पटना : बिहार की राजधानी पटना वैसे ही प्रदूषण की मार झेल रही है. अब ऊपर से शहर की साफ-सफाई जिनके हाथों में है, वह हड़ताल पर जा रहे हैं. इस वजह से पूरे पटना की सूरत काफी बजबजा सकती है. जी हां, 3800 नियमित और दैनिक कर्मचारी आज से साफ-सफाई का काम नहीं करेंगे. अपनी मांगों के समर्थन में यह कर्मचारी हड़ताल पर रहेंगे. समझा जा सकता है कि शहर का क्या हाल होगा. इस हड़ताल को निगम के चतुर्थवर्गीय कर्मचारी महासंघ ने बुलाया है. सभी कर्मचारी चारों अंचल के मुख्यालय पर विरोध प्रदर्शन करेंगे संघ के नेताओं ने मीडिया से कहा कि निगम प्रशासन कर्मियों की हित की अनदेखी कर रहा है. कई बार मांगों को लेकर संघ और निगम प्रशासन के बीच वार्ता हुई पर हर बार सिर्फ आश्वासन ही मिला.
उधर, निगम के अधिकारी अड़े हुए हैं, उनका कहना है कि कर्मचारियों द्वारा बुलायी गयी, यह हड़ताल पूरी तरह अवैधहै.अधिकारियों के मुताबिक संघ ने हड़ताल की एक चिट्ठी दी है. लेकिन, संघ के किसी पदाधिकारी से इस संबंध में उनकी कोई वार्ता नहीं हुई है. संघ को कर्मियों का कितना समर्थन मिलता है, इसका पता आज यानी सोमवार को लग जायेगा. अधिकारी कहते हैं कि जितने भी दैनिक सफाईकर्मी हैं, उन्हें समय पर भुगतान होता है. अगर वह काम पर नहीं आयेंगे, तो उनका भुगतान नहीं होगा. शहर में सफाई के लिए वैकल्पिक व्यवस्था की जायेगी. गौरतलब हो कि पटना में डेंगू का प्रकोप जोरों पर है और ऐसा होने से स्थिति और खराब होगी.
कर्मचारी संघों की मांग है कि निगम कर्मचारियों के लिए आजीवन पेंशन लागू करे और दैनिक मजदूरों का वेतन कम से कम 381 रुपये प्रतिदिन हो. साथ ही केंद्र सरकार से अनुमोदित न्यूनतम वेतन 24 हजार रुपये करे. नियमित कर्मचारियों के लिए नया वेतनमान लागू हो. हर महीने की पांच तारीख तक वेतन का भुगतना हो. पीएफ की कटौती की जानकारी दी जाये. जितने भी दैनिक कर्मचारी हैं, उन्हें नियमित किया जाए. ग्रुप सी और ग्रुप डी के रिक्त पदों पर नियुक्ति की जाये और काम करने के लिए सही पोशाक और सुरक्षा की व्यवस्था की जाये.
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