पटना : बिहार की प्रमुख विपक्षी पार्टी राष्ट्रीय जनता दल (राजद) ने अगला प्रदेश विधानसभा चुनाव पूर्व उपमुख्यमंत्री और लालू प्रसाद के बेटे तेजस्वी प्रसाद यादव के नेतृत्व में लड़ने की घोषणा कर दी है. हालांकि, बिहार के सबसे बड़े सियासी परिवार में बड़े बेटे की जगह तेज प्रताप के पास है, लेकिन लालू तेजस्वी को अपनी राजनीतिक विरासत सौंपना चाहते हैं. आखिर, इसके पीछे क्या वजहें हैं. राजद और लालू की ओर से तेजस्वी पर जताये गये विश्वास के कुछ कारण हैं. उन कारणों के बारे में जानना जरूरी है.
– राजद के खुले अधिवेशन में इस आशय का प्रस्ताव पारित किया गया कि तेजस्वी के नेतृत्व में ही चुनाव लड़ा जायेगा. इस अधिवेशन में पार्टी के शीर्ष नेता मौजूद थे. वरिष्ठ पार्टी नेता जगदानंद सिंह ने प्रस्ताव पढकर सुनाया कि पार्टी तेजस्वी यादव के नेतृत्व में अगला बिहार विधानसभा चुनाव लड़ेगी और राजद के चुनाव जीतने पर वही सरकार की भी अगुवायी करेंगे.
-बिहार में अगला विधानसभा चुनाव 2020 में है. प्रसाद के छोटे बेटे तेजस्वी के अगले विधानसभा चुनाव के लिए पार्टी का चेहरा घोषित किये जाने की अटकलें हाल के दिनों में चल रही थीं.
– लालू ने पहले ही कहा था कि तेजस्वी काबिल और परिपक्व हैं और यदि लोग उनके बारे में पार्टी के मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार के रूप चर्चा कर रहे हैं तो उसमें कुछ गलत नहीं है. तेजस्वी फिलहाल विधानसभा में विपक्ष के नेता हैं.
-वह राजद, जदयू और कांग्रेस की महागठबंधन सरकार में उपमुख्यमंत्री रहे थे. जुलाई में जदयू के बाहर आ जाने के बाद यह महागठबंधन बिखर गया था. जदयू ने सरकार बनाने के लिए भाजपा से हाथ मिला लिया था.
– राजद के सवर्ण विरोधी होने की धारणा पर मंडल आंदोलन के चैंपियन लालू प्रसाद ने सफाई दी , ऊंची जातियों को मेरी पार्टी के बारे में कोई आशंका पालने की जरूरत नहीं है.
– लालू ने अधिवेशन में तेजस्वी के भाषण के तेवर को देखा और इससे काफी खुश दिखे. तेजस्वी ने इस मौके पर कहा कि मेरे और मेरे परिवार के खिलाफ मानहानिकारक अभियान चलाया जा रहा है. देश तानाशाही शासन में है.
-तेजस्वी ने कहा कि पूरा देश लालू प्रसाद की तरफ आशा भरी निगाहों से देख रहा है क्योंकि यह विदित है कि वही भाजपा और आरएसएस से टकरा सकते हैं. अतएव लगातार हम पर हमला हो रहा है.
-राजद ने कहा है कि लालू जी के निर्देशन में बिहार विधानसभा में प्रतिपक्ष के नेता तेजस्वी प्रसाद यादव आगामी प्रदेश विधानसभा चुनाव में नेतृत्व प्रदान करेंगे तथा उनके नेतृत्व में सरकार का गठन होगा.
-लालू यादव ने राजद की राजगीर में हुई बैठक में यह इशारा कर दिया था कि तेजस्वी ही उनके राजनीतिक विरासत को संभालेंगे. उसी की कड़ी में खुले अधिवेशन में तेजस्वी को आगे किया गया है.
-लालू यादव को तेजस्वी में बिहार की राजनीति को समझने की परिपक्वता दिखती है. लालू ने तेजस्वी के विश्वासमत के दौरान विधानसभा में दिये गये स्पीच को बड़ी बात मानते हैं.
-राजनीतिक जानकारों के मुताबिक लालू परिवार को पहले भी नहीं छोड़े हैं, चारा घोटाले में पहली बार जेल जा रहे लालू ने सभी नेताओं को दरकिनार करते हुए राबड़ी देवी को मुख्यमंत्री बना दिया था.
-लालू को यह साफ दिख रहा है कि उनकी पार्टी के बाकी शीर्ष नेता बुजुर्ग हैं, उन्होंने पार्टी के कार्यकर्ताओं की मंशा को सामने रखते हुए यह संदेश दिया है कि अब युवाओं का जमाना है और तेजस्वी यादव को युवा काफी पसंद कर रहे हैं.
-लालू का मानना है कि तेजस्वी यादव ने उपमुख्यमंत्री रहते हुए कुछ रोड और पुल-पुलिया बनाने के फैसले लिये हैं और वह सरकार में बेहतर काम कर रहे थे, यह बात पार्टी के लोगों के दिमाग में है और वह तेजस्वी को पसंद करते हैं.
-लालू को यह पता है कि तेज प्रताप यादव भले मंच पर तालियां बटोर ले रहे हों, लेकिन तेजस्वी के पास गंभीरता है और वह अपनी बात सोच समझकर रखते हैं, इस लिहाज से तेजस्वी ठीक हैं.
-लालू ने बिहार विधानसभा चुनाव में मुख्य नेतृत्व को अपने पास रखते हुए तेजस्वी को मुख्यमंत्री के चेहरे के लिए आगे कर रखा है.
-लालू को यह मालूम है कि यदि तेजस्वी के नेतृत्व में विधानसभा चुनाव लड़ा जायेगा, तो तेजस्वी जनता में यह बात लगातार पहुंचायेंगे कि उन्हें साजिश के तहत उपमुख्यमंत्री पद से हटाया गया.
– लालू तेजस्वी के अंदर विरोधियों पर सही और सटीक शब्दों में हमला करने के काबिल भी समझते हैं. हाल तक के जितने भी तेजस्वी के सार्वजनिक मंच से दिये गये भाषण हैं, उसे पार्टी के कार्यकर्ताओं और आम लोगों ने पसंद किया है.
– लालू ने तेजस्वी को यह मंत्र दे दिया है कि वह सार्वजनिक मंच से यह चर्चा जरूर करें कि महागठबंधन को जनादेश देने वाली बिहार की जनता ने इतनी कम उम्र में तेजस्वी को एक बड़ी जिम्मेदारी देकर इस प्रदेश का उपमुख्यमंत्री बनाने का काम किया था. डेढ़ साल काम किये हुआ ही था और नीतीश कुमार ने जनादेश को धोखा देने का काम किया.
– लालू को यह लगता है कि तेजस्वी की लगातार बढ़ रही फैन फॉलोविंग से नीतीश कुनबा परेशान है.
-लालू तेजस्वी के जरिये बिहार की राजनीति को साधना चाहते हैं और बिहार के लोगों को यह बताना चाहते हैं कि तेजस्वी बिल्कुल इनोसेंट बच्चा है और वह बिहार के विकास के लिए काम करेगा.
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