श्री मरांडी ने कहा कि 17 साल में झारखंड में जितना प्रयोग होना चाहिये, वह सभी प्रयोग हुआ. अौर कोई प्रयोग नहीं बचा. 17 साल में नौ मुख्यमंत्री ने शपथ ली. इसमें से 14 साल में आठ मुख्यमंत्री ने शपथ ली. झारखंड की राजनीति उठा पटक भरी रही, जिस कारण राज्य की जनता ने बहुमत के भुलावे में आकर भाजपा को जितना वह हकदार नहीं थी, उससे ज्यादा वोट दिया, लेकिन तीन वर्षों में सिर्फ घोषणायें, इवेंट मैनेजमेंट अौर देश-विदेश में रोड शो ही हुए.
श्री मरांडी ने कहा कि राज्य के 17 साल हो गये अौर राज्य अब बालिग (18 साल) होने वाला है, इसलिए उन्होंने 2019 में सोंच-समझ कर घर बसाने की अपील की. मौके पर केंद्रीय महासचिव अभय सिंह, केंद्रीय प्रवक्ता अजीज मुबारकी, बुद्धिजीवी मंच के केंद्रीय अध्यक्ष जटा शंकर पांडेय, जिला अध्यक्ष बबुआ सिंह, कला संस्कृति मंच के अध्यक्ष आलोक वाजपेयी, गुरुचरण सिंह बिल्ला, उषा सिंह, विकास जायसवाल. कार्यक्रम की अध्यक्षता जटा शंकर पांडेय ने की तथा धन्यवाद ज्ञापन बबुआ सिंह ने किया.
कार्यक्रम का संचालन मंच के केंद्रीय महासचिव ललन चौहान ने किया. झारखंड देश का अभागा राज्य : झाविमो के केंद्रीय महासचिव अभय सिंह ने कहा कि बाबूलाल मरांडी के 28 माह के कार्यकाल को लोग अब भी याद करते हैं. 28 माह में राज्य में एक हजार पुल-पुलिया बने. श्री मरांडी ने भ्रष्टाचार से कभी समझौता नहीं किया. 17 साल में राज्य की सरकार स्थानीयता नीति (डोमेसाइल) को परिभाषित नहीं कर सकी.