सरकार के सर्वर से जुड़ने के बाद जमीन व मकान की रजिस्ट्री शुरू हो जायेगी. विदित हो कि जमीन व मकान का होल्डिंग नंबर अनिवार्य किये जाने के बाद से 24 अक्तूबर के बाद जितने भी होल्डिंग जेनेरेट हुए उनकी रजिस्ट्री नहीं हो रही थी. क्योंकि होल्डिंग नंबर रजिस्ट्री विभाग के पोर्टल में नजर नहीं आ रहे थे.
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सरकार के सर्वर से जुड़ेगा निगम जमीन की रजिस्ट्री नहीं लटकेगी
धनबाद: होल्डिंग नंबर को लेकर शहरी क्षेत्र में लगभग डेढ़ महीने से ठप जमीन और मकान की रजिस्ट्री के फिर से शुरू होने का मार्ग प्रशस्त हो गया है. इस मसले पर गुरुवार को रांची में हुई उच्च स्तरीय बैठक में सरकार के सर्वर से जुड़ने का निर्णय लिया गया. एक सप्ताह के अंदर नगर […]
धनबाद: होल्डिंग नंबर को लेकर शहरी क्षेत्र में लगभग डेढ़ महीने से ठप जमीन और मकान की रजिस्ट्री के फिर से शुरू होने का मार्ग प्रशस्त हो गया है. इस मसले पर गुरुवार को रांची में हुई उच्च स्तरीय बैठक में सरकार के सर्वर से जुड़ने का निर्णय लिया गया. एक सप्ताह के अंदर नगर निगम एसइपी सॉफ्टवेयर डिजाइन कर नगर विकास एवं आवास विभाग को सौंपेगा.
हो गया समाधान : नगर आयुक्त
नगर आयुक्त मनोज कुमार ने बताया कि पूर्व में रितिका प्रिंटेक के माध्यम से होल्डिंग नंबर जेनेरेट होता था. रितिका के हटने के बाद निगम ने अपना सर्वर ले लिया. होल्डिंग नंबर जेनेरेट तो हो रहे हैं लेकिन सरकार के सर्वर में मैपिंग नहीं होने के कारण रजिस्ट्री विभाग के पोर्टल में होल्डिंग नंबर नहीं दिख रहे हैं. गुरुवार को रांची में हुई उच्च स्तरीय बैठक में समाधान हो गया है.
रजिस्ट्री में होल्डिंग नंबर का सत्यापन अनिवार्य है : अवर निबंधक
अवर निबंधक संतोष कुमार ने कहा कि निगम क्षेत्र की जमीन व मकान की रजिस्ट्री में होल्डिंग नंबर अनिवार्य है. जब तक होल्डिंग का सत्यापन नहीं होगा, संबंधित लाभुक की जमीन व मकान की रजिस्ट्री नहीं होगी.
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