रांची नगर निगम ने मेन रोड की पार्किंग संभाल रही बेंगलुरु की कंपनी जीनॉस्टिक सॉल्युशन को चलता कर दिया है. रविवार को नगर आयुक्त शांतनु अग्रहरि ने कंपनी के साथ हुए एकरारनामे को रद्द करते हुए रांची नगर निगम को मेन रोड की पार्किंग व्यवस्था संभालने का आदेश जारी किया है. सोमवार से नगर निगम के कर्मचारी मेन रोड में पार्किंग शुल्क वसूलने का काम शुरू कर देंगे.
रांची: नगर आयुक्त शांतनु अग्रहरि द्वारा जारी आदेश में जीनॉस्टिक सॉल्युशन के कर्मचारियों द्वारा आमलोगों के साथ की जा रही बदसलूकी और दुर्व्यवहार को एकरारनामा रद्द किये जाने का प्रमुख कारण बताया गया है. अब नगर निगम मेन रोड की पार्किंग के लिए नये सिरे से टेंडर निकालेगा. जब तक टेंडर को फाइनल नहीं हो जाता, तब तक नगर निगम के कर्मचारी ही मेन रोड में पार्किंग शुल्क की वसूली करेंगे.
इधर, रांची नगर निगम द्वारा शुरू की गयी नयी व्यवस्था के तहत अब दोपहिया वाहनों से प्रति तीन घंटे की पार्किंग के लिए 10 रुपये लिये जायेंगे. वहीं, चारपहिया वाहन से प्रति तीन घंटे के लिए 30 रुपये वसूले जायेंगे. एक बार पार्किंग शुल्क देने के बाद वाहन चालक तीन घंटे तक पार्किंग की रसीद दिखाकर पूरे मेन रोड में कहीं पर भी अपना वाहन खड़ा कर सकता है. तय समय तक उससे दोबारा किसी तरह का पार्किंग शुल्क नहीं वसूला जायेगा.
एकरारनामा रद्द करने के कारण भी गिनाये
- कंपनी के कर्मचारी यूनिफॉर्म में नहीं रहते हैं, जिससे लोगों को पता ही नहीं चलता है कि किस कर्मचारी को पार्किंग चार्ज वसूलने के लिए लगाया गया है
- कंपनी के कर्मचारियों द्वारा लोगों के साथ दुर्व्यवहार की खबरें लगातार मिल रही हैं
- ठेकेदार जो पार्किंग रसीद उपलब्ध कराता है, उसमें लिखा होता है कि वाहन की जिम्मेदारी वाहन मालिक की है. वह केवल स्थान उपलब्ध कराता है
- पांच मिनट के लिए भी अगर कोई व्यक्ति सड़क पर वाहन खड़ा करता है, तो उस वाहन को क्रेन से उठवा लिया जाता है
- कंपनी के कर्मचारियों के पास हैंड हेल्ड मशीन भी नहीं रहती है, जिससे कर्मचारी लोगों से मनमानी करते हैं
- एकरारनामा के मुताबिक कंपनी को सभी कर्मचारियों का पुलिस वेरिफिकेशन करवाकर इसकी सूचना निगम को देनी थी, जो नहीं दी गयी
- कंपनी के इन कार्यों के कारण शहर के आम जनता को तो परेशानी हुई ही, जिससे निगम की छवि भी धूमिल हुई. इसके लिए केवल कंपनी जिम्मेदार है
- एकरारनामा के उल्लंघन पर कंपनी को कई नोटिस दी गयी, लेकिन कंपनी का इस पर जवाब भ्रामक एवं तथ्य से परे होता है एवं कंपनी सारे आरोपों को निगम पर ही मढ़ देती है.
- एकरारनामा के उल्लंघन पर नगर निगम ने कंपनी पर 3.45 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया, लेकिन वह राशि भी कंपनी ने निगम में जमा नहीं की.