संजय लीला भंसाली की फिल्म ‘पद्मावती’ की रिलीज की तारीख जैसे-जैसे करीब आ रही है, विरोध भी चरम पर पहुंचता जा रहा है. फिल्म शुरुआत से ही विरोध का सामना कर रही है. सेट पर तोड़फोड़ से लेकर अब लोग फिल्म के विरोध में सड़कों पर उतर आये है. पद्मावती के विरोध में कई समुदाय से लेकर बड़े राजनेता तक कोई भी बयानबाजी करने से पीछे नही रहे हैं. जानें इस फिल्म के खिलाफ दिये गये 7 बड़े बयान…
1. मेरठ के एक राजपूत नेता ने संजय लीला भंसाली के खिलाफ फरमान जारी कर कहा है कि जो भंसाली का सिर काट कर लायेगा उसे 5 करोड़ इनाम मिलेगा. इसके बाद भंसाली की सुरक्षा बढा दी गई है. 24 घंटे दो गनमैन भंसाली के साथ रखने का प्रबंध मुंबई पुलिस ने किया है.
2. राजपूत करणी सेना की ओर से बनाये गये एक वीडियो में महिपाल सिंह मकराना ने कहा, राजपूतों ने कभी औरतों पर हाथ नहीं उठाया. लेकिन जरूरत पड़ी तो हम दीपिका के साथ वहीं करेंगे जो लक्ष्मण ने शूर्पणखा के साथ किया था.’ रामायण की कथा के अनुसार लक्ष्मण ने शूर्पणखा की नाक काट दी थी. दीपिका की सुरक्षा भी बढ़ा दी गई है.
3. राजपूत सेना करणी सेना के प्रमुख लोकेंद्र सिंह कालवी ने कहा है,’ अगर फिल्म 1 दिसंबर को रिलीज हुई तो लाखों लोग इसके विरोध में जमा होंगे. हमारे पूर्वजों ने खून से इतिहास लिखा है. हम किसी को भी इसपर खून नहीं पोतने देंगे. हम 1 दिसंबर को बंद का ऐलान करेंगे.’ किसी भी हालत में सिनेमाघरों में इस फिल्म को रिलीज नहीं होने देंगे. पद्मावती के खिलाफ खून से लिखी चिट्ठी हर डीएम और सिनेमाघरों केमालिकों को भेजी जायेगी.’
4. बीजेपी सांसद चिंतामणि मालवीय ने कहा था,’ यह देश रानी पद्मावती का अपमान नही सहेगा. हम गौरवशाली इतिहास के साथ छेड़खानी भी बर्दाश्त नही कर सकते.अलाउद्दीन खिलजी के दरबारी कवियों द्वारा लिखे गए गलत इतिहास पर संजय लीला भंसाली ने पद्मावती फ़िल्म बना दी है. यह न सिर्फ गलत है बल्कि निंदनीय है.’ उन्होंने आगे लिखा,’ जिन फिल्मकारों के घरों की स्त्रियां रोज अपने शौहर बदलती है वे क्या जाने जौहर क्या होता है ? अभिव्यक्ति के नाम पर संजय भंसाली की मानसिक विकृति नही सहन की जाएगी.’
5. केंद्रीय मंत्री उमा भारती ने टि्वटर पर एक खुला खत शेयर कर कहा कि अलाउद्दीन खिलजी एक व्यभिचारी हमलावर था. उसकी बुरी नजर पद्मावती पर थी. उमा भारती ने एक के बाद एक कई ट्वीट भी किए. उन्होंने लिखा, ‘रानी पद्मावती के विषय पर मैं तटस्थ नहीं रह सकती’. उन्होंने कहा था कि मेरा निवेदन है कि पद्मावती को राजपूत समाज से न जोड़कर भारतीय नारी की अस्मिता से जोड़ा जाए. रिलीज़ से पहले इतिहासकार, फ़िल्मकार और विरोध करनेवाले समुदाय के प्रतिनिधि और सेंसर बोर्ड मिलकर कमिटी बनायें और इस पर फैसला करें.
6. बीजेपी सांसद सुब्रमण्यण स्वामी ने कहा कि फिल्म के बजट की जांच होनी चाहिए. यह पता लगाना चाहिये कि फिल्म में आखिर किसने पैसा लगाया है. स्वामी ने दीपिका की नागरिकता पर ही सवाल खड़े दिये थे. उन्होंने कहा था, ये बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है कि सिर्फ सिनेमा के आधार पर देश को पिछड़ा बताया जा रहा है. हमें यह भी पता नहीं है कि दीपिका भारत की नागरिक हैं भी या नहीं. दीपिका ऐसे बयान देकर बॉलीवुड के स्टैंडर्ड को भी नीचे ले जा रही हैं.’
7. जयपुर के पूर्व राजघराने की प्रिंसेस और विधायक दीया कुमारी ने पद्मावती पर अपना गुस्सा जाहिर किया है. उन्होंने कहा कि फिल्म के बहाने राजस्थान के इतिहास के साथ छेड़छाड़ किया जा रहा है जो बर्दाश्त नहीं किया जा सकता. राजपरिवार महरानी पद्मावती को घूमर नृत्य में दिखाने से नाराज है. उन्होंने कहा है कि वो किसी भी कीमत पर फिल्म प्रदर्शित नहीं होने देंगे.