से ऐसी महिलाओं के 18 समूहों ने आवेदन किये हैं. इसके अलावा उत्तर प्रदेश से दो और असम तथा पश्चिम बंगाल से एक-एक समूहों ने आवेदन किये हैं. नकवी ने कहा, ‘हज पर बिना मेहरम के जाने वाली महिलाओं को हम विश्वास दिलाना चाहते हैं कि उनकी सुरक्षा का विशेष ख्याल रखा जायेगा. सुरक्षा को लेकर चिंता करने की कोई जरूरत नहीं है.’ मंत्री ने कहा कि हज आवेदन की प्रक्रिया आरंभ होने के छह दिनों के भीतर 30 हजार लोगों ने ऑनलाइन आवेदन किये, जबकि तीन हजार लोगों के ऑफलाइन आवेदन मिले हैं.
Jharkhand : गुमला में एक करोड़ के इनामी नक्सली सुधाकरण के ‘मददगार’ ठेकेदार मनोज सिंह के घर NIA का छापा
उन्होंने कहा, ‘पिछले साल करीब पांच लाख लोगों ने आवेदन किये थे. इस बार भी बड़ी संख्या में आवेदन मिलने की संभावना है. हम पूरी प्रक्रिया को पारदर्शी बनाने पर जोर दे रहे हैं. हमारी कोशिश है कि ज्यादा से ज्यादा लोगों को हज करने का मौका मिले और उनकी गाढ़ी कमाई का पूरी तरह सही इस्तेमाल हो.’ हज के लिए भारत का कोटा 1.7 लाख हजयात्रियों का है.
क्या है मेहरम : मेहरम पति के अलावा वह शख्स हुआ, जिसके साथ इस्लामी व्यवस्था के अनुसार महिला का निकाह नहीं हो सकता. मसलन, पिता, बेटा और सगा भाई मेहरम हो सकते हैं.