पटना : बिहार के उपमुख्यमंत्री सह वाणिज्यकर मंत्री सुशील कुमार मोदी ने आज कहा कि जीएसटी दरों में कटौती का लाभ जनता तक नहीं पहुंचाने वाली कंपनियों, डीलरों पर कार्रवाई की जायेगी. पटना में आज संवाददाताओं को संबोधित करते हुए सुशील मोदी ने कहा कि जीएसटी के तहत कर दरों में भारी कटौती का लाभ उपभोक्ताओं को मिलना चाहिए. इसलिए कंपनियों और वितरकों से अपेक्षा है कि वे वस्तुओं के मूल्य में कटौती करेंगे और आम जनता को इसका लाभ पहुंचाएंगे. उन्होंने कहा कि अगर कोई व्यापारी उत्पादों पर मुनाफाखोरी करता है और करों में कटौती का लाभ जनता तक नहीं पहुंचाता है तो इसके लिए मुनाफाखोरी रोधी प्राधिकार का गठन किया गया है.
सुशीलमोदी ने कहा कि राज्य सरकार ने एक राज्य जांच समिति का गठन किया है, जिसके पास कोई भी व्यक्ति शिकायत दर्ज करा सकता है. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार अपने स्तर से भी यह छानबीन करेगी कि कर दरों में कमी का लाभ जनता को मिल रहा है कि नहीं. सुशील ने जांच समिति जांच पड़ताल के बाद राष्ट्रीय स्तर पर गठित प्राधिकार को सूचित करेगी. जिसके आधार पर मुनाफाखोरी करने वाली कंपनियों डीलरों पर कार्रवाई की जायेगी. उन्होंने कहा कि जीएसटी काउंसिल की गुवाहाटी बैठक में सर्वसम्मति से 28 प्रतिशत स्लैब वाली लगभग 175 वस्तुओं को 28 से घटाकर 18 प्रतिशत वर्ग में रखा गया है.
डिप्टी सीएम सुशील मोदी ने कहा कि इसके पहले भी इसमें से अधिकांश वस्तुओं पर प्री जीएसटी यथा एक्साइज डयूटी 12.50 प्रतिशत, वैट 14.50 प्रतिशत, सीएसटी 2.00 प्रतिशत तथा कैसकैडिंग 2.00 प्रतिशत यानि कुल 31.00 प्रतिशत के लगभग टैक्स था. जिस कारण से इन्हें जीएसटी में 28 प्रतिशत के स्लैब में रखा गया था. उन्होंने कहा कि पिछले 3 माह में जीएसटी काउंसिल में इस पर विचार चल रहा था. फिटमेंट समिति की अनुशंसा के आधार पर उपरोक्त वस्तुओं को 18 प्रतिशत के सलैब में शामिल किया गया है.
सुशीलमोदी ने कहा कि अब विलासिता और व्हाइट गुड्स को छोड़ कर अधिकांश वस्तुएं 18 प्रतिशत की श्रेणी में आ गयी है. उन्होंने कहा कि फर्नीचर, पंखा, सेनिटरी के सामान, हाथ घड़ी, चाकलेट, गोगल्स, शैम्पू, डिटर्जेट पाउडर, सूटकेश, महिला एवं पुरुष की प्रसाधन सामग्री, प्लाईवुड, गेनाइट आदि वस्तुएं जो पहले 28 प्रतिशत में थी उन्हें 18 प्रतिशत में लाया गया है.
उपमुख्यमंत्री ने कहा कि जीएसटी काउंसिल ने रेस्तरां में कर दर को भी 12 अथवा 18 प्रतिशत से घटाकर 5 प्रतिशत कर दिया है. उन्होंने बताया कि एक करोड़ तक टर्नओवर वाले रेस्तरां यदि कंपोजिट योजना में शामिल है तो वे उपभोक्ता से कोई कर वसूल नहीं सकेंगे तथा 5 प्रतिशत कर अपने मुनाफे में से भुगतान करेंगे. सुशीलमोदी ने बताया कि जीएसटी काउंसिल रिटर्न, एचएसएन कोड, इंव्यास मैचिंग आदि की प्रक्रिया को भी सरल करने में लगी है.
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