नयी दिल्ली : जीएसटी काउंसिल की बैठक शुक्रवार को गुवाहाटी में जारी है. लोगों को बैठक के बाद बड़ी राहत मिलने की उम्मीद है. इसी बीच कांग्रेस नेता पी चिदंबरम ने जीएसटी को लेकर मोदी सरकार पर कटाक्ष किया है. उन्होंने कहा है कि गुवाहाटी में जीएसटी परिषद बैठक के बाद बदलावों की बौछार होने की उम्मीद है और दहशत में आयी मोदी सरकार के पास नयी कर दरें बदलने के अलावा कोई चारा नहीं है.
केंद्रीय वित्तमंत्री अरुण जेटली की अध्यक्षता में उच्च अधिकार प्राप्त समिति जीएसटी दरों पर चर्चा के लिए असम के शहर में बैठक कर रही है. चिदंबरम ने ट्वीट किया, गुजरात चुनाव के कारण सरकार जीएसटी के क्रियान्वयन में खामियों पर विपक्ष और विशेषज्ञों की सलाह पर ध्यान देने के लिए मजबूर है. कांग्रेस शासित राज्यों के वित्त मंत्रियों के जेटली को लिखे पत्र आज जीएसटी परिषद में चर्चा का सुर तय करेंगे.
चिदंबरम ने कहा कि कांग्रेस के वित्त मंत्रियों के पत्र ने जीएसटी के डिजाइन और इसके क्रियान्वयन में संरचनात्मक खामियों का खुलासा किया. सरकार अब इन मुद्दों को छुपा नहीं सकती है. कांग्रेस के नेता ने कहा कि सरकार ने जीएसटी विधेयकों पर राज्यसभा में बहस और मतदान नहीं किया लेकिन वह सार्वजनिक मंच या जीएसटी परिषद में बहस से नहीं बच सकती. उन्होंने कहा कि कांग्रेस के वित्त मंत्री आज जीएसटी परिषद बैठक में बदलाव पर जोर देंगे. आगरा, सूरत, तिरुपुर और अन्य शहर देख रहे हैं. कांग्रेस शासित राज्यों के वित्त मंत्रियों ने माल एवं सेवा कर (जीएसटी) के बडे बदलाव की पिछले सप्ताह मांग करते हुए आरोप लगाया था कि कर सुधार के लिए उठाए गये कदम खराब क्रियान्वयन के कारण बडी निराशा बन गये हैं.
बैठक की इन बातों पर नजर
इन पर टैक्स घटेगा!
शैंपू, डिटर्जेंट, इलेक्ट्रिक स्विच, हैंडमेड फर्नीचर, घड़ी, वाद्य यंत्र, बाथ शिंक, वाश बेसिन, सूटकेस, वाल पेपर, अग्निशमन यंत्र, स्टेशनरी आइटम, प्लाइवुड आदि. इन पर 28% जीएसटी था.
ये वस्तुएं 28 फीसदी के स्लैब में ही रहेंगी
डिजिटल कैमरा, शेविंग क्रीम, पेंट्स, वार्निश, सिगार, पान मसाला, चॉकलेट, कॉस्मेटिक्स, रेफ्रेजेरेटर, वाशिंग मशीन, हेयर डाय, मार्बल, ग्रेनाइट आदि.
एजेंडा में यह भी
रीयल स्टेट सेक्टर को जीएसटी के दायरे में लाना
सभी करदाताओं को मासिक रिटर्न की सुविधा
रिटर्न लेट फी को 200 रुपये से घटा 50 रुपये प्रतिदिन करना
उपभोक्ताओं के हित में एमआरपी को जीएसटी में शामिल करना
कंपोजिशन स्कीम के तहत दो प्रस्ताव
1. जो कारोबारी अपने कुल टर्नओवर से टैक्स-फ्री सामानों की बिक्री को बाहर रखना चाहते हैं, वे एक फीसदी जीएसटी दे सकते हैं.
2. वे कारोबारी, जो कुल टर्नओवर पर टैक्स देते हैं, उनके लिए टैक्स रेट 0.5 फीसदी की सिफारिश की गयी है.
एसी रेस्टूरेंट : 12% के स्लैब में लाये जाने की संभावना
परिषद की बैठक में निर्माताओं और रेस्टूरेंट्स के लिए टैक्स रेट को घटाकर एक फीसदी करने पर विचार होगा. जीएसटी पर गठित मंत्रियों के समूह ने यह सुझाव दिया है. फिलहाल, निर्माता दो फीसदी जबकि रेस्टूरेंट पांच फीसदी टैक्स रेट में हैं. कारोबारियों को एक फीसदी जीएसटी देना होता है. मंत्री समूह ने कंपोजिशन स्कीम से बाहर एसी और नॉन-एसी रेस्टूरेंट के बीच टैक्स रेट के अंतर को हटाने की सिफारिश की है. उनसे 12 % टैक्स लेने की सिफारिश है. जिन होटल्स के टैरिफ 7,500 रुपये से ज्यादा हैं, को 18% टैक्स रेट के दायरे में लाने पर भी विचार होगा.