लखनऊ : उत्तर प्रदेश के तीन चिकित्सालयों को भारतीय गुणवत्ता परिषद द्वारा एनएबीएच का प्रवेश स्तरीय मान्यता प्रमाणपत्र मिला है. उक्त जानकारी प्रदेश के चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री सिद्धार्थ नाथ सिंह ने दी. उन्होंने बताया कि राज्य सरकार के प्रयास के परिणामस्वरूप प्रदेश के तीन चिकित्सालयों-जिला चिकित्सालय, बांदा, जिला चिकित्सालय जौनपुर तथा जिला महिला चिकित्सालय, आजमगढ़ को 14 नवंबर, 2017 को भारतीय गुणवत्ता परिषद के अधीन एनएबीएच का प्रवेश स्तरीय मान्यता प्रमाणपत्र प्रदान किया गया है. यह प्रमाण-पत्र इस बात का साक्ष्य है कि इन चिकित्सालयों द्वारा प्रदत्त स्वास्थ्य सुविधाओं में गुणात्मक सुधार हुआ है.
स्वास्थ्य मंत्री ने बताया कि शेष चिकित्सालयों को भी इसी प्रकार से प्रमाणीकृत कराये जाने की कार्यवाही करने के निर्देश अधिकारियों को दिये गये हैं, जिससे रोगियों को उच्च कोटि की चिकित्सा सुविधाएं मिल सकें. उन्होंने बताया कि सरकार का यह भी प्रयास है कि रोगी निजी अस्पतालों से उपचार कराने के बजाय सरकारी चिकित्सालयों में उपचार प्राप्त करें. इससे मरीजों को अनावश्यक व्यय नहीं करना पड़ेगा और उनके धन की बचत भी होगी. स्वास्थ्य मंत्री सिंह ने बताया कि उत्तर प्रदेश स्वास्थ्य सेवा मजबूतीकरण परियोजना प्रदेश के 51 जिलास्तरीय चिकित्सालयों को नेशनल एक्रीडिटेशन बोर्ड फॉर हॉस्पिटल एंड हेल्थ केयर (एनएबीएच) के अंतर्गत गुणवत्ता, सक्षम एवं उत्तरदायी बनाने हेतु क्रियाशील है. इससे चिकित्सालयों के स्वरूप एवं प्रदत्त सेवाओं में आपेक्षित सुधार परिलक्षित हो रहा है.