पटना : सेंट्रल बोर्ड ऑफ सेकेंडरी एजुकेशन (सीबीएसई) की ओर से वर्ष 2018 में 10वीं बोर्ड परीक्षा को अनिवार्य कर दिया गया है. अब 10वीं के स्टूडेंट्स को बोर्ड परीक्षा देना होगा. शैक्षणिक सत्र 2017-18 से सभी स्टूडेंट्स छह साल बाद फिर से बोर्ड परीक्षा देंगे. इसके लिए सीबीएसई की ओर से एकेडमिक सर्कुलर जारी किया गया है. इसके तहत बोर्ड परीक्षा में थ्योरी का पेपर 80 अंक होगा. 20 अंक की प्रैक्टिकल परीक्षा होगी. प्रैक्टिकल परीक्षा स्कूल परफॉर्मेंस के आधार पर लिया जाना है. इसके अलग-अलग अंक और विषय भी निर्धारित हैं. यह जानकारी सीबीएसई सेंटर फोर एक्सीलेंस के ज्वाइंट डायरेक्टर श्रीराम शंकर ने दी.
छह साल बाद होगी बोर्ड परीक्षा
उन्होंने बताया कि सीबीएसई ने ही छह साल पहले दसवीं में बोर्ड की परीक्षा देने को वैकल्पिक कर दिया था, जिसके कारण पिछले सत्र 2017 तक 10वीं के स्टूडेंट्स स्कूल बेस्ड और बोर्ड बेस्ड परीक्षाओं में शामिल हुआ करते थे, लेकिन अब केवल बोर्ड बेस्ड परीक्षा ही ली जायेगी. छात्र-छात्राएं परीक्षा में अधिक से अधिक अंक ला पायें, इसके लिए विद्यालयों के प्राचार्य को परीक्षा पैटर्न से संबंधित जानकारी रखनी होगी. सीबीएसई के क्षेत्रीय अधिकारी लखनलाल मीणा ने बताया कि स्कूल के प्राचार्य इसकी तैयारी कर लें, ताकि परीक्षा में दिये जाने वाले प्रैक्टिकल मॉर्क्स सर्कुलर के आधार पर हों.
स्कूल परफॉर्मेंस के आधार पर तीन स्तरों पर प्रैक्टिकल परीक्षा
ट्रेनिंग प्रोग्राम में स्कूलों के प्राचार्य को प्रैक्टिकल परीक्षा के बारे में जानकारी दी गयी. इसमें बताया कि कुल 100 अंक की परीक्षा में 80 नंबर की थ्योरी और 20 अंक के प्रैक्टिकल परीक्षा ली जानी है. प्रैक्टिकल परीक्षा स्कूल परफॉर्मेंस के आधार पर तीन स्तरों पर लिया जाना है. इसमें दस अंक के परीक्षा पेरियोडिक टेस्ट, जो साल में तीन बार लिये जाते हैं, उसके आधार पर दो बेस्ट का चयन कर दिया जाना है. वहीं, पांच अंक बच्चों के क्लास वर्क और होमवर्क के आधार पर उनकी कॉपियों का असेसमेंट के आधार पर दिया जाना है. तीसरा असेसमेंट सब्जेक्ट इनरिच के आधार पर पांच अंक निर्धारित है. जैसे अंग्रेजी स्पीकिंग लर्निंग, भूगोल के मैप और साइंस और मैथ के प्रोजेक्ट के आधार पर है.