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बिहार : बाल विवाह को पहुंचे दूल्हा, बराती सहित लड़की के पिता और पंडित भेजे गये जेल
नवीनगर : मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के दहेज और बाल विवाह जैसी कुप्रथा पर रोक के आह्वान के बाद औरंगाबाद जिले में इसकी खुशबू फैलने लगी है. इसका ताजा उदाहरण जिले के नवीनगर प्रखंड स्थित खैरा थानाक्षेत्र में पड़ने वाला बेलौटी गांव है. यहां एक साथ दो अलग-अलग घरों में तीन बेटियों की शादी करायी जा […]
नवीनगर : मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के दहेज और बाल विवाह जैसी कुप्रथा पर रोक के आह्वान के बाद औरंगाबाद जिले में इसकी खुशबू फैलने लगी है. इसका ताजा उदाहरण जिले के नवीनगर प्रखंड स्थित खैरा थानाक्षेत्र में पड़ने वाला बेलौटी गांव है. यहां एक साथ दो अलग-अलग घरों में तीन बेटियों की शादी करायी जा रही थी, जो उम्र में 18 वर्ष से कम थीं. सूचना के आधार पर पुलिस प्रशासन की संयुक्त टीम ने छापेमारी कर तीनों लड़कियों को बालिका वधू बनने से बचा लिया.
इस दौरान शादी की जिद पर अड़े लड़की के पिता, पंडित, दूल्हा और दूल्हे के संबंधियों को पुलिस ने गिरफ्तार कर जेल भेज दिया. बाल विवाह को विफल बनाने में एनटीपीसी खैरा के थानाध्यक्ष रंजीत कुमार, माली के थानाध्यक्ष आनंद कुमार सिंह, बीडीओ पन्नालाल ने अहम भूमिका निभायी.
जानकारी के अनुसार, बुधवार को बेलौटी गांव में राजकिशोर राम अपनी 16 वर्षीया बेटी पम्मी कुमारी, बेलौटी टोले जानकीपुर निवासी उपेंद्र पासवान अपनी 17 वर्षीया बेटी कविता कुमारी और संगीता कुमारी की शादी की तैयारी में जुटे हुए थे. तीनों की शादी उत्तरप्रदेश के हाथरस जिला अंतर्गत सासनी थाना क्षेत्र के गांव नागलानन्नी कोरमी निवासी ठाकुर देवेंद्र एवं उसके भाइयों के साथ होनी थी. आंगन में माड़ो गड़ गये थे और लड़कियों को हल्दी भी लग चुकी थी.
शाम पांच बजे दूल्हे राजा के साथ बराती में शामिल लोग भी गांव के प्राथमिक विद्यालय में डेरा जमा चुके थे. इसी बीच दर्जनों पुलिस जवानों के साथ थानाध्यक्ष रंजीत कुमार बेलौटी टोले जानकीपुर निवासी उपेंद्र पासवान के घर आ धमके. दोनों पक्षों को समझाया तो पम्मी के पिता मान गये और लड़की की शादी 18 वर्ष की उम्र के बाद ही करने का वचन दिया. इस बीच विद्यालय में ठहरी बराती को भी भनक लग गयी और वे अपने-अपने वाहनों पर सवार हो भागने लगे तो थानाध्यक्ष रंजीत कुमार, माली के थानाध्यक्ष के साथ बाइक से पीछा कर दूल्हा देवेंद्र कुमार सहित अन्य दो-तीन लोगों को पकड़ लिया.
फिर दोनों पक्षों के सभी लोगों को एकत्रित कर थानाध्यक्ष और बीडीओ ने काफी समझाया और बाल विवाह जैसी कुप्रथा को समाप्त करने की बात कही. लाख समझाने के बावजूद शादी की जिद पर अड़े जानकीपुर निवासी उपेंद्र पासवान और बाल विवाह संपन्न कराने आये हरचनपुर गांव के निवासी पंडित लल्लू दुबे को पकड़ कर जेल भेज दिया. इसके साथ ही दूल्हा यूपी के नागला नन्नी निवासी ठाकुर देवेंद्र सिंह, उसके भाई राकेश कुमार, चाचा ज्ञानेंद्र सिंह, बहनोई नरेश सिंह को भी जेल भेज दिया. थानाध्यक्ष ने बताया कि बाल विवाह और दहेज प्रथा के सभी कानूनी पहलुओं को लेकर सरकार सख्त है.
इस तरह की किसी शादी में शामिल होने पर सजा का प्रावधान है. बीडीओ ने कहा कि समाज के हर व्यक्ति का फर्ज कि वे इस तरह की असामाजिक गतिविधियों पर रोक लगाएं. साथ ही शादी कार्ड छापने वाले, मिठाई और भोजन बनाने वाले कारीगर, टेंट-पंडाल लगाने वाले और बैंड-बाजा से लेकर व्यवसायी किसी भी विवाह में अपनी सेवा देने से पहले यह सुनिश्चित कर लें कि विवाह में लड़के की उम्र 21 वर्ष और लड़की की उम्र 18 वर्ष से कम न हो.
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