भागलपुर : कुटुंब न्यायालय के प्रधान न्यायाधीश शिव गोपाल मिश्रा ने कहलगांव विधायक सदानंद सिंह की बहन गीता देवी पर एक करोड़ रुपये का भारी भरकम राशि का जुर्माना लगाया है. जुर्माने की राशि बच्ची के नाम पर बैंक में जमा करनी होगी. न्यायालय ने यह फैसला न्यायालय में नतिनी (तीन वर्षीय बच्ची) के कानूनी तौर पर अभिभावक बनने की गार्जियनशिप एक्ट के तहत दायर याचिका पर दिया है. कुटुंब न्यायालय ने गीता देवी की बेटी मृदुला लता की मौत के मामले में सीबीआइ निदेशक से जांच की सिफारिश की है.
साथ ही गीता देवी के खिलाफ गाजियाबाद पुलिस को वहां पर दर्ज एक मामले (1059/14) को फिर से अनुसंधान करने का निर्देश दिया है. न्यायालय ने तीन वर्षीय बच्ची को उसके पिता रमेश जी मूर्ति के हवाले कर दिया. मामले में गीता देवी की तरफ से वरीय अधिवक्ता अभयकांत झा और राजीव ईश्वर तथा रमेश जी मूर्ति की तरफ से रामकुमार मिश्रा ने पैरवी की.
यह है गीता देवी की नतिनी का मामला :वर्ष 2004 में कहलगांव विधायक सदानंद सिंह की बहन गीता देवी की बेटी मृदुला लता की शादी इंदिरापुरम थाना के नीतीखंड चौकी अंतर्गत जयपुरिया सनराइज ग्रीन निवासी रमेश जी मूर्ति के साथ हुई थी. शादी के कई वर्ष बाद तक संतान नहीं हुई. इस कारण आइवीएफ तकनीक के तहत मृदुला लता का
गर्भधारण हुआ. मगर 19 मई 2014 बच्ची के जन्म के साथ ही मृदुला लता की मौत हो गयी. उसकी मौत के बाद छोटी बच्ची को उसकी मां गीता देवी भागलपुर ले आयी. तिलकामांझी निवासी गीता देवी छोटी बच्ची का लालन-पालन किया. तीन महीने की बच्ची होने पर गीता देवी ने नतिनी के कानूनी तौर पर अभिभावक बनने के लिए कुटुंब न्यायालय में गार्जियनशिप एक्ट के तहत आवेदन दिया. इस आवेदन पर हुई सुनवाई के तहत बच्ची के पिता रमेश जी मूर्ति को भी नोटिस हुआ. अदालती जिरह होने के बाद कुटुंब न्यायालय ने मामले में जुर्माना व अन्य अहम निर्देश दिये.
गाजियाबाद पुलिस में गीता देवी के खिलाफ मामला दर्ज
गीता देवी ने बेटी मृदुला लता की बच्ची के जन्म देते ही मौत हो जाने पर अपनी नतिनी को साथ ले आयी. इस बात को लेकर मृदुला लता के पति रमेश जी मूर्ति ने गाजियाबाद पुलिस में मामला दर्ज करा दिया. उस मामले में भी पुलिस अनुसंधान चल रहा है.
गीता देवी ने नकल आवेदन कर ली आदेश की कॉपी
गीता देवी के अनुसार, 17 अक्तूबर के कुटुंब न्यायालय के फैसले की प्रमाणित प्रति लेने को लेकर नकल आवेदन किया था. इस नकल आवेदन की कॉपी उन्हें मिल गयी है. उन्होंने कहा कि न्यायालय के निर्देश के तहत बच्ची को उनके पास से ले लिया गया है.
कुटुंब न्यायालय के फैसले के खिलाफ हाइकोर्ट में अपील
वरीय अधिवक्ता अभयकांत झा ने कहा कि गीता देवी के खिलाफ कुटुंब न्यायालय के दिये आदेश के खिलाफ पटना हाइकोर्ट में अपील करेंगे. उनकी आवेदिका गार्जियनशिप एक्ट के तहत बच्ची पर कानूनी अभिभावक बनने के लिए याचिका दिया था. आवेदक ने बच्ची के लगातार लालन-पालन का साक्ष्य दिया था. गीता देवी को न्यायपालिका पर पूरा भरोसा है.
कुटुंब न्यायालय का फैसला
– तीन वर्षीय बच्ची को पिता रमेश जी मूर्ति के कब्जे में दे.
– गीता देवी एक करोड़ रुपये का बैंक डिपॉजिट बच्ची के नाम बनवाकर उसके पिता रमेश जी मूर्ति को सुपुर्द करें.
– वरीय पुलिस अधीक्षक गीता देवी को तब तक हिरासत में रखे, जब तक वह एक करोड़ रुपये जमा नहीं करा देती और बच्ची को सुपुर्दगी नहीं हो जाता है.
– गाजियाबाद पुलिस वहां गीता देवी के खिलाफ दर्ज केस 1059/14 का फिर से अनुसंधान करे.
– सीबीआइ निदेशक नयी दिल्ली गीता देवी की बेटी मृदुला लता की मौत के मामले में पड़ताल करे.
तिलकामांझी की है रहनेवाली
सीबीआइ निदेशक से बेटी की मौत पर जांच करने की सिफारिश
कुटुंब न्यायायल का गार्जियनशिप एक्ट पर फैसला
नतिनी के अभिभावक बनने के लिए दायर की थी याचिका
नतिनी के जन्म के साथ ही बेटी की हुई थी मौत
गीता देवी ने तीन वर्षों तक किया बच्ची का लालन-पालन