सुपौल : समाहरणालय स्थित टीसीपी भवन में मंगलवार को 21 नवंबर से 04 दिसंबर तक आयोजित होने वाले पुरुष नसबंदी पखवाड़ा की सफलता को लेकर एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया. उप विकास आयुक्त डॉ नवल किशोर चौधरी की अध्यक्षता में आयोजित कार्यशाला में अपर मुख्य चिकित्सा पदाधिकारी डॉ विल्टू पासवान, जिला अनुश्रवण एवं मूल्यांकन पदाधिकारी पंकज कुमार झा, प्रभारी जिला कार्यक्रम प्रबंधक बालकृष्ण चौधरी सहित अन्य उपस्थित थे.
डीडीसी डॉ चौधरी ने कार्यशाला के उद्देश्य पर विस्तृत चर्चा करते हुए कहा कि अन्य राज्यों की तुलना में जनसंख्या का घनत्व बिहार में सबसे ज्यादा है. बिहार का प्रजन्न दर भी अन्य राज्यों के तुलना में सबसे अधिक है. परिवार नियोजन ऑपरेशन का लक्ष्य के अनुरूप शत-प्रतिशत उपलब्धि प्राप्त कर ही जनसंख्या पर नियत्रंण पाया जा सकता है. उन्होंने कहा कि इसके लिए आवश्यक है कि सभी विभाग आपस में समन्वय बना कर कार्य करें.
जिसमें स्वास्थ्य विभाग की भूमिका सबसे अहम है. उनके द्वारा स्पष्ट निर्देश दिया गया कि नीचे स्तर के कार्यकर्त्ता यथा-आशा, आंगनबाड़ी सेविका के साथ-साथ सभी प्रखंड स्तरीय पदाधिकारियों को अपनी जिम्मेवारी पूरी तरह से निभाना होगा. उन्होंने कार्यशाला को बताया कि राज्य स्वास्थ्य समिति पटना के पत्रांक 4406 दिनांक 11 नवंबर 2017 के आलोक में 21 नवंबर 04 दिसंबर 2017 तक पुरुष नसबंदी पखवाड़ा का आयोजन किया जाना है. जिसके तहत 21 से 27 नवंबर 2017 तक लाभार्थी को चिह्नित कर उनका निबंधन किया जाना है. साथ ही 28 नवंबर से 04 दिसंबर तक सभी निबंधित लाभार्थियों का नसबंदी का ऑपरेशन किया जाना है.
उन्होंने बताया कि सरकार व विभाग द्वारा उक्त पखवाड़ा का स्लोगन ‘जिम्मेदार पुरुष का यही है पहचान, परिवार नियोजन में जो दें योगदान’ रखा गया है. साथ ही कार्यशाला में इस पखवाड़ा के दौरान एएनएम, आशा, आंगनबाड़ी सेविका, विकास मित्र एवं जीविका सहेली का सहयोग लेने का निर्णय लिया गया. बताया कि प्रत्येक 20 आशा के एक फेसीलेटर को कम से कम एक पुरुष नसबंदी का ऑपरेशन कराने का लक्ष्य निर्धारित है.