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बिहार : 30 लाख फिरौती के लिए अगवा एलआइसी एजेंट, SIT के इस प्लान से बरामद हुए महेंद्र गुप्ता

लखीसराय : बिहार पुलिस की विशेष जांच टीम ने लखीसराय जिले से अपहृत एलआइसी एजेंट महेंद्र गुप्ता को अपहरणकर्ताओं के चंगुल से मुक्त करा लिया है. जानकारी के मुताबिक इसके लिए विशेष जांच टीम को कई एक्शन लेने पड़े और पूरी टीम ने काफी संघर्ष के बाद एजेंट को जमुई जिले के चंद्रदीप थाना क्षेत्र […]

लखीसराय : बिहार पुलिस की विशेष जांच टीम ने लखीसराय जिले से अपहृत एलआइसी एजेंट महेंद्र गुप्ता को अपहरणकर्ताओं के चंगुल से मुक्त करा लिया है. जानकारी के मुताबिक इसके लिए विशेष जांच टीम को कई एक्शन लेने पड़े और पूरी टीम ने काफी संघर्ष के बाद एजेंट को जमुई जिले के चंद्रदीप थाना क्षेत्र के कुंड के पार बलुआडीह पहाड़ से बरामद कर लिया. एक बार फिर बिहार पुलिस की एसआइटी टीम ने साबित कर दिया कि अपराधी उनके चंगुल से दूर नहीं हैं. लगातार सात दिनों तक अपहरणकर्ताओं के चंगुल में रहने वाले एजेंट महेंद्र गुप्ता काफी डरे हुए हैं. उन्हें इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया है. एजेंट महेंद्र गुप्ता का अपहरण करने के बाद अपहरणकर्ताओं ने परिजनों से 30 लाख फिरौती की मांग की थी. बता दें कि 3 नवंबर को लखीसराय से प्रतापपुर गांव जाने के क्रम में एजेंट का ककरौड़ी गांव के समीप से अपहरण कर लिया गया था. एजेंट का सुराग नहीं मिलने पर परिजनों एवं ग्रामीणों का आक्रोश पुलिस के प्रति लगातार बढ़ता जा रहा था. शुक्रवार को भी अपहरण के विरोध में लखीसराय बाजार को बंद रखा गया. इसके पहले भी आक्रोशित लोगों ने जिला समाहरणालय के समीप मुख्य मार्ग को लगभग तीन घंटे तक जाम रखा था.

जानकारी के मुताबिक जमुई में एजेंट का लोकेशन मिलने के बाद जमुई के प्रभारी एसपी शफीउल हक के साथ एसटीएफ एसओजी वन की टीम ने कड़ी मशक्कत के बाद ये कामयाबी हासिल की हैं जंगली इलाका होने के चलते पुलिस तीन तरफ से इलाके को घेर रखा हैं. बताया जा रहा है कि अपहरणकर्ताओं और एसटीएफ के बीच मुठभेड़ भी हुई हैं. एजेंट के बरामदगी के बाद पुलिस ने राहत कि सांस ली हैं. एजेंट के अपहरण के बाद एसपी अरविंद ठाकुर ने एसआईटी गठित किया था. लेकिन सात दिन बीत जाने के बाद भी कोई सुराग नहीं मिलने पर आइजी के निर्देश पर एसटीएफ को इस महत्वपूर्ण काम में शामिल किया गया था. एसटीएफ के डीएसपी आलोक कुमार के नेतृत्व में एसटीएफ एसओजी-1 की टीम ने छापेमारी कर महेंद्र गुप्ता को बरामद कर लिया.

अपहरणकर्ताओं द्वारा लगातार ठिकाना बदला जा रहा था. इधर, पुलिस नक्सलियों द्वारा इस कृत्य को अंजाम देने की संभावनाओं पर विचार कर रही थी. लेकिन जैसे ही मोबाइल का लोकेशन मिला, एसआइटी ने कमर कस ली. एजेंट महेन्द्र गुप्ता का अपहरण करने के बाद अपहरणकर्ताओं ने परिजनों से 30 लाख फिरौती की मांग की थी. घटना के बाद से स्थानीय लोगों में काफी आक्रोश था. लोग पुलिस के प्रति अपने गुस्से का इजहार कर रहे थे. इधर, पुलिस भी एजेंट की बरामदगी के लिए पूरा प्रयास कर रही थी. शुक्रवार का दिन विशेष जांच टीम के लिए सही साबित हुआ. इधर, बरामदगी के लिए विरोध प्रदर्शन कर रहे थे और उधर पुलिस एजेंट की बरामदगी के लिए हर संभव कदम उठा रही थी. आखिरकार, अंत में एजेंट का लोकेशन मिला और पुलिस ने महेंद्र गुप्ता को सही सलामत बरामद कर लिया.

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