बिहारशरीफ : बिना सूचना के ड्यूटी से गायब रहने वालों की अच्छी खबर नहीं है. एेसे लोग सर्तक हो जायें. वरना जांच के दौरान गायब पाये गये तो निश्चित तौर पर कार्रवाई की जद में आ जायेंगे. एेसे लोगों की पहचान कर कार्रवाई शुरू कर दी गयी है. थरथरी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के निरीक्षण के वक्त एक चिकित्सा पदाधिकारी ड्यूटी से अनुपस्थित पाये गये. सिविल सर्जन ने संबंधित चिकित्सा पदाधिकारी के वेतन पर रोक लगा दी.
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डॉक्टरों की लेटलतीफी पर एक्शन में सीएस
बिहारशरीफ : बिना सूचना के ड्यूटी से गायब रहने वालों की अच्छी खबर नहीं है. एेसे लोग सर्तक हो जायें. वरना जांच के दौरान गायब पाये गये तो निश्चित तौर पर कार्रवाई की जद में आ जायेंगे. एेसे लोगों की पहचान कर कार्रवाई शुरू कर दी गयी है. थरथरी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के निरीक्षण के […]
सिविल सर्जन ने किया दो पीएचसी का निरीक्षण
सिविल सर्जन डॉ सुबोध प्रसाद सिंह ने बताया कि बुधवार को जिले के करायपरशुराय व थरथरी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों का संध्या में औचक निरीक्षण किया गया था. इस दौरान थरथरी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र की जांच के क्रम में चिकित्सा पदाधिकारी डॉ प्रमोद कुमार ड्यूटी से अनुपस्थित थे. इस बाबत उनसे जवाब-तलब किया गया है. साथ ही,
अनुपस्थित अवधि के वेतन पर रोक लगा दी गयी है. सीएस डॉ सिंह ने बताया कि डॉ कुमार से कहा है कि स्पष्टीकरण का जवाब शीघ्र दें. यदि स्पष्टीकरण का जवाब संतोषप्रद नहीं पाया गया था तो अग्रतर कार्रवाई की जायेगी. सिविल सर्जन डॉ सिंह ने अस्पताल के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी को निर्देश दिया है कि अस्पताल में ससमय डॉक्टरों व स्वास्थ्य कर्मियों की उपस्थिति सुनिश्चित करायें. ताकि अस्पताल में आने वाले मरीजों का बेहतर इलाज उपलब्ध कराया जा सके. रोस्टर के मुताबिक डॉक्टरों की उपस्थिति हर हाल में सुनिश्चित हो. इस कार्य में लापरवाही कतई नहीं बरती जाये. ड्यूटी में कोताही बरतने वालों पर निश्चित तौ
र पर कार्रवाई होगी.
दवा चार्ट भी लगाने का निर्देश
सिविल सर्जन ने अस्पताल के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी को निर्देश दिया कि दवा की उपलब्धता से संबंधित चार्ट बोर्ड लगाया जाये. चार्ट पर अस्पताल में मौजूद दवा के बारे में उस पर अवश्य अंकित करें. ताकि पता चल सके अस्पताल में जीवनरक्षक दवाओं की उपलब्धता की जानकारी लोगों को आसानी से प्राप्त हो सके. उन्होंने अस्पताल परिसर में रोशनी की मुकम्मल व्यवस्था करने को कहा. इसके लिए उन्होंने करायपरशुराय अस्पताल के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी को निर्देश दिया कि एलइडी बल्ब लगायें. ताकि अस्पताल परिसर में कहीं भी अंधेरा नहीं रहे.
काला बिल्ला लगा संविदा पशु चिकित्सकों ने किया काम
अपनी मांगों के समर्थन में जिले के संविदा पशु चिकित्सकों ने शुक्रवार को काला बिल्ला लगाकर काम किया. जिले के पशु चिकित्सकों ने मांगों को लेकर चट्टानी एकता का प्रदर्शन किया. संबंधित चिकित्सकों ने अपनी सेवा को नियमित करने ,मानदेय वृद्धि आदि मांगों को लेकर आंदोलन किया. मांगों से संबंधित ज्ञापन संविदा चिकित्सकों ने जिला पशुपालन पदाधिकारी को सौंपा.संविदा पशु चिकित्सा पदाधिकारियों ने समान काम के लिए समान वेतन देने की मांग राज्य सरकार से की.
सातवें वेतन आयोग की अनुशंसा के अनुरूप मानदेय में वृद्धि नहीं की गयी है. उच्चतम न्यायालय के आदेश का भी पालन इस दिशा में राज्य सरकार नहीं कर रही है. डॉ अंजनी कुमार सिन्हा ने कहा कि अन्य राज्यों में जैसे हरियाणा में समान काम समान वेतन पशुपालन विभाग में लागू कर दी गयी है. बिहार राज्य के अन्य विभागों में संविदा पर कार्यरत कर्मियों का सातवें वेतन के अनुरूप मानदेय लागू कर दिया गया है. उन्होंने कहा कि जिले में संविदा पर कार्यरत पशु चिकित्सक नियमित चिकित्सक के समान काम करते हैं. हम सब पशु चिकित्सकों का किसी तरह का बीमा नहीं कराया जाता है. जबकि बाढ़ राहत कार्यों में भी लगाया जाता है.
जहां ईमानदारी पूर्वक कार्यों का निर्वहण करते हैं.
चिकित्सा भत्ता की हो व्यवस्था
उन्होंने कहा कि संविदा पर कार्यरत पशु चिकित्सकों को सरकार की ओर से चिकित्सा भत्ता भी नहीं दिया जा रहा है. सरकार इस दिशा में ठोस पहल करे और चिकित्सा भत्ता का भुगतान करे. साथ ही, आवास भत्ता का भी लाभ उपलब्ध कराया जाये. संविदा चिकित्सक हमेशा अपने कर्तव्यों के प्रति सजग रहकर काम करने में लगे हैं. बावजूद समान काम के लिए समान सुविधाएं सरकार की ओर से उपलब्ध नहीं करायी जा रही है. चिकित्सकों को हरियाणा सरकार की तरह मानदेय 56125 प्रतिमाह की व्यवस्था की जाये. इस अवसर पर डॉ संजीव कुमार, डॉ किशोर कुणाल, डॉ निक्कू महेंद्र, डॉ ज्योति कुमारी समेत कई चिकित्सक मौजूद थे
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अस्पताल परिसर में रोस्टर चार्ट लगाएं
सिविल सर्जन डॉ सुबोध प्रसाद सिंह ने इसी प्रकार जिले के करायपरशुराय पीएचसी का भी निरीक्षण किया था. निरीक्षण के दौरान अस्पताल में डॉक्टरों के रोस्टर चार्ट बोर्ड नहीं पाया गया. इस मामले को गंभीरता से लेते हुए सीएस डॉ सिंह ने इस व्यवस्था में सुधार लाने की हिदायत देते हुए कहा कि अस्पताल परिसर में डॉक्टरों के रोस्टर चार्ट अवश्य लगायें. ताकि पता चल सके कि किस अवधि में किन चिकित्सकों की ड्यूटी है. इस व्यवस्था से मरीजों को भी सहूलियत होगी. इस व्यवस्था को अविलंब लागू करने की हिदायत दी गयी.
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